South India Election: कभी रैली, कभी रोड शो और हर जगह मोदी के चेहरे पर दिखता 400 सीटों वाला आत्मविश्वास। दक्षिण भारत में पीएम नरेंद्र मोदी का धुआंधार दौरा जारी है। पीएम मोदी दक्षिण भारत के 5 बड़े राज्यों तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के दौरे पर हैं।
लोकसभा तारीखों के ऐलान से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण से अपने चुनाव प्रचार अभियान का बिगुल फूंक दिया था। दक्षिण बीजेपी के लिए उम्मीद का सबसे बड़ा द्वार है। अगर खुला ये द्वार तो बड़ी आसानी से बीजेपी 400 प्लस सीटों का आंकड़ा पार कर लेगी।
South India Election: मोदी का मिशन दक्षिण
प्रधानमंत्री दक्षिण (South India Election) के सियासी गढ़ में बीजेपी के कमल खिलाने के मिशन पर हैं। ये मिशन आसान नहीं है, क्योंकि कर्नाटक को छोड़कर बीजेपी को अभी तक सिर्फ तेलंगाना में थोड़ी सियासी ऑक्सीजन मिल पाई है। यही वजह है कि सिर्फ 10 दिनों में दो बार पीएम मोदी तेलंगाना का दौरा कर चुके हैं। 400 पार से मिशन को साधने के लिए पीएम मोदी हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी और पीएम मोदी की इस कोशिश से साफ है कि इस बार 129 सीटों वाला दक्षिण भाजपा के लिए कितना अहम है। बीते लोक सभा चुनाव में भाजपा को इनमें से 29 सीटें ही मिली थी, जिनमें कर्नाटक में 25 और तेलंगाना की चार सीटें शामिल थीं। दक्षिण के बाकी राज्यों में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था।
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दक्कन फ़तह को निकले मोदी!
अब बीजेपी के अपने 370 और एनडीए के चार सौ पार के मिशन का दारोमदार दक्षिण भारत (South India Election) पर टिका है। इसके साथ ही बीजेपी को देश के बाकी हिस्से में अपनी ताकत बरकरार रखना होगा। प्रधानमंत्री ने 15 मार्च को केरल व तमिलनाडु में सभाएं कीं और तेलंगाना में रोड शो किया। 16 मार्च को पीएम तेलंगाना के नगरकुरनूल में रैली की और जनता के सामने अपने 10 सालों का लेखा जोखा दिया।
129 सीटों का ‘तिलिस्म’!
2024 में बीजेपी को अपना प्रदर्शन कितना बेहतर करना होगा साउथ में, इसे समझने के लिए 2019 के चुनाव नतीजे समझिए। पीएम ने केरल से अपने मिशन साउथ (South India Election) की शुरुआत की, उसके बाद तमिलनाडु गए।
- तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीट है। 2019 के चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली, वहीं वोट भी सिर्फ 4 प्रतिशत मिले
- केरल में 20 सीटें हैं, यहां भी बीजेपी का खाता नहीं खुला लेकिन वोट 13 प्रतिशत आए।
- तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं, यहां बीजेपी के हिस्से में 4 सीटें आईं थीं और वोट भी 20 प्रतिशत मिले थे।
- आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें हैं, 2019 में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली ती और वोट भी सिर्फ 1 प्रतिशत था।
- यानी साउथ के सभी राज्यों में सबसे खराब प्रदर्शन बीजेपी का आंध्र प्रदेश में ही रहा।
लेकिन कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटें जीतकर 2019 में बीजेपी ने आंध्र-केरल और तमिलनाडु की कसर पूरी कर दी। इस बार तो पीएम मोदी ने टारगेट ही 400 का रखा है और इसके लिए ज़ीरो से काम नहीं चलेगा। सीटों के नंबर बढ़ाने होंगे और सीटों के नंबर तभी बढ़ेंगे जब वोट बढ़ेंगे।
South India Election: तमिलनाडु
अब दक्षिण के पांच राज्यों में सभी पार्टियों की स्थिती सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं।
साल 2014 में बीजेपी को तमिलनाडु में 1 सीट मिली थी और 6 प्रतिशत वोट मिले थे। साल 2019 में सीट भी घट गई और वोट भी। ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 में AIADMK के साथ बीजेपी का गठबंधन था। AIADMK को 37 सीटें मिली थीं, लेकिन 2019 में AIADMK का भी सफाया हो गया। वोट शेयर भी 45 से 19 प्रतिशत पर पहुंच गया। वहीं, कांग्रेस और DMK का 2014 में खाता नहीं खुला था लेकिन 2019 में बाजी पलट गई। कांग्रेस को 8% और DMK को 24% वोट मिले
