भारत के सबसे सुरक्षित और राजधानी दिल्ली में स्थित तिहाड़ जेल में 2 मई को गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई। जिसके बाद दिल्ली सहित कई राज्यों में हड़कंप मच गया। इस हत्याकांड की कहानी से जब धीरे धीरे पर्दा उठा, तो दहशत की दुनिया के बड़े नाम सामने आने लगे। अंडरवर्ल्ड के वो चेहरे जिनकी पहचान के लिए उनके नाम ही काफ़ी है। चाहे टिल्लू ताजपुरिया हो या लॉरेंस विश्नोई या फिर गोल्डी बराड़। ये वो खूंखार अपराधी हैं, जो जिस जेल में होते हैं तो किसी अनहोनी की आशंका से जेल प्रशासन के भी हाथ पांव फूले रहते हैं। तिहाड़ जेल में भी गैंगवॉर की ऐसी कई वारदात हो चुकी है।
टिल्लू हत्याकांड में गोल्डी की एंट्री
अब सवाल है कि गोल्डी बराड़, टिल्लू ताजपुरिया की जान का दुश्मन क्यों बन बैठा? क्यों गोल्डी बराड़ बदले की आग में जल रहा था? यहीं से सीन में एंट्री हुई दिल्ली एनसीआर के एक और कुख्यात जितेंद्र गोगी की। किसी वक़्त देश की राजधानी और आस पास के इलाक़ों में गोगी गैंग के सरगना जितेंद्र गोगी की तूती बोलती थी। इतना खूंखार कि उसके नाम से लोग थर थर कांपते थे। लेकिन दो साल पहले उसकी हत्या कर दी गई। बस यहीं से शुरू हुई बदले की कहानी, जिसके लिए गोल्डी बराड़ और लॉरेंस विश्नोई का गैंग छटपटा रहा था।
गोल्डी के ऑर्डर पर टिल्लू का मर्डर!
असल में टिल्लू ताजपुरिया की गोगी गैंग से दुश्मनी थी। लेकिन जितेंद्र गोगी लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ का खास था। जिसे 2021 में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में सरेआम गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस हत्याकांड को दो शूटरों ने अंजाम दिया जिसका आरोप टिल्लू ताजपुरिया पर लगा था। इसी के बाद लॉरेंस बिश्नोई ने कई बार टिल्लू ताजपुरिया गैंग को धमकी दी थी। अपने क़रीबी और ख़ास गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की मौत का बदला लेने के लिए गोल्डी बराड़ ने योगेश टुंडा को टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की सुपारी दी थी। जब वो मारा गया तो एक पोस्ट के ज़रिए गोल्डी बराड़ ने उसके मर्डर की ज़िम्मेदारी भी ली।
गोल्डी गैंग ने लिया गोगी का बदला
हालांकि इस कहानी की स्क्रिप्ट लंबे समय से लिखी जा रही थी। मतलब 2 मई को तिहाड़ जेल में जो हुआ उसे अंजाम देने की कोशिश पहले भी की गई थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। 2021 में गोगी के मारे जाने के बाद से ही उसका बदला लेने के लिए लॉरेंस गैंग बेचैन था। कहा जा रहा है कि इससे पहले गोगी गैंग के गुर्गे तिहाड़ जेल में टिल्लू और उसके गुर्गों को मारने का प्लैन तैयार किया था। जिसके तहत उनके खाने में ज़हर मिलाने की साज़िश रची गई थी। ये काम हो भी चुका था लेकिन आख़िरी वक़्त में जेल सुपरिटेंडेंट को इसकी भनक लग गई और तब मरते मरते टिल्लू बच गया था।
लॉरेंस गैंग को शक है ये प्लान पंजाब के गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया ने लीक कर दी थी। लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया गैंग का नाम पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में साथ आया था। लेकिन कहा जाता है टिल्लू प्लान में उसकी इस हरकत से लॉरेंस बेहद नाराज़ हो गया और तब से ये दोनों एक दूसरे के ख़िलाफ़ हो गए। हालांकि तब तो किसी तरह टिल्लू ताजपुरिया को बचा लिया गया था लेकिन 2 मई को गोल्डी गैंग का प्लान कामयाब हो गया। टिल्लू को सुबह सुबह मौत के घाट उतारकर ही उसके गुर्गों ने दम लिया। यानी वो दिन उसकी ज़िंदगी के लिए आख़िरी दिन साबित हुआ। तिहाड़ जेल में हुई इस घटना के बाद से ही गैंगवॉर का ख़तरा भी बढ़ गया है।