गाजियाबाद में खेल के नाम पर अधर्म फैलाने की वो कोशिश की गई। जिसके बारे में जिस किसी ने सुना वो हैरान रह गया। खेल को धर्म से जोड़कर जिहाद करने की वो तालीम दी गई। जिसे सुनकर आपकी रुह थर्रा जाएगी। एक गेमिंग ऐप कभी धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ये शायद आपके ज़हन में कभी आया भी हो। ये कहानी कुछ महीनों की नहीं बल्कि 2 साल से चली आ रही है। अब आलम ये है कि एक नाबालिग का धर्म विशेष की तरफ इतना झुकाव हो गया है कि वो परिवार तक को उस राह पर चलने की हिदायत दे रहा है।
धर्मांतरण में मौलवी का खेल
गाजियाबाद के संजय नगर इलाके में बनी मस्जिद कमेटी का मेंबर इस काम को अंजाम दे रहा था। पुलिस का दावा है कि नाबालिगों के धर्मांतरण की पूरी खबर मस्जिद के मौलवी को थी। लेकिन मौलवी उसे सपोर्ट करता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगने दी। सूत्रों के मुताबिक जब नाबालिग लड़के मस्जिद में जाते थे तो वहां आरोपी उन्हें नमाज पढ़ने के तौर तरीके सिखाता था। वो उन्हें नमाज़ के लिए बैठने के बारे में बताता था। आयतों की जानकारी देता और उन्हें हर चीज़ के बारे में तफ्सील से बताता था। आरोपी जानता था कि नाबालिग बच्चों का दूसरे समुदाय से ताल्लुक है। इसके बावजूद वो उन्हें हर तरह की सुविधाएं देता रहा और अपने नाजायज़ मकसद में कामयाब हो गया।
फर्जी आईडी बनाकर हिंदूओं को जाड़ता था
इस बात का पर्दाफाश तब हुआ जब पुलिस गेमिंग एप की फर्जी आईडी की पहचान करने में जुटी थी। पुलिस को इस दौरान कुछ दूसरी आईडी भी मिलीं। जिसमें नाबालिग बच्चे असली नाम का इस्तेमाल कर रहे थे। इन सभी बच्चों को ऑनलाइन गेम के ग्रुप में दूसरे धर्म की तरफ झुकाव दिलाने की कोशिश की जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक बद्दो नाम की फर्जी आईडी बनाने वाले शाहनवाज ने कुछ ऐसे लड़कों की टीम बनाई थी। जो गेमिंग एप में हिंदू धर्म के लड़के बनकर जुड़ते थे। उनके टारगेट में सिर्फ वही लड़के होते थे जो नाबालिग हों। ये काम बड़ी होशियारी से किया जा रहा था। इस काम के लिए मोटी रकम खर्च की जा रही थी जिसके विदेश से आने की उम्मीद है।
यूपी के बाद हरियाणा में भी धर्मांतरण का खेल
बद्दो नाम रखने के पीछे का मकसद ये था कि कहीं परिवार को बच्चों के धर्म विशेष की तरफ झुकाव की खबर ना लग सके। शाहनवाज़ का सपना सिर्फ उन बच्चों का धर्मांतरण का नहीं था। पुलिस जब इस पूरे मामले की तह तक गई तो उसे फरीदाबाद और चंडीगढ़ के दो और नाबालिग बच्चों के बारे में जानकारी मिली। जिसके बाद फरीदाबाद और चंडीगढ़ में यूपी पुलिस ने परिवारों से मुलाकात की। आरोपी ये बात बखूबी जानता था कि एक दिन उसके इस गंदे धंधे का अंत ज़रूर होना है। 2 साल से भी ज्यादा वक्त ऑनलाइन गेम में बिताने के बाद बद्दो अपनी आईडी को बदल नहीं सका। जैसे ही उसे भनक लगी वो परिवार समेत महाराष्ट्र के मुंब्रा से फरार हो गया। अब पुलिस उसके खुद के बनाए नेटवर्क से ही उसका तिलिस्म तोड़ने में जुटी है।