तुर्की ने एक बार फिर से अपना रंग दिखा दिया। उसने महज एक महीने में ही भारत के एहसानों को भुला दिया और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान का साथ दिया। तुर्की ने पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हुए भारत पर आरोप लगाया। और कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।
भारत ने दोनों देशों को लगाई लताड़
भूखे और कंगाल से परेशान पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाया। तुर्की ने इस मुद्दे पर जब पाकिस्तान का साथ दिया, तो भारत ने दोनों देश को जमकर लताड़ लगाई। भारत ने ना सिर्फ पाकिस्तान और तुर्की की बल्की पूरे oic यानि की Organisation of Islamic Cooperation के सभी देशों को आईना दिखाया। और कहा कि “कश्मीर पर बोलने का हक किसी भी देश को नहीं है। भारत का मनाना है कि जम्मू और कश्मीर का हर मुद्दा भारत का है। ये मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का है। जिसमें तुर्की के बोलने का कोई मतलब ही नहीं बनता है।” इसके बाद भी तुर्की के बोलने पर भारत ने तुर्की को जमकर लताड़ा है।
भारतीय राजनयिक सीमा पुजानी ने UN में जम्मू कश्मीर पर तुर्की और इस्लामिक सहयोग संगठन की टिप्पणी पर खेद जताया। सीमा पुजानी ने कहा कि “जम्मू कश्मीर भारत का आतंरिक मामला है। ऐसे में इस मुद्दे पर बोलने से बचे। हम जम्मू कश्मीर को लेकर OIC की ग़लत टिप्पणी को ख़ारिज करते हैं। सच ये है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पूरे क्षेत्र भारत का हिस्सा थे, हैं और हमेशा रहेंगे”
इसके साथ ही भारतीय राजनयिक सीमा पुजानी ने आतंकवाद और कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी। उन्होंने कहा कि आंगन में साँप पालने वाले को वही साँप एक दिन काट लेता है। उनका इशारा पाकिस्तान की ज़मीन पर बैठे आतंकी संगठनों की तरफ़ था। भारतीय राजनयिक ने कहा कि “पाकिस्तान दूसरे देशों में आतंक फैलाने का काम करता है और बाद में शांति की बात बोलता है। पड़ोसी मुल्क हमेशा से आतंकियों का पनाहगार बना रहा है। पाकिस्तान कई सालों से हाफ़िज़ सईद, मसूद अज़हर और ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकियों का पालता रहा है।”
भारत ने इस दौरान पाकिस्तान की कंगाली पर इंटरनैशनल फजीहत कर दी। भारत ने कहा कि कंगाल पाकिस्तान के पास खाने के लिए आटा तक नहीं है और ये लोग कश्मीर की मांग करते है। भारत ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि सबसे पहले तो इन्हें अपने देश की आर्थिक हालात सुधारने चाहिए। वहां की आवाम भूख से बिलबिला रही है और ये लोग कश्मीर का राग अलाप रहे है। वहीं, भारत ने तुर्की को भी खरी खोटी सुनाई।