गाज़ियाबाद में जैन परिवार समेत 3 नाबालिग लड़कों के धर्मपरिवर्तन मामले को पुलिस जितना सतही और सीधा समझ रही थी। ये मामला पुलिस की उम्मीद के उलट उतना ही पेंचीदा है। इसका नेटवर्क इंटरनेट के मायाजाल के समान भारत से लेकर मिडिल ईस्ट तक फैला हुआ है। पुलिस जैसे जैसे इस मामले की तफ़्तीश में आगे बढ़ रही है, उसे और ज़्यादा साज़िशों का पता चल रहा है। अब तक पुलिस को यही जानकारी थी कि महाराष्ट्र के ठाणे का रहने वाला शाहनवाज़ उर्फ बद्दो एक गेमिंग ऐप के जरिए नाबालिग लड़कों को अपने झांसे में लेकर उनका ब्रेन वॉश करता था। लेकिन गाज़ियाबाद पुलिस तब सन्न रह गई जब उसे पता चला कि बद्दो एक नहीं 2 गेंमिंग ऐप ऑपरेट कर रहा था। जिसके जरिए वो धर्मांतरण की साजिश को अंजाम देने में जुटा था।
बद्दो ने बनाए थे 2 ऑनलाइन विडियो गेम
पीड़ित नाबालिगों से पूछताछ में ग़ाजि़याबाद पुलिस को पता चला है कि बद्दो ने उन्हें एक नए गेमिंग एप के बारे में भी बताया था। जिसमें एक साथ कई लोग जुड़ सकते हैं। सभी एक साथ गेम खेल सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे लूडो या ताश के पत्तों के गेम में मल्टी प्लेयर ऑप्शन होते हैं। इस ऐप का नाम Valorent गेमिंग ऐप है। जो दुनिया में सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेमों में से एक माना जाता है। इस गेम को भी epic स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा चैट करता था आरोपी
नाबालिगों को इस ऐप की सारी जानकारी देने के लिए बद्दो ने ऑनलाइन प्लैटफ़ॉर्म पर एक कम्यूनिटी बनाई थी। जिससे नाबालिगों को गेम के बारे में जानकारी देना उसके लिए आसान होता था और सुरक्षित भी। वेलोरेंट गेमिंग ऐप पर किसे खेलना है ये बद्दो खुद तय करता था। इस गेम को खेलने के लिए वो ऐसे नाबालिग बच्चों को मौक़ा देता था, जो बद्दो के साथ ऑनलाइन चैट में काफ़ी वक़्त बिताते थे। चैट के जरिए बद्दो ये समझ जाता था कि कौन सा नाबालिग लड़का उससे कितना प्रभावित है। इसी के मद्देनज़र वो उन्हें धर्मांतरण के अगले स्टेप में शामिल करता था।
दुबई से ऐप का संचालन
यही नहीं, ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण वाले मामले में पुलिस को एक और चौकाने वाली जानकारी मिली है। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि बद्दो जिस गेमिंग एप fortnite का इस्तेमाल कर रहा था, उसका सर्वर दुबई में पाया गया। क्योंकि दुबई के कनेक्शन के सर्वर अलग अलग होते हैं। इस सर्वर के जरिए मिडिल ईस्ट देशों के कई ऑनलाइन गेम प्लेयर भी जुड़ते हैं। जिसके बाद ये साफ़ हो गया कि बद्दो ने जानबूझकर पूरी प्लैनिंग के तहत ही fortnite गेमिंग ऐप को चुना था। वो जानता था कि इस गेम का सर्वर दुबई में है जिसका ऐक्सेस भारत की किसी भी ऐजेंसी को नहीं है। ऐसे में अगर कभी उसकी साज़िश का पर्दाफ़ाश होता है, तो पुलिस को जांच करने में काफी परेशानी होगी।
कहां से आती थी फंडिंग?
हालांकि अब पुलिस फोर्टनाइट ऐप के साथ ही नए गेमिंग ऐप Valorent की डिटेल भी खंगाल रही है। ताकि ये पता चल सके कि आरोपी बद्दो ने इसके जरिए कितने लोगों को देश और विदेश में धर्मांतरण के लिए उकसाया था। इसके साथ ही पुलिस सूत्रों से पता चला है कि बद्दो किसके इशारे पर काम करता था। उसे फंडिंग कहां से होती थी। ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण की साज़िश का प्लैन किसका था और क्या इसमें पाकिस्तान का हाथ है या नहीं। हालांकि इन सभी सवालों के जवाब तब तक मिलने मुश्किल हैं, जब तक पुलिस को बद्दो नहीं मिल जाता। क्योंकि बद्दो ही इस मामले में वो कड़ी है उसके ऊपर के साज़िशकर्ताओं को जोड़ता है। इसलिए पुलिस के लिए उसकी गिरफ्तारी सबसे ज़रूरी मानी जा रही है।