साल का पहला सूर्य ग्रहण बैसाख अमावस्था के दिन 20 अप्रैल, गुरुवार को लगने जा रहा है। हालांकि, ये वैज्ञानिक रूप से खगोलीय घटना है, लेकिन इसका आध्यात्मिक असर भी पड़ना जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार ये ग्रहण सुबह 7 बजकर 05 मिनट पर लगने जा रहा है, जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
नहीं लगेगा सूतक काल-
आध्यात्मिक रूप से माने तो ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जिसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान लोगों को कोई भी नया या शुभ काम नहीं करना चाहिए। हालांकि, 20 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। और इसी वजह से इस बार भारत में सूतक काल नहीं लगने जा रहा है। इसके बाद भी भारत के लोगों को कई सावधानियां बरतनी होगी।
गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानी-
ग्रहण के दौरान लोगों को पूजा पाठ से दूर रहना चाहिए। खास करके गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर पर एहतिहात बरतनी होती है। उन्हें घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए। इसके साथ ही सूर्य देखने को मनाही होती है। गर्भवती महिलाओं को खाना बनाना, सब्जी काटना, सिलाई जैसे कामों से दूर रहना चाहिए। गर्भवती महिला केवल तुलसी का पत्ता चीभ पर रखकर चालिसा का पाठ करना चाहिए।
दान अवश्य करें-
वहीं, ग्रहण खत्म होते ही लोगों को पवित्र नदी, तालाब में स्नान करना चाहिए। अगर लोगों के आसपास नदी, तालाब ना हो तो उन्हें घर में ही जरूर नहाना चाहिए। उसके बाद लोगों को दान भी करना चाहिए।
कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण-
20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह कंबोडिया, अमेरिका, चीन, मलेशिया, सोलोमन, सिंगापुर, थाइलैंड, जापान, फीजी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस सहित कई देशों में दिखाई देगा।