Raisi Death Conspiracy: कहा जा रहा है कि इज़राइल की एक ग़लती उसपर बहुत भारी पड़ सकती है। लेकिन नेतनयाहू ने ठान लिया है कि वो बिल्कुल भी नहीं झुकेंगे। यही वजह है कि लेबनान बॉर्डर पर इज़राइल अपने सबसे बड़े दुश्मन को ख़त्म करने का फ़ैसला कर लिया है और उसके रॉकेट कमांडर को भी मौत के घाट उतार दिया है
रॉकेट कमांडर’ की हत्या से हड़कम्प
19 मई को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश (IRANIN PRESIDENT IBRAHIM RAISI DEATH) होता है। अगले ही दिन इज़राइल दावा करता है कि उसने हिज़्बुल्लाह के रॉकेट कमांडर को मार डाला है। इज़राइल की सेना ने दावा किया है कि हिज़्बुल्लाह के रॉकेट कमांडर क़ासिम सक़लावी को ड्रोन स्ट्राइक में मार दिया गया है। हिज़्बुल्लाह के रॉकेट कमांडर क़ासिम सक़लावी (Hezbollah’s rocket commander Qasim Saqlawi) ने बॉर्डर पर इज़राइल के ख़िलाफ़ कई मिसाइल अटैक करवाए हैं।
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इजराइल का हुआ था भारी नुकसान
हिज़्बुल्लाह के इस कमांडर ने इज़राइल की नाक में दम किया हुआ था। इस पर इज़राइल की बख़्तरबंद गाड़ियों को उड़ाने और बॉर्डर पर तैनात कई कम्यूनिकेशन सिस्टम को उड़ाने का आरोप था। इज़राइल का दावा है कि 7 अक्टूबर के बाद से हिज़्बुल्लाह के साथ जो लड़ाई शुरू हुई है। इसमें हिज़्बुल्लाह के 300 से ज़्यादा लड़ाके इज़राइल के अटैक (Israel attacks on Hezbollah) में मारे जा चुके हैं। इनमें 30 बड़े कमांडर शामिल हैं। रॉकेट कमांडर क़ासिम सक़लावी का नाम भी इस फ़ेहरिस्त में शामिल है। वहीं इज़राइल के 20 सैनिक हिज़्बुल्लाह के हमले में जान गंवा चुके हैं।
ईरान युद्ध में फंसेगा?
- लेबनान-इज़राइल बॉर्डर पर घमासान
- इब्राहिम रईसी की मौत से तनाव बढ़ा
- हिज़्बुल्लाह का रॉकेट कमांडर मारा गया
- हिज़्बुल्लाह के 309 लड़ाके मारे जा चुके हैं
- इज़राइल के 20 सैनिक मारे जा चुके हैं
- इज़राइल के टारगेट पर हसन नसरल्लाह
- बेरुत में हसन नसरल्लाह का हेडक्वॉर्टर
- 150 फ़ीट नीचे बंकर में नसरल्लाह का घर
- इज़राइल की पहुंच से दूर नसरल्लाह
- हिज़्बुल्लाह को ईरान का पूरा समर्थन
अगला टारगेट हसन नसरल्लाह?
हिज़्बुल्लाह को कंट्रोल करने वाला ईरान जब अपने राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत (Death of Iran’s President and Foreign Minister) का ग़म मना रहा है। लेकिन अब इजराइल के अगले कदम पर सबकी नजह टिकी हुई है।
क्या अगला नंबर हिज़्बु्ल्लाह के चीफ़ हसन नसरल्लाह का है?
क्या इज़राइल के टारगेट पर इस्माइल हानिया भी आ चुका है?
क्या इज़राइल ने अब एक के बाद एक अपने दुश्मनों को मारना शुरू कर दिया है
क़रीब 8 महीने से पूरा पश्चिम एशिया एक बड़े युद्ध की चौखट पर बैठा हुआ है। अगर ग़ाज़ा पट्टी इज़राइल की बमबारी (hamas israel war) में खंडहर बनता जा रहा है,तो उत्तर में इज़राइल और लेबनान के बॉर्डर पर मौतों का खेल चल रहा है। अब सबका फ़ोकस हिज़्बुल्लाह के कमांडर हसन नसरल्लाह (Hezbollah commander Hassan Nasrallah) पर है।
150 फ़ीट गहराई में क्यों छुपा हिज़्बुल्लाह?
