ओडिशा के बालासोर में 3 रेलगाड़ियां हादसे का शिकार हुईं। ये हादसा कोरोमंडल ट्रेन के डिरेल होने की वजह से हुई। यानी कि बेहद तेज़ रफ़्तार से चलती हुई ट्रेन अपनी पटनी से उतर गई और जिसके बाद ये हादसा हुआ। जिस जगह पर हादसा हुआ वहां पर दो मेन लाइन और दो लूप लाइन हैं। मेन लाइन से कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी। जो डिरेल हो गई यानी पटरी से उतर गई। उसका अगला हिस्सा लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से जा टकराया। और दूसरा हिस्सा दूसरी तरफ आ रही पैसेंजर ट्रेन से टकराया।
इस दौरान डिरेल हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस का पिछला हिस्सा दूसरी मेन लाइन पर आ रही यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस से जा टकराया। जिससे एक साथ 3 ट्रेनें हादसे का शिकार हो गईं। सूत्रों के मुताबिक अभी सिग्नल फेल होने की बात सामने नहीं आई है और न ही हेड ऑन कॉलिजन यानी कि आमने सामने टक्कर हुई है।
राहत बचाव में लगी टीम
-एनडीआरएफ की 7 से ज़्यादा टीम
-ओडीआरएएफ की 5 से ज़्यादा यूनिट
-200 से ज़्यादा एंबुलेंस मौके पर भेजी गई हैं
-25 से ज्यादा फायर सर्विस यूनिटों को रवाना किया गया
-इसके अलावा भारतीय सेना भी राहत औऱ बचाव कार्य में जुटी हुई है
घायलों को तुरंत इलाज मिले इसके लिए पास के इलाकों में उन्हें तत्काल प्रभाव से शिफ्ट किया गया है। घायलों को गोपालपुर, कांतापाडा, बालालोर,भद्रक, सोरो के अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है। हादसे के बाद से लगातार ही रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव संपर्क में हैं, आज सुबह भी वो घटनास्थल पर पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है। और खुद घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। रेलवे की तरफ से जारी जानकारी के मुताबिक हादसे की एकमात्र वजह डिरेलमेंट है। वहां पर दो मेन लाइन और दो लूप लाइन थी। मेन लाइन से कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी। वह डिरेल हुई उसका एक हिस्सा लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकराया और दूसरा हिस्सा दूसरी तरफ आ रही पैसेंजर ट्रेन से टकराया। पीछे का हिस्सा पैसेंजर ट्रेन से टकराया है और आगे का हिस्सा कोरोमंडल एक्सप्रेस का डिटेल होने के बाद मालगाड़ी से टकराया। रेल मंत्रालय ने ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। आयुक्त रेलवे सुरक्षा, दक्षिण पूर्व सर्कल दुर्घटना की जांच करेंगे।