ATTACK IN JAMMU: हिंदू बहुल जम्मू में तोबड़तोड़ हमले, क्यों 30 साल बाद फिर टारगेट पर जम्मू?

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ATTACK IN JAMMU: जम्मू के डोडा में हमला पाकिस्तान की नई रणनीति का हिस्सा है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की बदली रणनीति बेहद आक्रामक जम्मू को लेकर बनी है। जम्मू में सेना को टारगेट करना आतंकवादियों का एक मात्र मकसद बताया जा रहा है। आतंकी हमलों की पूरी सीरीज देखें तो पहले रियासी, फिर कठुआ और अब डोडा…मतलब जम्मू में जगह बदल रहे हैं…लेकिन हर जमीन जम्मू की ही है। और इसके पीछे की वजह है पाकिस्तान की बदली हुई नई रणनीति।

370 हटने के बाद घबराया पाकिस्तान

पाकिस्तान अब जम्मू को लेकर बिल्कुल नई रणनीति पर काम कर रहा है। क्योंकि आर्टिकल 370 (ARTICLE 370) हटने के बाद से कश्मीर में सिक्योरिटी इतनी टाइट कर दी गई है कि वहां आतंकियों की दाल गल नहीं रही है। इसकी वजह से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI बेहद दबाव में है। श्रीनगर में आतंकियों को अब पहले जैसा OGW नेटवर्क यानी ओवर ग्राउंड वर्कर नहीं मिल रहे हैं। यानी जो स्थानीय मदद आतंकियों को कश्मीर में मिलती थी वो अब नहीं मिल पा रही है। इसलिए पाकिस्तान ने आतंकियों के लिए जम्मू को नए मैदान के तौर पर चुना है।

जम्मू में आतंकियों की घुसपैठ

बताया जा रहा है कि जम्मू में लगभग 50 विदेशी आतंकवादी हाल के दिनों में घुसपैठ करके आए हैं। सेना को डोडा में हाल में आतंकियों की घुसपैठ की जानकारी मिली थी और इसी जानकारी के आधार पर आतंकियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया गया जिसमें ये हमला हुआ।

राजौरी पुंछ क्षेत्र में आतंकियों की संख्या 10-12 फिलहाल बताई जा रही है। डोडा रियासी क्षेत्र में आतंकियों की संख्या 20-25 बताई जा रही है।

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आतंकी संगठनों का नया फरमान

रक्षा सूत्रों से पता ये भी चला है कि डोडा और रियासी के नए आतंकी समूह मौलाना मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश से जुड़े हैं। जबकि राजौरी पुंछ में आतंकी ग्रुप हाफिज सईद के PAFF/लश्कर से हैं। मतलब पाकिस्तान ने प्लैन बनाकर जम्मू को अपना मैदान बनाया। आंतकी आका अपने पालतू दहशतगर्दों को भेजकर जम्मू में सीरियल अटैक को अंजाम देर रहे हैं । लेकिन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और आतंकपरस्तों के प्लैन का पर्दाफ़ाश हो चुका है ।

पाकिस्तान को पता है कि जम्मू में सेना को शिफ्ट करने में वक्त लगेगा। जम्मू में सिक्योरिटी टाइट करने में लगने वाले वक्त का फायदा पाकिस्तान और उसके पालतू आतंकी उठा रहे हैं। लेकिन अब उनके इस नापाक प्लैन का पर्दाफाश हो चुका है और आतंकियों का काउंटडाउन भी शुरू हो गया है।

कश्मीर टाइगर्स ने किया हमला

डोडा आतंकी हमले (ATTACK IN JAMMU) को अंजाम देने की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स की कलई भी खुल गई है। ये आतंकी संगठन उसी मौलाना मसूद अजहर की बारूदी पलटन की ब्रांच है जिसने पुलवामा आत्मघाती हमला करवाया था।

