गेमिंग ऐप के ज़रिए धर्मांतरण के मामले में अब संत समाज और मुस्लिम धर्मगुरुओं की भी एंट्री हो गई। उन्होंने धर्मांतरण और लव जिहाद के मामलों पर अयोध्या के संत ग़ुस्से में दिखें। तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर आचार्य परमहंस ने ग़ाज़ियाबाद में गेमिंग ऐप के ज़रिए धर्मांतरण मामले को साज़िश करार दिया। उन्होंने कहा कि नए नए षड़यंत्र करके और धर्मांतरण कराने का सिलसिला जारी है। इसमें ना जाने कितने लोग बर्बाद हो चुके हैं। वहीं, AIIA यानी आल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने इसे इस्लाम के ख़िलाफ़ बताया। उन्होंने कहा कि अगर कोई लोभ लालच देकर या डरा धमकाकर इस्लाम में लाता है तो वो इस्लामिक नहीं है। वो गैर इस्लामिक चीज है। इस्लाम को मानने का मतलब ये है कि वो अपनी इच्छा और स्वेच्छा से उसको माने।
इसके साथ ही उन्होंने ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक क़ानून लाने की मांग की। उन्होंने ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग की। इस मामले पर AIMJ यानि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ़्ती शहाबुद्दीन ने भगोड़े ज़ाकिर नाइक पर जमकर बरसे। उन्होंने साफ़ कर दिया कि वो और उनका समुदाय जाक़िर नाइक को नहीं मानता। वहीं, अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि विडियो गेम के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जा रहा है। इस पर सरकार ऐसा करना वाले को तुरंत गिरफ्तार कर जेल में डाले।
असल में ग़ाज़ियाबाद में गेमिंग ऐप के ज़रिए धर्मांतरण का मामला सामने आया। जिसमें नाबालिग़ों को गुमराह करने का आरोप है। इस मामले में ग़ाज़ियाबाद से एक आरोपी गिरफ़्तार कर लिया गया। वहीं, दूसरे आरोपी शाहनवाज़ ख़ान की तलाश में पुलिस जुटी है। जिसे पकड़ने के लिए ग़ाज़ियाबाद पुलिस की एक टीम उसकी तलाश में महाराष्ट्र के ठाणे पहुँच गई। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी शाहनवाज़ ख़ान पुलिस की गिरफ़्त से दूर है। शाहनवाज़ पर आरोप है कि वो ऑनलाइन गेम में बच्चों को फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाता था। मतलब शाहनवाज़ धर्मांतरण की इस साज़िश का मुख्य किरदार है।