चीन का एक रहस्यमयी स्पेसक्राफ़्ट क़रीब 9 महीने तक अंतरिक्ष में चक्कर लगाने के बाद धरती पर लौट आया। चीन के मीडिया ने इस मिशन को ऐतिहासिक बताया। हालांकि चीन की तरफ़ से उस रहस्यमयी स्पेसक्राफ़्ट और उसके मिशन के बारे में कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई। इतना ही नहीं चीन ने अपने उस स्पेसक्राफ़्ट की कोई तस्वीर भी जारी नहीं की। ऐसे में चीन के इस गुप्त मिशन को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। क्योंकि चीन आए दिन कुछ ना कुछ ऐसे प्रयोग करता रहता है जिससे दूसरे देशों की परेशानी बढ़ जाती है।
चीन का ‘गुप्त’ अंतरिक्ष मिशन!
चीन की इन्हीं हरकतों की वजह से उस पर कई बार जासूसी के आरोप भी लग चुके हैं। लेकिन चीन फिर भी अपनी करतूतों से बाज नहीं आता। इसीलिए उसके इस अंतरिक्ष मिशन को भी शक की निगाह से देखा जा रहा है। अगस्त 2022 में चीन ने गंसू प्रांत में मौजूद ज्योचेन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से अपने जिस अंतरिक्ष यान को लॉन्च किया था। जो 276 दिन तक धरती की कक्षा में घूमने के बाद सही सलामत धरती पर लौट आया। चीन ने अपने इस मिशन को सफल बताया और इसके ज़रिए कई अहम खोज करने का दावा किया। हालांकि अंतरिक्षयान की लंबी और सफल यात्रा के बावजूद चीन ने उससे जुड़ी जानकारियां उजागर नहीं कीं।
अतंरिक्ष में अमेरिका को टक्कर!
चीन के मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ उस स्पेसक्राफ़्ट में कोई चालक दल सवार नहीं था। यानी उसे पूरी तरह से धरती से कंट्रोल किया जा रहा था। दावा है कि इस मिशन के ज़रिए चीन ने अंतरिक्ष यान को दोबारा इस्तेमाल करने की तकनीक का परीक्षण किया। ऐसी तकनीक जिसके ज़रिए एक ही स्पेसक्राफ़्ट को कई बार अंतरिक्ष मिशन पर भेजा जा सकेगा। फिलहाल ऐसी तकनीक सिर्फ अमेरिका के पास है। अमेरिका इस तकनीक को 13 साल पहले ही हासिल कर चुका है। उसका X-37B स्पेसक्राफ़्ट पांच अंतरिक्ष मिशन को अंजाम दे चुका है।
दावा है कि अमेरिका से हर मामले में होड़ लगाने वाले चीन ने उसे इस मामले में भी टक्कर दे दी। हालांकि चीन की तरफ़ से ये पुष्टि नहीं की गई, कि उसने अंतरिक्ष यान को दोबारा इस्तेमाल करने की तकनीक हासिल कर ली या नहीं।