ईरान के परमाणु कार्यक्रम को ललेकर अमेरिका का रक्षा विभाग ने सनसनीखेज दावा किया है। अमेरिका के दावे के मुताबिक ईरान परमाणु समझौते की शर्तों के तहत 1 साल में परमाणु बम की सामग्री तैयार कर सकता था, अब वो सिर्फ कुछ ही दिन में तैयार कर सकता है। दावा है कि ईरान कुछ ही दिनों में दुनिया को ख़त्म करने वाला बम तैयार करने की ताक़त रखने लगा है। अमेरिका के इस दावे से इज़राइल में हड़कंप मच गया है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में ईरान रूस की मदद कर रहा है। ईरान के ड्रोन से रूस ने यूक्रेन में जमकर तबाही मचाई है। माना जा रहा है कि पुतिन की तरफ़ से भी ईरान को रिटर्न गिफ़्ट देने का दावा किया गया। जिसमें मिसाइल कार्यक्रम जैसी मदद भी शामिल है। इस रिटर्न गिफ़्ट की ख़बर के बाद ही अमेरिका ने दावा किया कि ईरान सिर्फ़ कुछ ही दिनों में परमाणु बम की सामग्री तैयार कर सकता है।
हालांकि इससे पहले अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर समझौता हुआ था, जो बाद में टूट गया था। बता दें कि साल 2015 में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौता हुआ था, जिसे साल 2018 में डॉनाल्ड ट्रंप की सरकार ने रद्द कर दिया। ईरान ने तब आर्थिक प्रतिबंधों से राहत के बदले में परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाई थी। हालांकि बाद में अमेरिका ने आर्थिक प्रतिबंध फिर से लागू कर दिया था, जिसके बाद तेहरान ने पहले से प्रतिबंधित परमाणु कार्यक्रम फिर से शुरू कर दिया। ईरान के फिर से परमाणु कार्यक्रमशुरू करने से अमेरिका, यूरोप और इज़रायल में हड़कंप मचा हुआ है।
हालांकि, इस बीच अमेरिका की बाइडेन सरकार ने ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम के समझौते को बहाल करने की तमाम कोशिशें की। जो बाइडेन सरकार के सभी प्रयास नाकाम साबित हुए थे। इस बीच International Atomic Energy Agency यानि IAEA ने भी ऐसा दावा किया जिससे पश्चिमी देश ख़ौफ़ में आ गए। AIEA की रिपोर्ट आने के बाद इज़राइल में हड़कंप मच गया था। IAEA के दावे के मुताबिक ईरान परमाणु बम बनाने के क़रीब पहुंच चुका है।
IAEA की रिपोर्ट्स की मानेतो ईरान ने यूरेनियम का जो जख़ीरा इकट्ठा किया है, उसे उसने इतना विकसित कर लिया है कि वो ऐटम बम ग्रेड के क़रीब पहुंच गया। दरअसल, परमाणु बम बनाने के लिए 90 प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम की जरूरत होती है और IAEA के मुताबिक ईरान 83.7 फीसदी संवर्धित यूरेनियम हासिल कर चुका है। यानी ईरान ऐटम बम बनाने के बेहद करीब पहुंच गया है।
पश्चिमी मीडिया के दावे के मुताबिक ईरान क्रूज़ मिसाइलों को बनाने की तैयारी में लगा है। हाल ही में ईरान ने मिलिटरी ड्रिल भी की थी। जिसमें ईरान ने अपनी मिसाइल ताक़त को आजमाया था। वहीं, इस परीक्षण के बाद ये माना जा रहा है कि ईरान ने उसे बनाने में सफलता हासिल कर ली है। ईरान की सेना ने दावा किया कि उसकी इस नई मिसाइल ने क़रीब साढे 16 सौ किलोमीटर दूर अपने टारगेट पर सटीक वार किया। जिसके बाद इसे अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के लिए ख़तरे की घंटी माना गया। पश्चिमी मीडिया का मानना है कि अगर ईरान एक बार इन मिसाइलों को बनाने में कामयाब हो गया। तो वो शाहिद 136 ड्रोन और इन क्रूज़ मिसाइलों के दम पर किसी भी देश में तबाही लाने में सक्षम हो जाएगा, जो पूरी दुनिया के लिए ख़तरनाक होगा।