Lawrence Khalistan’s Link: लॉरेंस बिश्नोई की मुश्किलें तब बढ़ गईं जब उसका नाम खालिस्तानियों से जुड़ा। दावा किया गया कि खालिस्तानियों की मदद से लॉरेंस ने अपने गैंग को पाकिस्तान की सीमा तक फैलाया और पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से हाथ मिला लिया। उस पर पाकिस्तान की मदद से वो सीमा पार से हथियारों की तस्करी का भी आरोप लगा। आरोप है कि वो जेल में रहते हुए फिरौती गैंग का नेटवर्क चलाने लगा। यही वजह है कि जांच एजेंसियों ने उसपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। अब जांच एजेंसियों ने लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग को पूरी तरह अलग थलग करने की तैयारी कर ली है।
उम्र 30 साल… ठिकाना जेल… और शातिर अपराधी जिस पर रंगदारी, मर्डर, ड्रग्स रेकेट और आतंकियों से कनेक्शन के आरोप लगे। गुनाह की गहरायियों से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के तार इस क़दर जुड़े की उसकी तुलना अंडरवर्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से की जाने लगी। तो आख़िर क्या है लॉरेंस बिश्नोई के गुनाहों की कहानी जिसकी वजह से उसे नंबर वन डॉन कहा जाने लगा।
Lawrence Khalistan’s Link: पाकिस्तान कनेक्शन पर शिकंजा
लॉरेंस बिश्नोई के गुनाह ने उसे अब सबसे बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। उसके तार खालिस्तानी आतंकियों और पाकिस्तान से जुड़े हैं। जिसके बाद वो सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया है। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए ही नंबर वन डॉन लॉरेंस बिश्नोई को अब भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी। दावा है कि लॉरेंस बिश्नोई ने अपने आतंक के सम्राज्य को फैलाने के लिए उन लोगों से गठजोड़ (Lawrence Khalistan’s Link) कर लिया जो भारत के लिए मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी हैं।
Lawrence Khalistan’s Link: खालिस्तान कनेक्शन पर नकेल
लॉरेंस बिश्नोई का नाम कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप दल्ला, रमन दीप और सुखबीर सिंह संधू से जुड़ा। दावा किया गया कि इन खालिस्तानी आतंकियों की मदद से उसने भारत में खौफ का सम्राज्य फैलाया। NIA की जांच में कहीं ना कहीं से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के तार (Lawrence Khalistan’s Link) इन आतंकियों से जुड़ते नजर आए। साथ में दावा किया गया कि उसका कनेक्शन पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से भी है। क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का संबंध पाकिस्तान में बैठे हरविंदर संधू, वाधवा सिंह उर्फ बब्बर और लखवीर सिंह जैसे आतंकियों से भी जुड़ा।
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अवैध हथियार की सप्लाई का आरोप
दावा किया गया कि इनकी मदद से लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Khalistan’s Link) ने हथियारों की खरीद फरोख्त की और नशे का कारोबार में शामिल रहा। यही नहीं लॉरेंस बिश्नोई का नाम गैंगवॉर में सीधे सीधे सामने आया। और यही वजह है कि लॉरेंस बिश्नोई को भारत का नंबर वन डॉन कहा जाने लगा। उसके गुनाह करने के तरीकों नंबर वन डॉन बनने की ख्वाहिश के बाद उसकी तुलना अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से की जाने लगी। जांच एजेंसियों की जांच में लॉरेंस बिश्नोई का तरीका दाऊद इब्राहिम से जोड़कर देखा जा रहा है। जिसने अपने कारोबार को छोटी छोटी वारदातों और रंगदारी से जोड़कर एक बड़े साम्राज्य में बदल दिया।
दावा है कि पाकिस्तान कनेक्शन और खालिस्तानी आतंकियों (Lawrence Khalistan’s Link) की मदद से लॉरेंस बिश्नोई ने अवैध हथियारो की खरीद फरोख्त से लेकर ड्रग्स के धंधे में अपने हाथ आजमाए। उसके बाद इस गंदे धंधे को एक बड़े पैमाने तक ले गया। उसने ये सारा नेटवर्क जेलों के अंदर से चलाया। सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने अपने गुनाहों को सम्राज्य को बढ़ाने के लिए छोटे इलाके से शुरूआत की और सिंडीकेट को बढ़ाते हुए सीमा पार तक पहुंच गया। हथियारों की तस्करी के साथ ड्रग्स का बड़ा सप्लायर भी बन गया।
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लॉरेंस को काला पानी भेजने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक NIA के हाथ ऐसे कई सबूत लगे हैं जिनमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग का पाकिस्तान और खालिस्तान कनेक्शन (Lawrence Khalistan’s Link) सामने आया है। बताया जा रहा है कि अगर इसपर नकेल नहीं कसी गई तो वो जांच ऐजेंसियों के लिए बड़ा नासूर बन जाएगा। इसीलिए अब गैंग की कमर तोड़ने के लिए एजेंसियों ने ये एक सटीक तरीका इजाद किया है ताकि खूंखार गैंगस्टर की लिस्ट बनाकर उन्हें अंडमान निकोबार की जेल में शिफ्ट किया जाय। ताकि उस जेल की बंद अंधेरी कोठरियों में ये गैंगस्टर खुद को भी भूल जाएं और इनके गैंग की कमर भी टूट जाए।
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