तमिल नाडु में बीजेपी का प्रदर्शन
- 2014 में BJP को एक सीट–6 प्रतिशत वोट
- 2019 में शून्य सीट
- 2019 में AIADMK का सफाया–वोट शेयर 45 से 19 %
- 2014 में UPA का खाता नहीं खुला
- 2019 में बाज़ी पलट गई
- कांग्रेस को 8 और DMK को 24% वोट
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South India Election: केरल
2014 और 2019 दोनों ही चुनावों में बीजेपी का खाता नहीं खुला। लेकिन वोट 10 प्रतिशत से 13 प्रतिशत हो गए। वहीं कांग्रेस को 2014 में 8 सीट मिली थी। 2019 में 15 सीट हो गई, वोट प्रतिशत में भी 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वहीं सीपीआईएम 2014 के मुकाबले में 2019 में सीटों के लिहाज से नुकसान में रही।
केरल में बीजेपी का प्रदर्शन
- 2014 और 2019 के चुनावों में BJP शून्य– वोट 10 प्रतिशत से 13 प्रतिशत हुआ
- कांग्रेस को 2014 में 8 सीट मिली थी
- 2019 में 15 सीट हो गई– वोट प्रतिशत में भी 6 % का इज़ाफ़ा
- CPIM को 2019 में सीटों के लिहाज से नुक़सान
South India Election: तेलंगाना
साल 2014 में बीजेपी को एक सीट मिली थी और 10 प्रतिशत वोट मिले थे. लेकिन 2019 में बीजेपी को 20 प्रतिशत वोट मिले और 4 सीटें मिली. वहीं, कांग्रेस को 2014 में 2 सीट मिली थी और 2019 में 3 सीटें मिलीं. वोट भी 5 प्रतिशत बढ़ गए. इस बार तो विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की है. तो उसे तेलंगाना से इस बार ज्यादा ही उम्मीद है. रही बात TRS की जिसे अब BRS के नाम से जाना जाता है. तो उसे 2014 में 11 सीट मिली थी और 2019 में 9 सीटें मिली…राज्य में TRS की सत्ता जा चुकी है. हालात कुछ अच्छे नहीं दिख रहे.
तेलंगाना में बीजेपी का प्रदर्शन
- 2014 में BJP को एक सीट मिली–10 % वोट मिले
- 2019 में BJP को 4 सीटें, 20 % वोट
- कांग्रेस को 2014 में 2 सीट
- कांग्रेस को 2019 में 3 सीटें
- विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत
- BRS को 2014 में 11 सीटें
- BRS को 2019 में 9 सीटें
South India Election: आंध्र प्रदेश
आंध्र में 2014 में बीजेपी को 2 सीट मिली थी और 9 प्रतिशत वोट मिले थे। लेकिन 2019 में सिर्फ एक प्रतिशत वोट मिला और सीट आई जीरो। 2014 में बीजेपी को इसलिए फायदा हुआ था क्योंकि टीडीपी के साथ मिलकर उसने चुनाव लड़ा था। लेकिन 2019 में दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े, दोनों को नुकसान हुआ। TDP 15 सीट से 3 सीट पर खिसक गई, हालांकि उसका वोट 11 प्रतिशत बढ़ा। वहीं कांग्रेस की हालत लगातार वहां खराब हो रही है,12 प्रतिशत वोट से कांग्रेस 2 प्रतिशत वोट पर आ गई है। YSR कांग्रेस 2014 में 8 सीट से 2019 में 22 सीटों पर पहुंच गई और वोट शेयर भी 50 प्रतिशत का रहा।
आंध्र प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन
- 2014 में BJP को 2 सीट–9 % वोट
- 2019 में एक प्रतिशत वोट
- 2014 में गठबंधन का फ़ायदा मिला
- 2019 में अलग-अलग चुनाव लड़े
- 2019 में TDP 15 सीट से 3 सीट पर पहुंची
- TRS का वोट 11 % बढ़ा
- कांग्रेस की हालत लगातार ख़राब
- 12 % वोट से 2 % वोट पर पहुंची कांग्रेस
- YSR कांग्रेस 2014 में 8 सीट
- 2019 में 22 सीटों पर पहुंच गई
- वोट शेयर भी 50 % का रहा
South India Election: कर्नाटक
दक्षिण में कर्नाटक एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी लोकसभा चुनाव में सबसे ताकतवर दिख रही है। 2014 में बीजेपी को 17 सीटें मिली थीं और 43 प्रतिशत वोट। 2019 में ये आंकड़े बढ़ गए. 25 सीट मिली और वोट 52 प्रतिशत। लेकिन कांग्रेस 2014 में 9 सीटों पर थी जो 2019 में घटकर 1 पर आ गई और जेडीएस 2 सीटों से एक सीट पर आ गई। इस बार बीजेपी और जेडीएस के बीच गठबंधन है और बीजेपी को उम्मीद है कि NDA गठबंधन 25 की 25 सीटें जीत लेगी।
कर्नाटक में बीजेपी का प्रदर्शन
- 2014 में BJP को 17 सीटें–43 % वोट
- 2019 में BJP को 25 सीटें– 52 % वोट
- 2014 में कांग्रेस को 9 सीटें
- 2019 में कांग्रेस को एक सीट
- 2014 में JDS को 2 सीटें
- 2019 में JDS को एक सीट