यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने ईरान पर प्रतिबंध लगाने के लिए बहुत बड़ा कदम उठा लिया है। ज़ेलेंस्की ने ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया है। जिसमें ईरान पर 50 साल के लिए प्रतिबंध लगाने की बात कही गई हैं। अगर संसद में ये विधेयक पास हो जाता है तो ये ईरान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा। ईरान पर यूक्रेन जंग में लगातार रूस के साथ खड़े होने के आरोप लग रहे हैं।
यही वजह है कि यूक्रेन ने ईरान को सबक़ सिखाने की ठान ली। ये फ़ैसला यूक्रेन की तरफ़ से तब लिया गया जब एक दिन पहले ही रूस ने यूक्रेन के कीव पर ड्रोन से भीषण हमले किए। यूक्रेन का आरोप है कि रूसी फ़ौज ने कीव पर क़हर बरपाने के लिए ईरान के शाहिद 136 ड्रोन इस्तेमाल किए। हालांकि यूक्रेन ने दावा किया कि पुतिन की फ़ौज की तरफ़ से किए गए ड्रोन हमलों को उसने नाकाम कर दिया। यूक्रेन के मुताबिक़ उसने रूस के 52 ड्रोन मार गिराए। लेकिन ये पहली बार नहीं है जब रूसी सेना ने कीव पर ड्रोन से हमले किए हों। इससे पहले भी वो लगातार कीव को निशाना रही है। दावा है कि पुतिन की फ़ौज यूक्रेन पर हमले किए ईरान के ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रही है। बताया गया कि इसीलिए यूक्रेन ने भी ईरान पर प्रतिबंध लगाने की ठान ली।
हालांकि ईरान ने एक बार फिर साफ कर दिया कि जंग के बीच वो रूस की मदद नहीं कर रहा। लेकिन यूक्रेन का आरोप है कि जंग में ईरान रूस को मदद पहुँचा रहा है। जिसकी वजह से यूक्रेन को काफ़ी नुक़सान उठाना पड़ रहा। असल में बीते कुछ दिनों में यूक्रेन पर पुतिन की फ़ौज ने ड्रोन से हमले तेज़ किए हैं। दावा है कि जिन ड्रोन को यूक्रेन ने मार गिराया उनमें ज़्यादातर ईरान के ड्रोन शाहिद 136 पाए गए। इसीलिए ज़ेलेंस्की ने संसद में ईरान पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक लाने का फ़ैसला लिया। अब अगर इस विधेयक को मंजूरी मिल जाती है तो ईरान पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लग जाएंगे। इतना ही नहीं ईरान, यूक्रेन के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएगा।