KASHI LOK SABHA MP : मोदी से पहले ये दिग्गज रह चुके हैं बनारस के सांसद, काशी सीट का जानिए जातीय समीकरण और मुख्तार अंसारी कनेक्शन

महादेव की नगरी काशी सियासत की दिशा तय करती है। 2014 का चुनाव देखिए, 2019 का चुनाव देखिए और अब 2024 का। PM जब-जब चुनावी समर में काशी का कूच करते हैं सियासत की हवाएं एकदम बदल जाती हैं। क्या है वाराणसी का सियासी प्रभाव आपको बताते हैं।

इसे जरूर पढ़ें।

KASHI LOK SABHA MP: वो काशी जो सत्ता की धुरी बन गई… वो काशी जो देश की सियासत में हॉट सीट बन गई… वो काशी जो PM मोदी के लिए लकी सीट बन गई।

दिल्ली की सियासत का रास्ता यूपी से होकर गुज़रता है। और उसी यूपी के पूरब में है महादेव शिव की नगरी काशी। वो VVIP सीट, जो पूरब की पॉलिटिक्स का ऐपिसेंटर मानी जाती है। यानी जो काशी ने तय कर दिया, वो समझिए हो गया। कभी कांग्रेस को सत्ता के मुकाम तक पहुंचाने वाला शहर वाराणसी (KASHI LOK SABHA MP), आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM NARENDRA MODI IN VARANASI) की सबसे लकी सीट बन चुकी है। वो लगातार तीसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। एक बार फिर पीएम के रोड शो ने पूरब की सियासी फ़िज़ाओं को बदल दिया है

वाराणसी सीट पर BJP का दबदबा

1991 से 2019 के चुनावों तक BJP इस सीट पर 7 बार चुनाव जीत चुकी है। इस दौरान सिर्फ़ 2004 में कांग्रेस (SONGRESS IN VARANASI) ने यहां से जीत दर्ज की थी। तब 15 साल बाद कांग्रेस ने वापसी की थी। साल 2009 के लोकसभा चुनावों में वाराणसी सीट (KASHI LOK SABHA MP) देश की वीवीआईपी सीटों में शामिल हो गई। जब बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी (MURLI MANOHAR JOSHI IN VARANASI) ने बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मुख़्तार अंसारी (MUKHTAR ANSARI IN VARANASI SEAT) को हरा दिया था।

वाराणसी से अब तक के सांसद

  • 1957- रघुनाथ सिंह, कांग्रेस
  • 1962- रघुनाथ सिंह, कांग्रेस
  • 1967- एस. एन. सिंह, CPM
  • 1971- राजा राम शास्त्री, कांग्रेस
  • 1977- चंद्र शेखर, BLD
  • 1980- कमलापति त्रिपाठी, कांग्रेस
  • 1984- श्याम लाल यादव, कांग्रेस
  • 1989- अनिल शास्त्री, जनता दल
  • 1991- शीश चंद्र दिक्षित, BJP
  • 1996- शंकर प्रसाद जायसवाल, BJP
  • 1998- शंकर प्रसाद जायसवाल, BJP
  • 1999- शंकर प्रसाद जायसवाल, BJP
  • 2004- राजेश कुमार मिश्रा, कांग्रेस
  • 2009- मुरली मनोहर जोशी, BJP
  • 2014- नरेंद्र मोदी, BJP
  • 2019- नरेंद्र मोदी, BJP

वाराणसी का जातीय समीकरण

काशी (KASHI LOK SABHA MP) का गणित बताता है कि यहां हिंदुओं की आबादी 75 फ़ीसदी है। 20% मुस्लिम हैं और 5% सभी अन्य धर्म के मानने वाले हैं। इस लोकसभा सीट की 65% आबादी शहरी है और 35% ग्रामीण। जिसमें अनुसूचित जाति का 10 फ़ीसदी है, जनजातियों का भी प्रतिशत लगभग 0.7 है।

  • हिंदु आबादी- 75 फ़ीसदी
  • मुस्लिम आबादी – 20%
  • अन्य धर्म की आबादी – 5%
  • अनुसूचित जाति- 10 फ़ीसदी
  • जनजातियों – 0.7
  • शहरी आबादी – 65%
  • ग्रामीण आबादी – 35%

पूर्वांचल में काशी का असर

यानी काशी हिंदुत्व का ऐसा गढ़ रही है। जहां की धमक का असर पूर्वांचल की कई सीटों पर होता है। मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर जैसी सीटों पर वाराणसी का रियेक्शन साफ़ दिखता है। यानी काशी से दिया गया संदेश एक वोटर्स की एक मास ब्रिगेड तैयार करता है, यानी ऐसी ब्रिगेड जो लहर के साथ चलती है।

मोदी का हैट्रिक लगना तय

2014 के चुनावों से लेकर 2019 के आम चुनावों में काशी ने तस्वीर भी साफ़ की। जिसमें देखा गया कि बीजेपी के लिए जीत का मार्जिन कितना बड़ा होने वाला है। लेकिन सवाल ये भी है कि आखिर तीसरी बार भी पीएम मोदी ने वाराणसी (KASHI LOK SABHA MP) को ही क्यों चुना? बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्यों के लिए काशी हिंदू हार्टलैंड से कम नहीं है। यहां के लोगों की काशी में अगाध आस्था है। सनातन धर्म के प्रवाह का त्रिकोण अयोध्या, प्रयाग और काशी को ही माना जाता है। यानी काशी से दिया गया संदेश पूरब का सबसे बड़ा जनादेश बनता है, और बीजेपी इसे बहुत अच्छी तरह से समझती है।

2019 लोक सभा चुनाव

नरेंद्र मोदी, BJP
वोट: 6,74,664
वोट: 63.62%
जीत: 4,79,505 वोट से

नरेंद्र मोदी, BJP
जीत, 63.62% वोट

VS

शालिनी यादव, SP
हार, 18.4% वोट

2014 लोक सभा चुनाव

नरेंद्र मोदी, BJP
वोट: 5,81,022
वोट: 54.79%
जीत: 3,71,784 वोट से

नरेंद्र मोदी, BJP
जीत, 54.79% वोट

VS

अरविंद केजरीवाल, AAP
हार, 20% वोट

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