प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गाँधीनगर में अखिल भारतीय शिक्षक संघ के अधिवेशन को संबोधित किया। इस दौरान गुरु-शिष्य संबंधों की चर्चा की और शिक्षकों के साथ अपने संबंधों का भी जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों के मार्गदर्शन में शिक्षकों की भूमिका को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया। पीएम मोदी ने कहा गुरू ही समझने में मदद कर सकता है। मौका शिक्षकों के अधिवेशन का था।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों की भूमिका को सराहा और नई शिक्षा नीति पर भी बात की। इस दौरान कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत में शिक्षा में क्रांति ला रही है। 21वीं सदी की ज़रूरत के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बनाया गया है। इसके साथ ही कहा कि जिज्ञासा और प्रभावशाली जागरूकता ने शिक्षण के पारंपरिक ढांचे को बदला है। जिससे छात्रों के विकास पर शिक्षकों का गहरा प्रभाव होता है। एक ऐसे समाज का निर्माण हो जिसमें हर कोई शिक्षक बनना चाहे।
इस बीच पीएम मोदी ने स्कूलों का जन्मदिन मनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे अपनत्व की शुरुआत होगी और छात्रों तथा शिक्षकों के बीच कनेक्शन बढ़ेगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने गुजरात के शिक्षकों की तारीफ़ की। और कहा कि एक समय गुजरात में ड्रॉपआउट रेट 40 फीसदी हुआ करता था। लेकिन आज यह संख्या घटकर 3 फीसदी से भी कम हो गई है। ऐसा शिक्षकों की वजह से हुआ है।