हसन नसरल्लाह का हेडक्वॉर्टर लेबनान की राजधानी बेरुत (lebanon capital beirut) में है। बेरुत में दाहिया (dahiya city) नाम का इलाक़ा है, जो हिज़्बुल्लाह का सबसे मज़बूत गढ़ माना जाता है। यहीं पर क़रीब 150 फ़ीट गहरा बंकर है और 2006 से हिज़्बुल्लाह चीफ़ हसन नसरल्लाह का घर है। हसन नरसल्लाह (Hassan Nasrallah) को 2016 के बाद से खुले आसमान के नीचे नहीं देखा गया है। यानी पिछले 8 साल से नसरल्लाह बंकर में ही है। बंकर की सही गहराई और लोकेशन के बारे में सही जानकारी इज़राइल को भी नहीं मालूम है।
खौफ में हसन नसरल्लाह
- हसन नसरल्लाह का हेडक्वॉर्टर लेबनान की राजधानी बेरुत में
- बेरुत का दाहिया हिज़्बुल्लाह का सबसे मज़बूत गढ़
- दाहिया में क़रीब 150 फ़ीट गहरा बंकर
- दाहिया में 2006 से हिज़्बुल्लाह चीफ़ हसन नसरल्लाह का घर
- नरसल्लाह को 2016 के बाद से खुले आसमान के नीचे नहीं देखा गया
- पिछले 8 साल से नसरल्लाह बंकर में ही है
- कर की सही गहराई और लोकेशन के बारे में सही जानकारी नहीं
आख़िरी बाद 2016 में हसन नसरल्लाह को पब्लिक के बीच देखा गया था। हसन नसरल्लाह का पब्लिक के बीच आना अचानक होता है। इसके बारे में उसके सुरक्षाकर्मियों को भी आख़िरी पलों में बताया जाता है। हसन नसरल्लाह के साथ बंकर में 19 सुरक्षाकर्मी हमेशा मौजूद रहते हैं।
हिज़्बुल्लाह को ईरान से मदद
हसन नसरल्लाह के बंकर के बारे में हिज़्बुल्लाह के चुनिंदा लोगों को ही जानकारी है। जो हिज़्बुल्लाह के सबसे ख़ास लोग माने जाते हैं। यही वजह है कि हसन नसरल्लाह पिछले 8 सालों से अपने बंकर में ही है।
हिज़्बुल्लाह वो संगठन है जिसे ईरान से पूरी मदद मिलती है। ईरान हिज़्बुल्लाह को इज़राइल के ख़िलाफ़ एक बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल भी करता आया है। लेकिन इज़राइल ने अगर हिज़्बुल्लाह का हाल हमास जैसा करने का फ़ैसला किया, तो लेबनान में वर्ष 2006 वाले युद्ध की तबाही दोहराई जा सकती है।
हिज़्बुल्लाह और इज़राइल में हुआ था जंग
2006 में हिज़्बुल्लाह और इज़राइल के बीच 34 दिन तक युद्ध चला था। तब इज़राइल के 121 सैनिकों को मिलाकर 160 लोग मारे गए। जबकि हिज़्बुल्लाह के ढाई सौ लड़ाकों समेत लेबनान के 1 हज़ार 200 लोगों की मौत हुई थी। ये युद्ध संयुक्त राष्ट्र के दख़ल के बाद सीज़फ़ायर के साथ ख़त्म हुआ था। और इज़राइल को लेबनान से पीछे हटना पड़ा था।
जून में इज़राइल-लेबनान युद्ध फ़ाइनल?
हिज़्बुल्लाह 2006 में हुए युद्ध को अपनी जीत बताता रहा है। लेकिन उसे बड़ा नुक़सान भी उठाना पड़ा था। इसलिये अगर इस बार भी हिज़्बुल्लाह को नुक़सान उठाना पड़ा तो समझ लीजिए ईरान को भी बहुत बड़ा झटका लगेगा। वैसे नेतनयाहू भी यही चाहते हैं लेकिन उनकी ये ख़्वाहिश अब पश्चिम एशिया को बारूद के ढेर पर बैठा चुकी है। रईसी की जान जा चुकी है। ईरान अब भी इज़राइल को शक की निगाह से देख रहा है। वहीं ग़ाज़ा में जिस तरह की बमबारी हो रही है, उसने पूरी दुनिया को जैसे सकते में ला दिया है।
इब्राहिम रईसी
- ईरान के सर्वोच्च नेता के पद के दावेदार थे
- मिडिल लिस्ट की राजनीति में रईसी का रोल अहम था।
- 2021 में ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे
- 2021 में 62% वोट से राष्ट्रपति का चुनाव जीता
- 1960 में ईरान के पूर्वी शहर मशहद में जन्म
- इस्लामी कानून के बड़े जानकार
- धार्मिक महत्व के शहर कोम में शिक्षा
- ईरान के प्रसिद्ध मौलवियों का मार्गदर्शन मिला
ईरान के सर्वोच्च नेता
- सैयद रोहिल्ला खामेनई: 3 दिसंबर 1979 से 3 जून 1989
- सैयद अली खामेनई: 4 जून 1989 से अब तक