Pappu Yadav: बिहार के सियासी अखाड़े में उठापटक जारी है। अब एनडीए के ख़िलाफ़ नए चक्रव्यूह की रचना में पप्पू यादव एक बड़े किरदार के रूप में सामने आए हैं। उनकी पार्टी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है। अब वो महागठबंधन की तरफ़ से एक बड़े किरदार हो गए हैं।
Pappu Yadav:बिहार में NDA के ख़िलाफ़ चक्रव्यूह
हालांकि, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने पुर्णियां को अपनी लाइफलाइन बताते रहे हैं। अपनी पार्टी के कांग्रेस में विलय से पहले उन्होंने आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से भी मुलाक़ात की थी। जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि अभिभावक पितातुल्य आदरणीय लालू जी, माननीय नेता प्रतिपक्ष भाई तेजस्वी जी के साथ पारिवारिक माहौल में मुलाक़ात की। उनसे मिलकर बिहार में बीजेपी को ज़ीरो पर आउट करने की रणनीति पर चर्चा हुई। बिहार में I.N.D.I.A. गठबंधन की मज़बूती, सीमांचल, कोसी, मिथिलांचल में 100% सफलता लक्ष्य है।
पप्पू यादव (Pappu Yadav) की कांग्रेस से नजदीकियों पहले से ही थी। लगातार वो कांग्रेस से पुराने रिश्तों का दावा कर रहे थे। उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सांसद भी हैं, इससे पहले वो सुपौल से भी आरजेडी की सांसद रही हैं। खुद पप्पू यादव का भी राजनीतिक करियर बेहद प्रभाशाली रहा है।
- 1990 में पप्पू यादव ने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता।
- 1991, 1996, 1999, 2004 और 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता।
- 2015 में लालू प्रसाद यादव से मतभेद के बाद उन्होंने जन अधिकार पार्टी का गठन किया।
- 2019 में भी पप्पू यादव ने मधेपुरा से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए ।
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हालांकि बिहार के सियासी रण में पप्पू यादव और उनके कुनबे का प्रभाव सीमांचल, कोसी, और मिथिलांचल तक फैला है। यही वजह है कि अब बिहार में एनडीए की नज़र पप्पू यादव से जुड़े हर अपडेट पर है।