इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के साथ ही पूरे पाकिस्तान में बवाल मच गया। हर तरफ़ से आग, धुआं और गोलियों की आवाज़ आ रही है। सेना के खिलाफ़ इमरान के समर्थकों ने मोर्चा खोल दिया है। पाकिस्तान सरकार के ख़िलाफ़ इमरान की पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर हैं। वो अपने कप्तान नियाजी की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
पाकिस्तान की सरकार ने सोचा था कि इमरान को गिरफ़्तारी के बाद उसकी सियासी राह का सबसे बड़ा रोड़ा निकल जाएगा। लेकिन इमरान की गिरफ़्तारी शहबाज़ सरकार के लिए मुसीबत का पहाड़ बन गई। इमरान की गिरफ़्तारी के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि ना सरकार को कुछ समझ आया और ना ही सेना को। आलम ये रहा कि उनके प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ को देश के सामने आने में 31 घंटे लग गए। 31 घंटे बाद देश को संबोधित करने आए शहबाज़ शरीफ़ के सामने कोई समाधान नहीं दिखा। इस दौरान उन्होंने इमरान ख़ान पर जमकर निशाने साधा।
इतना ही नहीं इमरान ख़ान पर हमला बोलते हुए शहबाज़ ने बड़े भाई और पाकिस्तान के तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के भ्रष्टाचार को भी याद किया। उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ 100 से अधिक NAB मामलों में कोर्ट में पेश हुए। लेकिन जो आज हो रहा है, ऐसे हालात कभी नहीं बने। इमरान की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार की वजह से हुई। अपने संबोधन में शहबाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तान में उपद्रव मचा रहे लोगों को चेतावनी दी। लेकिन जिस वक़्त वो चेतावनी दे रहे थे उनके चेहरे पर ख़ौफ़ दिखाई दे रहे था। उनकी हालत इतनी ख़राब थी कि मारे ख़ौफ के उनकी जुबान से आवाज तक नहीं निकल पा रही थी।
उपद्रव शुरू होने के 31 घंटे बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ एक तरफ अपने मुल्क को संबोधित कर रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान में बवाल की आग में जल रहा था। सेना के खिलाफ़ इमरान समर्थकों को गुस्सा फूट रहा था। हालात ना सिर्फ शहबाज़ के संबोधन से पहले अच्छे थे और ना ही संबोधन के बाद ही कुछ संभले बल्कि लोगों का गुस्सा और ज्यादा देखने को मिला।