गाज़ियाबाद धर्मांतरण मामले में जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही है। पूरे समीकरण से पर्दा उठ रहा है। पहले गेम का लालच… फिर जीत का लालच… फिर धर्म की खूबियों का लालच। पूरा मामला सिर्फ और सिर्फ लालच से लबरेज़ है। शाहनवाज़ उर्फ बद्दो का टारगेट नाबालिग बच्चें हैं। और नाबालिग का सेलेक्शन भी एक सोची समझी साज़िश है। अब तक की पुलिस जांच में जो बात सामने आई है, वो आपको चौंका देने वाली है।
नाबालिग बच्चों पर गैंग का फोकस
सूत्रों के मुताबिक बद्दो उर्फ शाहनवाज एक नाबालिग के ज़रिए दूसरे नाबालिगों पर नज़र रखता था। वे क्या करते हैं, कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं, इसकी जानकरी रखता था। बद्दो किसी भी नाबालिग के संपर्क में सीधा नहीं था। वो सिर्फ गाजियाबाद के एक नाबालिग को धर्मांतरण के लिए उकसा रहा था। लेकिन गाजियाबाद के नाबालिगों का फरीदाबाद और चंडीगढ़ के नाबालिग से सीधा जुड़ाव था। इन सबके बीच एक ऑनलाइन ऐप ब्रिज का काम कर रहा था। यानी धर्मांतरण का पूरा नेटवर्क एक चैनल की तरह गाजियाबाद से फरीदाबाद और चंडीगढ़ तक पहुंच चुका था। जिसे आगे उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी फैलाने की कोशिश की जा रही थी। एक गेमिंग ऐप से धर्मांतरण के गोरखधंधे को पंख दिए जा रहे थे।
ऐप के जरिए बच्चों से चैटिंग
इस बात से पता चलता है शाहनवाज़ बेहद ही शातिर तरीके से अपने मंसूबे को पूरा करने में जुटा था। लेकिन उसकी ये चाल ज़्यादा दिन नहीं चल सकी। जैसे ही सभी नाबालिग ने DISCORD एप के जरिए चेटिंग करना शुरू की। तो कई दूसरे नंबर भी चेटिंग के जरिए सामने आने लगे। ये नंबर कभी भी अपने असली नाम या अपनी आइडेंटिटी को सामने नहीं लाते थे। पुलिस को शाहनवाज पर ही इसे भी ऑपरेट करने का शक है। इतना ही नहीं पुलिस इस थ्योरी पर भी काम कर रही है कि शाहनवाज़ उर्फ बद्दो का कनेक्शन किससे और कहां से था।
पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल
बद्दो आखिर कहां गया?
इस काम के लिए बद्दो को पैसा कहां से मिल रहा था?
शाहनवाज़ के बद्दो नाम रखने के पीछे की साज़िश किसकी है?
बद्दो के साथ इस पूरे काम को कौन अंजाम दे रहा था?
बद्दो या फिर पूरा नेटवर्ट देशभर में धर्मांतरण के काम में जुटा है?
धर्मांतरण के इस खेल का कोई इंटरनेशनल कनेक्शन तो नहीं है?
बड़ी तादात में धर्मांतरण की कोशिश
गेमिंग ऐप पर फर्जी हिंदू आईडी का इस्तेमाल करने वाला बद्दो उर्फ शाहनवाज तकरीबन ढाई साल से नाबालिगों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा था। उसकी सोच थी कि अगर एक बच्चे को उसने अपने जाल में फंसा लिया। तो एक से दूसरा, दूसरा से तीसरा, तीसरे से चौथा और ऐसे करके बड़ी तादाद में धर्म परिवर्तन कराया जा सकता है। ऐसा करने पर सिर्फ एक ही शख्स उससे वाकिफ होगा बाकि के सभी शख्स बद्दो से अंजान रहेंगे। भले ही शाहनवाज फरार हो लेकिन उसके फोन कॉन्टैक्ट का पूरा डेटा अब पुलिस और जांच एजेंसियों के पास है। जिसके ज़रिए उसकी फर्जी आईडी, ग्रुप कॉन्टेक्ट और नेटवर्क के अन्य लोगों तक पुलिस जल्द से जल्द पहुंचने का दावा कर रही है।