अतीक़ और अशरफ़ के मर्डर का मॉटिव पुलिस के लिए अभी भी पहेली बना हुआ है। हत्या के बाद तीनों आरोपियों ने सरेंडर किया था, और पुलिस ने उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की। यहां तक की घटना का रिक्रेशन भी कराया, पुलिस घंटों उनसे पूछताछ कर रही है, लेकिन आरोपियों की लगातार बदल रही बयानबाज़ी पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई है। पुलिस अभी तक ना तो ये पता कर पाई है कि हत्या के पीछे किसकी साज़िश है और ना ही अभी तक पुलिस के हाथ आरोपियों को हथियार सप्लाई करने वाला ही लगा है। ऐसे में पुलिस प्रयागराज से कानपुर, कानपुर से लखनऊ और अब दिल्ली NCR में सबूत खंगाल रही है।
‘जिगाना’ से पता चलेगी हत्या की वजह!
यूपी एसटीएफ और पुलिस की जांच का दायरा अब तिहाड़ तक पहुंचता दिख रहा है। कहा जा रहा है कि अतीक़ हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए UP STF टीम की नज़र अब गोगी गैंग के हथियार सप्लाई करने वाले गुर्गों पर है। इस गैंग का सरगना रोहित मोई है जो इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि भारत में सिर्फ़ रोहित के इशारे पर ही ज़िगाना पिस्तौल की सप्लाई की जाती है। 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक़ अहमद और अशरफ़ की पुलिस सुरक्षा बीच तीन शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीनों शूटरों ने दोनों पर एक के बाद एक क़रीब 20 गोलियां दाग़ी थी।
मर्डर के ‘मास्टरमाइंड’ तक पहुंचाएगी ‘जिगाना’?
अतीक और अशरफ की हत्या करने के लिए शूटरों ने तुर्की के ज़िगाना पिस्तौल का इस्तेमाल किया था। अब पुलिस सूत्रों का दावा है कि गोगी गैंग के सरगना रोहित मोई के इशारे पर ही तीनों शूटरों तक ज़िगाना पिस्तौल की सप्लाई की गई थी। इसी वजह से UP STF की टीम गोगी गैंग से जुड़े उन गुर्गों की तलाश में जुटी है, जो ज़िगाना पिस्तौल लेकर तीनों हमलावरों तक पहुँचे थे। साथ ही UP पुलिस जेल में बंद गैंगस्टर रोहित मोई से भी पूछताछ की तैयारी में है। जिससे ये पता लगाया जा सके कि तुर्की के इस हथियार को कैसे अतीक़ और अशरफ़ के हत्यारों तक पहुँचाया गया था। हालांकि भारत में ज़िगाना पिस्तौल पूरी तरह बैन है लेकिन पुलिस सूत्रों का दावा है कि गैंगस्टर रोहित मोई के इशारे पर इसे तुर्की से तस्करी कर लाया जाता है।
‘जिगाना’ बताएगी शूटरों के सरग़ना का पता!
पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि किसने गोगी गैंग से ज़िगाना पिस्तौल ख़रीदी थी। क्योंकि एक ज़िगाना पिस्तौल की क़ीमत 12 लाख से ज्यादा है। सूत्रों का कहना है कि अतीक़ को मारने के लिए तीन ज़िगाना पिस्तौल की डील हुई थी। मतलब हत्याकांड को अंजाम देने के लिए क़रीब 36 से 40 लाख रुपए खर्च किए गए थे। पुलिस सूत्र ये भी बताते हैं कि जिन तीन शूटरों ने अतीक़ को मारा था, उनके लिए 40 लाख रुपए एक बहुत बड़ी रकम है। मतलब तीनों शूटरों के लिए इतनी बड़ी रक़म का इंतजाम करना नामुमकिन है और इसी वजह से UP STF की टीम हथियार सप्लाई करने वाले गुर्गों तक पहुँचने की कोशिश में है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि ज़िगाना पिस्तौल दिल्ली से मेरठ, लखनऊ और कानपुर होते हुए प्रयागराज पहुँची होगी। एक आशंका ये भी जताई जा रही है कि हथियार सप्लाई का रूट दिल्ली से सीधे प्रयागराज का भी हो सकता है। इसीलिए UP STF ने दिल्ली पुलिस से संपर्क साधा है। ताकि पिछले कुछ दिनों में जितने भी हथियार तस्कर दिल्ली-NCR में पकड़े गए हैं, उनकी जाँच की जा सके।