राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक दिया। जबकि कांग्रेस हाईकमान राजस्थान कांग्रेस में सुलह की कोशिश करता रहा। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि गहलोत मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। हाल ही में कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान कांग्रेस में सब ठीक होने का संकेत दिया था। कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि पायलट और गहलोत का झगड़ा सुलझ गया है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
सुलह के संकेत के 24 घंटे बाद ही अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी ठोक दी। गहलोत ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस बार लोग मुझे वापस रिपीट करके लाएंगे। जबकि इससे पहले रात में चार घंटे बैठक चली। सूत्र बता रहे हैं कि बैठक में सुलह का कोई ठोस फॉर्मुला नहीं बन पाया। क्योंकि पार्टी नेताओं ने BJP को हराने की तो बात की। लेकिन पायलट और गहलोत का झगड़ा सुलझने के सवाल को उन्होंने घुमा दिया।
वहीं सूत्रों के मुताबिक पार्टी हाईकमान गहलोत को CM पद और पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद सौंपना चाहता है। लेकिन अशोक गहलोत नहीं मान रहे। अशोक गहलोत ने 2023 में जीत का दावा करते हुए मुख्यमंत्री पद पर ठोका दावा। सुलह के एलान के 24 घंटे के अंदर ही अशोक गहलोत ने सीएम टर्म पर अगली बार के लिए भी अपना दावा ठोक दिया। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के साथ सचिन और गहलोत की बैठक के बाद सीएम के इस बयान से पायलट खेमा नाराज़ है।
राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान के बीच सोमवार रात हंसते मुस्कराते चेहरों ने एक बार ये एहसास कर दिया था की राहुल की मध्यस्थता के बाद अब सचिन और गहलोत में सब कुछ ठीक है। कांग्रेस इस खुशफहमी में ये एलान करने से नहीं चुकी की राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव दोनों मिलकर लड़ेंगे। एकसाथ दोनों की तस्वीरें भी खींच गईं और मीडिया के सामने परेड भी करवा दी गई। सुबह होते होते राजनीति के जादूगर अशोक गहलोत ने नया पासा फेंक दिया। गहलोत ने कहा की उन्होंने इतना काम किया है की जनता अति उत्साहित है। इस बार लोग उनको रिपीट करेंगे। मतलब अशोक गहलोत अगले चुनाव के बाद भी सीएम अभी से तय कर चुके हैं और वो भी खुद का ही नाम।
उधर सोमवार रात 4 घंटे चली बैठक के बाद भी गहलोत और सचिन के नीच सुलह का कोई ठोस फॉर्मूला पार्टी नहीं निकाल पाई। पार्टी के संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने बस इतना कहा की दोनों नेता एकसाथ मिलकर बीजेपी को हराने के लिए काम करेंगे। पार्टी गहलोत को सीएम बनाए रखते हुए सचिन को राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाने के विकल्प पर चर्चा की है। गहलोत इसलिए लिए नहीं मान रहे हैं।हालांकि पार्टी जल्दी हो दोनों को मान्य फॉर्मूला घोषित करने पर काम कर रही है।