ग़ाज़ियाबाद धर्मांतरण मामले में जिस तरह से हर रोज़ नए नए पैंतरें, चाल और साज़िश का पर्दाफाश हो रहा है। उससे एक बात तो तय है कि इस धर्मांतरण का जाल कोई एक दो महीने के प्लैनिंग नहीं, बल्कि एक सोची समझी और सालों के शातिर दिमाग की उपज है। शाहनवाज़ ने जिस तरकीब से बच्चों को धर्मांतरण के काले जाल में फंसाया है। वो कोई आम इंसान की सोच नहीं हो सकता है। और इसका सबूत है एक चैट से सामने आया है। इस चैट की हर एक लाइन अपने आप में शाहनवाज की बड़ी साज़िश और इस नेटवर्क की कोशिश का पर्दाफाश कर रही है।
शाहनवाज़ उर्फ बद्दो और अब्दुल रहमान की ये चैट एक नाबालिग के साथ की है। जिसमें वो नाबालिग को नमाज़ पढ़ने की हिदायत दे रहा है। तरावीह के बारे में बता रहा है और मस्जिद में आने के लिए उकसा रहा है। नाबालिग नमाज़ के लिए मस्जिद में जगह होने के बारे में अब्दुल से पूछता है। फिर अब्दुल उसे नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद आने का मैसेज भेजता है। वहीं दूसरी चैट में फिर से मस्जिद में जगह न होने का जिक्र है। तो आरोपी शाहनवाज़ हिंदू धर्म के बच्चों को चैट के दौरान इस्लाम धर्म से जुड़ने के फायदे बता रहा है।
दावा है कि ये चैट अप्रैल की है। इस दौरान ही बच्चे ऑनलाइन गेम के ज़रिए दोनों आरोपी के संपर्क में आए थे। इन्हीं सबूतों को सीढ़ी बनाकर ग़ाज़ियाबाद पुलिस मास्टमाइंड के गले तक पहुंचना चाहती है। और शाहनवाज़ की सही लोकेशन का पता लगाने की कोशिश कर रही है। कंप्यूटर हार्डवेयर का काम करने वाला साधारण सा दिखने वाला बद्दो उर्फ शाहनवाज बेहद शातिर दिमाग रखता है। दावा है कि उसने नाबालिगों को बहला फुसलाकर कई बार अपने एक बैंक खाते में पैसे जमा करवाए थे।
शाहनवाज उर्फ बद्दो कम्प्यूटर हार्डवेयर का काम करता था। आरोपी ने पहले भी कई नाबालिगों को कंप्यूटर पार्ट्स दिए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी बद्दो ने कंप्यूटर पार्ट्स के बदले नाबालिग से 2 लाख की रकम भी ली है। ये रकम गाजियाबाद के नाबालिग ने खाते में डाली है। नाबालिग चाहते थे कि गेमिंग एप के नए फीचर बदले जा सकें। जिसमें कैरेक्टर के ड्रेस, हथियार और दूसरी नई चीजें जोड़ी जा सकें।
इस संदेह के बाद गाज़ियाबाद पुलिस शाहनवाज़ के उस बैंक खाते की तफ्तीश कर रही है। जिसमें कई लोगों की तरफ से पेमेंट डाली गई थी। सूत्रों के मुताबिक इस बैंक खाते में अधिकतर ट्रांजेक्शन ऑनलाइन किया गया है। ये खाता पिछले करीब 4 साल से एक्टिव है। पुलिस को शक है कि इस खाते के अलावा भी बद्दो का कोई दूसरा खाता है। 26 जुलाई 2021 को बद्दो के खाते में 20 हजार की रकम डलवाई गई थी। बद्दो इन नाबालिग के भरोसे को बनाए रखना चाहता था। इसीलिए वो इन्हे कंप्यूटर हार्डवेयर सप्लायर बताता था। सूत्रों के मुताबिक़ शाहनवाज़ उर्फ बद्दो के बैंक खाते से ट्रांजेक्शन का पता लगाना इस वक्त पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। और शाहनवाज़ तक पहुंचना उससे कहीं ज़्यादा ज़रूरी।