  • कश्मीर टाइगर्स जम्मू-कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद का शैडो आतंकवादी संगठन है।
  • कश्मीर टाइगर्स का नाम पहली बार जनवरी 2021 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खात्मे के बाद सुर्खियों में आया था।
  • सुरक्षा बल के मुताबिक पहली बार जून 2021 में दक्षिण कश्मीर में ग्रेनेड हमला करने की जिम्मेदारी इस टेरर ग्रुप ने ली थी।
    दिसंबर 2021 में आतंकवादी संगठन ने श्रीनगर में एक पुलिस बस पर हमला किया, जिसमें तीन लोग की मौत और 11 लोग घायल हुए थे।
    अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद, कश्मीर टाइगर्स जैसे कई नए आतंकी संगठनों ने सुरक्षा बल को निशाना बनाना शुरू किया ।

आतंकियों के खात्मे का प्लान

लेकिन घाटी में सुरक्षा मुस्तैदी ने इन दहशतगर्दों की साजिशों को नाकाम कर दिया। जिसके बाद सरहद पार बैठे आतंकी आकाओं के हुक्म पर सभी टेरर ग्रुप ने जम्मू में जड़ें जमानी शुरू कीं । इन्हें टेरर ट्रेनिंग और लीड करने के लिए पीओके से उन आतंकी कमांडरों को जम्मू में घुसपैठ कर भेजा गया जो 90 के दशक में कश्मीर में सक्रिय थे ।

अनुभवी आतंकियों और नए रिक्रूट मिलकर जम्मू में आतंक बरपा रहे हैं । लेकिन इनका तलाशी अभियान तूफानी अंदाज में चल रहा है। जंगलों में सेना के हेलिकॉप्टर मंडरा रहे हैं। स्निफर डॉग्स आतंकियों को अड्डे खोज रहे हैं। आतंकियों का साया भी दिखा तो खोपड़ी उड़ा दी जाएगी। जम्मू संभाग में आतंकियों के समूल नाश के लिए सेना ऑपरेश सर्प विनाश के तर्ज पर ऐक्शन शुरू कर चुकी है ।

90 के दशक में जम्मू में हुए थे हमले

1990 में आतंकी संगठनों ने कश्मीर के साथ जम्मू संभाग में जड़े जमा ली थीं। तब सुरक्षा बलों पर हमले, बम विस्फोट और हत्याओं का दौर शुरु हो गया था। जम्मू में (ATTACK IN JAMMU) आतंकियों के खात्म के लिए तब सेना ने ऑपरेशन सर्प विनाश शुरू किया था। जिसके तहत जम्मू संभाग में आतंक के हॉटस्पॉट की पहचान कर वहां सुरक्षा बल की भारी तैनाती की गई। आतंकवादियों से निपटने के लिए विशेष आतंकवाद विरोधी इकाइयां बनाई गई थी। पीर पंजाल रेंज के हिल काका इलाके में एक झटके में सभी आतंकी अड्डे तबाह कर दिए गए थे। तब महज एक महीने में आतंकियों का नामोनिशान मिटा दिया गया था ।

सर्विलांस और तकनीक पर सेना को जोर

सेना ने आतंकवादी नेटवर्क की पहचान करने और उन पर नजर रखने और जवाबी कार्रवाई के लिए इंटेलिजेंस इनपुट को और स्ट्रॉन्ग बनाया है। सुरक्षा बल इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और तकनीक के इस्तेमाल पर भी जोर दे रहे हैं । क्योंकि जम्मू में घूसपैठ कर आए पाकिस्तानी आतंकी ऐप के जरिए दहशत फैला रहे हैं । इन हाईटेक आतंकियों का काम तमाम तकनीक के जरिए ही सेना करने जा रही है ।

आतंकियों का अंत तुरंत करने के मिशन पर सेना जुटी है। जम्म हो या कश्मीर आतंक का प्रायोजक पाकिस्तान है। पाकिस्तान में पल रहे हाफिज और मसूद जैसे आतंकी आका हैं। इन आतंकी आकाओं के कारखाने से निकले बारूदी गीदड़ों की मौत आई है, इसलिए ये जम्मू की तरफ दौड़े चले आ रहे हैं। लेकिन जितने आतंकी आएंगे सबके सब मारे जाएंगे इसका ऐलान सेना ने कर दिया है।

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