2 मई को टिल्लू ताजपुरिया की तिहाड़ जेल में हत्या कर दी गई। जिसके बाद से एक ऐसा डर है जो दिल्ली पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। डर ये कि टिल्लू ताजपुरिया के मारे जाने के बाद तिहाड़ जेल कहीं खूनी खेल का अखाड़ा ना बन जाए। पुलिस को ये आशंका यूं ही नहीं है बल्कि इसके पीछे वो ख़बरें हैं जो छन छनकर उसे मिल रही है। टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टरों में दरार पड़ गई है। जेल के अंदर जो अपराधी कल तक टिल्लू के साथ खड़े रहते थे। अब उनके खेमे अलग हो चुके हैं। वहीं गोगी गैंग और लॉरेंस बिश्नोई गैंग इस हत्याकांड के बाद टिल्लू गैंग पर नज़र रख रहे हैं।
तिहाड़ जेल के क़ैदियों में नंबर वन बनने की
दरअसल जिस शातिराना तरीक़े से टिल्लू को उसकी ही हाई सिक्योरिटी सेल में मार दिया गया। उसके बाद से दिल्ली पुलिस को इन गैंगस्टरों के बीच गैंगवॉर में खूनी खेल खेलने की आशंका है। सूत्रों के मुताबिक़ तिहाड़ में बंद कुख्यात अपराधियों में नंबर वन बनने की होड़ लगी है। दूसरी बात ये कि टिल्लू की हत्या का बदला लेने के लिए ये गैंग आपस में ही जेल के भीतर भिड़ सकते हैं। आशंका है कि ये जेल के बाहर भी एक दूसरे पर हमला कर सकते हैं ।
अनहोनी की आशंका से फूले पुलिस के हाथ पांव
इसलिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और बाक़ी यूनिट की नज़रें इन गैंग पर लगी हैं। क्योंकि जेल नंबर 8 और 9 में अब भी कुछ गैंगस्टर बंद हैं। जिनमें मंजीत महल, सोनू दरियापुर और प्रवीन सोलंकी जैसे नाम शामिल हैं। इनके अलावा छेनू गैंग, नासिर गैंग, राजेश भारती गैंग, गब्बर गैंग और इंडियन मुजाहिदीन के कई गुर्गे भी वहां रखे गए हैं। इसलिए अब कौन किस गैंग से ग़द्दारी कर ले ये किसी को नही पता है
गैंगवॉर की आशंका
यही वजह है कि दिल्ली पुलिस ने अपना ख़ुफ़िया तंत्र इन सभी गिरोह के पीछे लगा दिया है। ताकि तिहाड़ जेल में गैंगवॉर या खून खराबे को रोका जा सके।