यूपी में माफिया और गैंगस्टर के बुरे दिनों की जैसे शुरूआत हो गई है। इस लिस्ट में अब गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का नंबर आ गया है। मुख्तार अंसारी 18 साल पुराने कृष्णानंद राय हत्या केस में बरी हो गया था, लेकिन अब इस केस से जुड़े गैंगस्टर ऐक्ट में उसपर अदालत अपना फैसला सुनाने जा रहा है। आपको बता दें कि मुख़्तार अंसारी पर 2 मामलों में गैंगस्टर ऐक्ट लगा है। पहला गैंगस्टर एक्ट कृष्णानंद राय की हत्या मामले में और दूसरा ऐक्ट नंदकिशोर रुंगटा अपहरण केस में लगाया गया था।
भाई को हराने पर बीजेपी विधायक की हत्या कीं!
2002 में कृष्णानंद राय मोहम्मदाबाद सीट से बीजेपी के विधायक थे। उस सीट पर मुख्तार अंसारी का भाई अफजाल अंसारी भी लड़ रहा था। इस सीट पर 1985 से मुख्तार अंसारी के परिवार का कब्जा रहा था, लेकिन उस विधानसभा चुनाव में बीजेपी विधायक कृष्णानंदराय ने अफजाल अंसारी को मात दे दी। दावा है कि भाई के चुनाव हारने पर मुख्तार अंसारी ने 29 अप्रैल 2005 को कृष्णानंद राय की हत्या करा दी। उस दौरान कृष्णानंद राय के काफिले पर एके 47 से 500 राउंड फायरिंग की गई थी। हमले के वक्त कृष्णानंद अपने काफिले के साथ एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन कर गाज़ीपुर से लौट रहे थे। उस हमले में कृष्णानंद और उनके गार्ड सहित 7 लोगों की भी मौत हो गई थी
जेल में रहकर रची हत्या की साजिश!
इस हत्याकांड के वक्त मुख्तार अंसारी जेल में था। आरोप है कि जेल में होने के बावजूद मुख्तार अंसारी उस प्लैनिंग का हिस्सा था। जेल में बैठकर मुख्तार अंसारी ने ही कृष्णानंद राय की हत्या की स्क्रिप्ट लिखी थी। आरोप है कि मुख्तार अंसारी के कहने पर ही उसके शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी और अतीक उर रहमान ने कृष्णानंद की हत्या करवाई थी। हालांकि मुख्तार और उसके भाई अफजाल दोनों ही बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय मर्डर केस में जुलाई 2019 में बरी हो चुके हैं। इसके साथ ही मुख्तार अंसारी नंदकिशोर रुंगटा अपहरण केस से भी बरी हो चुका है।
लेकिन अब इन दोनों केस से जुड़े गैंगस्टर ऐक्ट में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। बता दें कि गैंगस्टर ऐक्ट में कम से कम 2 साल की सज़ा का प्रावधान है, जबकि इस मामले में अधिकतम 10 साल की सज़ा हो सकती है। अगर गैंगस्टर ऐक्ट में मुख्तार के भाई अफज़ाल अंसारी को दो या दो साल से ज्यादा की सज़ा हुई, तो उनकी संसद सदस्यता जा सकती है। अफजाल अंसारी गाजीपुर से सांसद हैं।