Umesh Pal Murder: अतीक गैंग पर राधे और साईं बाबा, बेटे का नाम असद नहीं कुछ और था

UMESH PAL MURDER: उमेश पाल केस में अतीक़ अहमद के घर से यूपी पुलिस को एक रजिस्टर मिला है। जिसमें कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। इस रजिस्टर में हत्या का हर वो सीक्रेट कोड वर्ड में लिखा है। उमेश पाल की हत्या की साज़िश जो रची गई उसके लिए अलग अलग कोड वर्ड तय किए गए थे जिनका एक एक राज़ इस रजिस्टर में दर्ज है।

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उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही पुलिस की दबिश जारी है। अतीक अहमद की फैमिली और उसके गैंग पर लगातार कार्रवाई जारी है। दावा है कि अतीक के गैंग ने कोड वर्ड का इस्तेमाल कर हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस को अतीक अहमद के घर से एक रजिस्टर मिला है, जिसमें सिर्फ कोड वर्ड लिखा हुआ है। रिजस्टर में लिखे इस सीक्रेट को देखकर पुलिसवालों के भी होश उड़ गए हैं।

डायरी ने खोले कई राज
ये वो कोड वर्ड हैं जिनमें उमेश पाल के मर्डर का हर राज़ छिपा है। दावा है कि कोड वर्ड की गुत्थी सुलझी तो हत्या के राज से भी पर्दा उठ गया। उमेश पाल की हत्या का प्लान अशरफ और अतीक ने बनया था। अतीक अहमद गुजारत के साबरमती और अशरफ यूपी के बरेली जेल में बंद था। प्लान के अनुसार तय किया गया था कि वारदात से पहले और बाद में कोई मोबाइन फ़ोन का इस्तेमाल नहीं करेगा। हत्या से 10 दिन पहले सबको एक एक आईफ़ोन और तीन तीन सिम कार्ड दिए गए थे।

अतीक़ के गिरोह में मुर्ग़ी और राधे
इसी के साथ ये भी तय किया गया था कि जब वो फ़ोन पर बात करेंगे तो कोई भी एक दूसरे का नाम नहीं लेगा। इसलिए कुछ कोड वर्ड तैयार किए गए। इस दौरान बातचीत में सभी शूटर और गुर्गे अपने नाम के बदले इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करेंगे, जिनको पुलिस ने डीकोड कर लिया। सूत्रों के मुताबिक़ अतीक़ को ‘बड़े’ और अशरफ़ को ‘छोटे’ कोड वर्ड दिया गया था। इसी तरह शूटर ग़ुलाम को ‘उल्लू’ जबकि गुड्डू मुस्लिम को ‘मुर्ग़ी’ नाम दिया गया। जबकि बिहार के रहने वाले अरमान का कोड वर्ड ‘बिहारी’ रखा गया था। अपने बेटे असद को अतीक़ ने ‘राधे’ का नाम दिया था क्योंकि वो फ़िल्म ‘तेरे नाम’ में राधे का किरदार निभाने वाले सलमान ख़ान की तरह लंबे बाल रखता था।

अतीक़ गैंग में साई बाबा
अतीक़ और अशरफ़ के साथ सभी शूटरों के नाम रखे जा चुके थे। लेकिन सूत्रों के मुताबिक़ सबसे ज़्यादा माथापच्ची शाइस्ता का कोड रखने में हुई थी। प्लान का भेद खुल जाने या यूं कहें कि पुलिस के डर से बाद में उसे बदलना तक पड़ गया था। क्योंकि जब इस साज़िश में शामिल सारे लोगों के नाम तय किए गए थे, तब शाइस्ता को ‘गॉडमदर’ का नाम दिया गया। लेकिन इस नाम से महिला होने का पता चल रहा था इसलिए उसका कोड वर्ड बदलकर ‘साई बाबा’ रख दिया गया था। वहीं परिवार का खाता बही देखने वाला आसाद कालिया का नाम लंगड़ा रखा गया क्योंकि कमर दर्द की वजह से वो तेज़ नहीं भाग पाता था। अतीक़ का बहनोई अखलाक डॉक्टर है लिहाजा उसे ‘डॉक्टर’ कोड वर्ड दिया गया था।

ये वो सीक्रेट नाम हैं जिनको पुलिस ने क्रैक कर लिया लेकिन कुछ कोड से पर्दा उठना अभी बाक़ी है। इनमें पंडित, तोता, बल्ली, हलवाई और मैडम जैसे नाम हैं। जिनकी गुत्थी पुलिस अभी नहीं सुलझा पाई है। खासकर ‘मैडम’ कोड पर सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि पुलिस को उम्मीद है कि शाइस्ता के गिरफ़्त में आने के बाद ये राज़ भी खुल जाएंगे।

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