Russia war: रूस और यूक्रेन युद्ध के 14 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। रूस (RUSSIA) ने यूक्रेन पर जब हमला किया तो माना गया कि रूस यूक्रेन (UKRAINE) को बस कुछ ही दिनों में बर्बाद कर देगा और यूक्रेन की हार के साथ युद्ध (WAR) ख़त्म हो जाएगा। लेकिन अभी भी यूक्रेन मज़बूती से रूस के ख़िलाफ़ लड़ रहा है।
जेलेंस्की की छवि पर गहरा धब्बा
यूक्रेन के इस फौलादी तेवर के लिए ना सिर्फ यूक्रेन की सेना बल्कि उनसे भी ज्यादा राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की (PRESIDENT ZELENSKY) के जज़्बे की तारीफ हुई। रूस के सामने सरेंडर नहीं करने वाली छवि की वजह से जेलेंस्की का दुनिया (WORLD) में नाम हुआ। लेकिन अब ज़ेलेंस्की की उसी छवि को गहरा झटका लगता दिख रहा है। जिस पश्चिमी मीडिया (WESTERN MEDIA) ने उन्हें नायक के तौर पर पेश किया, अब वहीं जेलेंस्की पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
उठ रहे बड़े सवाल
सवाल उठने लगा है कि क्या ज़ेलेंस्की अब यूक्रेन के राष्ट्रपति नहीं रहेंगे? क्या अमेरिका(AMERICA) भी अब ज़ेलेंस्की का साथ छोड़ चुका है? क्या यूक्रेन में अब ज़ेलेस्की के विकल्प की तलाश हो रही है?
जेलेंस्की को हटाने की मांग
पश्चिमी मीडिया की कुछ ताज़ा रिपोर्ट में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अब यूक्रेन में जेलेंस्की की जगह किसी बेहतर छवि के नेता को यूक्रेन का नेतृत्व सौंपे जाने की तैयारी है। जिसमें अमेरिकी (USA) की भी सहमति है। ये ख़बरें हाल ही में अमेरिकी खुफिया विभाग की लीक हुई फाइल से भी मेल खाती हैं। जिससे एक चौंकाने वाला सच दुनिया के सामने आया था कि अमेरिका ने ज़ेलेंस्की की जासूसी करवाई। उनके फोन टैप (PHONE TAPPING) कर कई सीक्रेट जानकारियों (SECRET INFORMATION) को जुटाया।
हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी
एक खुफिया दस्तावेज से ये सच भी सामने आया कि ज़ेलेंस्की और उनके क़रीबियों ने पश्चिमी देशों (WESTERN CONTRIES) से मिली आर्थिक मदद में 40 करोड़ डॉलर का हेरफेर कर लिया। और अब ताज़ा मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि यूक्रेन के भीतर ज़ेलेंस्की को ही समस्या की वजह माना जा रहा है। पॉलिटिको ईयू (EU) नाम की एक वेबसाइट ने यूक्रेन के कई विपक्षी नेताओँ से बातचीत के बाद ये रिपोर्ट पेश की है जिसमें कहा गया कि युद्ध के मोर्चे पर भले ही उन्होंने एक दमदार नेता की छवि पेश की लेकिन प्रशासनिक कामकाज में उनका प्रदर्शन बहुत ही ढीला रहा।
जेलेंस्की की लोकप्रियता गिरी
इसके साथ ही जेलेंस्की के लिए यूक्रेन के लोगों में अब असंतोष बढ़ रहा है। यूक्रेन के भीतर ज़ेलेंस्की की लोकप्रियता के ग्राफ में बड़ी गिरावट आई है। उन पर टैक्स चोरी कर संपत्ति बनाने का आरोप भी लगा। ये भी बताया गया कि सरकार चलाने के काम में उनका रिकॉर्ड शुरू से ही लचर रहा लेकिन फिर युद्ध शुरू हो गया और जेलेंस्की ने लड़ने का जो जज़्बा दिखाया उससे उनकी छवि बदलती चली गई, जिससे उनके राजनीतिक विरोधी भी चुप हो गए, लेकिन अब वो फिर से जुबान खोलने लगे हैं।
विपक्ष का गंभीर आरोप
यूक्रेन के विपक्षी नेताओं के हवाले से बताया गया कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया (INTERNATIONAL MEDIA) में अपनी तारीफ से ज़ेलेंस्की में घमंड आ गया और वो खुद को दुनिया का बड़ा नेता समझने लगे। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को भी दबाने का काम किया। यानी जिस ज़ेलेंस्की को यूक्रेन के लोगों ने लोकतंत्र का आईकॉन (ICONE) बना दिया। अब उसी ज़ेलेंस्की के राज में यूक्रेन के लोगों को अपने देश में लोकतंत्र का भविष्य ख़तरे में दिख रहा है।