यूक्रेन में हमलों का सिलसिला ऐसा हो चला है कि अब कीव में राष्ट्रपति भवन के आस-पास बम और मिसाइलें गिरने लगी हैं। ख़ेरसॉन से लेकर क्रायमिया तक जंग इस तरह से लड़ी जा रही है जैसे इसे पुतिन जल्दी से जल्दी ख़त्म करना चाहते हैं। पुतिन की पलटन लगातार अटैक पर अटैक कर रही है। टैंक रेजिमेंट्स के साथ साथ रॉकेट रेजिमेंट लगातार गोले और रॉकेट से हमलों को अंजाम दे रही है।
यूक्रेन के पास अब NATO से मिले अत्याधुनिक हथियार हैं। जिनसे वो अपनी रक्षा भी कर रहा है और रूस को जवाब भी दे रहा है। अमेरिका अंदेशा जता चुका है कि ये युद्ध अभी समाप्त नहीं होने वाला है। जबकि चीन ने प्रण लिया है कि किसी भी हाल में वो युद्ध रुकवा के रहेगा, लेकिन लगता नहीं कि ये युद्ध अभी रुकने वाला है। क्योंकि रूस लगातार इस युद्ध में नए हथियार उतार रहा है। और कहीं ज़्यादा ख़तरनाक हथियारों से हमले कर रहा है। यहां तक कि ऐसे हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है, जो अब तक इंसानी इतिहास में कभी भी, कहीं भी जंग में इस्तेमाल नहीं हुआ था। जबकि यूक्रेन को भी अमेरिका समेत यूरोप के कई मुल्कों से अत्याधुनिक हथियार की अच्छी ख़ासी ख़ेप मिली है। इसी ख़ेप के दम पर अब यूक्रेन के राष्ट्र काउंटर ऑफ़ेंस का दंभ भर रहे हैं।
एक अमेरिकी अख़बार को दिए इंटरव्यू में यूक्रेन के राष्ट्रपति वॉलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वो रूस के क़ब्ज़े वाले इलाक़े को वापस हासिल करने के लिए हमले की तैयारी कर चुका है। और कभी भी अपना काउंटर ऑफ़ेंसिव ऑपरेशन शुरू कर सकता हैं। ज़ेलेंस्की ने कहा कि “हम रूस के क़ब्ज़े वाले क्षेत्र पर फिर से क़ब्ज़ा करने के लिए अपने लंबे समय से प्रतीक्षित जवाबी हमले को शुरू करने के लिए तैयार हैं। हम दृढ़ता से मानते हैं कि हम सफल होंगे। हालांकि मुझे नहीं पता कि इसमें कितना समय लगेगा लेकिन हम इसे करने जा रहे हैं, और हम तैयार हैं।”
दरअसल ज़ेलेंस्की लगातार पश्चिमी मुल्कों से हथियारों की मांग कर रहे हैं। उन्हें लम्बी दूरी के हथियारों की अच्छी ख़ासी ख़ेप मिल चुकी है। इसके साथ ही ज़ेलेंस्की को जवाबी हमले के लिए जिन बख़्तरबंद गाड़ियों की ज़रूरत थी वे भी अच्छी ख़ासी तादाद में कीव पहुंच चुके हैं। वहीं रूस के हमलों को रोकने के लिए रक्षा कवच के तौर पर अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी से दुनिया के सबसे अच्छे माने जाने वाले एयर डिफ़ेंस सिस्टम भी युद्ध के मैदान में उतर चुके हैं। हालांकि इसे ज़ेलेंस्की की कूटनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। जो रूस पर जवाबी हमला कर के पश्चिमी मुल्कों और ख़ास तौर पर अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं कि वे यूक्रेन को और ज़्यादा तेज़ी से लम्बी दूरी तक हमला करने वाले हथियार मुहैया कराए। इसके साथ ही उनके सैनिकों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक ब्रैडली वाहनों की ख़ेप कीव को भेजते रहे।
अमेरिका में यूक्रेन के जवानों की एब्रम्स टैंकों पर ट्रेनिंग चल रही है। यूक्रेन को उम्मीद है कि दुनिया के सबसे ताक़तवर टैंकों में शुमार होने वाले और रूस के T-90 टैंक को टक्कर देने वाले अमेरिका के M1A1 और M1A2 एब्रम्स टैंक जल्द हीयुद्ध के मैदान में उतर जाएंगे, जिसकी रेंज 400 किलोमीटर से ज़्यादा है।