France Riots: 17 साल के लड़के की मौत के बाद से सुलग रहे फ़्रांस में हिंसा भड़काने के आरोप में अब तक तीन हज़ार से ज़्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है। ज़्यादातर जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों को ही निशाना बनाया है।
France Riots: राष्ट्रपति की अपील को असर नहीं
100 घंटे से ज़्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन फ्रांस (France Riots) में जारी फसाद का अंत अब तक नहीं दिख रहा है। प्रदर्शनकारियों के आगे पुलिस कमज़ोर दिख रही है। फ़्रांस के मीडिया का दावा है कि इन झड़पों में क़रीब 500 पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
इसके साथ ही फ़्रांस के अलग अलग शहरों से हज़ार से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। जिन पर हिंसा भड़काने और तोड़फोड़ करने का आरोप है। फ्रांस के हालातों पर राष्ट्रपति इमैनुअल पल पल की जानकरी ले रहे हैं। मैक्रों ने अधिकारियों का साथ अहम बैठक की और पेरिस समेत आस पास के इलाकों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए। इमैनुअल ने दंगा भड़काने वालों पर सख़्त ऐक्शन लेने के भी निर्देश दिए हैं।
France Riots: फ्रांस में मुस्लिमों में असंतोष
नाबालिग ऐल्जेरियाई मूल के मुस्लिम परिवार का बताया जा रहा है। इसीलिए इस घटना के बाद वहाँ मुस्लिम समुदाय के लोगों का ग़ुस्सा ज़्यादा है। इस घटना को फ़्रांस (France Riots) में लम्बे वक़्त से पनप रहे धार्मिक असंतोष से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। पिछले कुछ सालों में कई बार वहाँ दंगे (France Riots) हो चुके हैं, जिनमें एक पक्ष मुस्लिम समुदाय के लोग ही रहे हैं। और इस बार भी ऐसा हुआ हुआ, जब एक मुस्लिम लड़के की मौत के बाद वहाँ आग लग गई।
भारत जैसी नहीं है धर्मनिरपेक्षता
इसकी वजह फ़्रांस के धर्मनिरपेक्षता से जुड़े क़ानूनों को माना जाता है। फ़्रांस की आबादी क़रीब 7 करोड़ है, जिसमें 50 लाख मुस्लिम आबादी होने का अनुमान है। ये दूसरे नंबर पर वहां की सबसे बड़ी आबादी है। लेकिन फ़्रांस की धर्मनिरपेक्षता भारत जैसी नहीं है। वहाँ ना तो किसी सिख को पगड़ी रखने का अधिकार है, ना किसी मुस्लिम को टोपी पहनने का। मतलब सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी नागरिक में कोई फ़र्क नहीं दिखना चाहिए। मुस्लिम समुदाय के लोग आरोप लगाते रहे हैं, कि फ़्रांस में उनके साथ बराबरी का बर्ताव नहीं होती।
France Riots: आरोपी पुलिसकर्मी गिरफ्तार
दावा है कि जिस पुलिसकर्मी की गोली से नाबालिग़ की मौत हुई, उसने मरने वाले लड़के के परिवार से माफ़ी माँग ली है। वो पुलिसकर्मी हिरासत में है। और उसके वकील ने बताया कि जब वो पुलिसकर्मी से मिला तो उसका पहला और आख़िरी शब्द सॉरी था। वकील ने ये भी जानकारी दी कि वो पुलिसकर्मी 17 साल के उस लड़के को मारना नहीं चाहता था। इसलिए वो बहुत ज़्यादा दुखी है।
दावा है कि दो पुलिसवाले नाबालिग़ की कार को रोककर उससे कुछ बात कर रहे थे। नाबालिग़ ही गाड़ी चला रहा था। उस घटना के विडियो में एक पुलिसवाला उस नाबालिग़ पर पिस्तौल ताने हुए भी नज़र आया था। इसी दौरान नाबालिग़ ने गाड़ी भगा दी थी। और पुलिसवाले ने गोली चला दी थी। जिससे उस लड़के की सड़क पर ही मौत हो गई थी।
France Violence: 14 से 18 साल के बच्चे कर रहे लीड
प्रदर्शन की आड़ में फ्रांस (France Riots) के बड़े बड़े स्टोर्स में लूटपाट की गई। ल्योन में प्रदर्शनकारियों को ना ही पुलिस का और ना ही लॉ एंड ऑर्डर वाले सिस्टम का कोई डर सता रहा है। सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला दावा ये है कि फ्रांस की सड़कों पर 14 से 18 साल के युवा इन वारदातों को लीड कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने 2024 ओलंपिक के लिए बन रहे निर्माणाधीन स्विमिंग पूल तक को फूंक दिया है और पेरिस के 13वें अधिवेशन के पास आग लगा दी।
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फ़्रांस में कहां कहां ‘आग’?
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