चीन ने अपनी रक्षा बजट में 7.2 फ़ीसदी बढ़ा दी है। चीन ने अपना रक्षा बजट 224 बिलियन डॉलर यानी क़रीब 18 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। भारत के लिहाज से चीन का रक्षा बजट तीन गुना अधिक है। भारत ने 2023-24 के लिए 72.6 अरब डॉलर का बजट पेश किया है। चीन का रक्षा बजट बढ़ाना कई देशों के लिए सबसे बड़ा खतरा हो सकता है। खास करके भारत, अमेरिका और ताइवान के लिए काफी चिंताजनक है।
इन तीन देशों से चीन का सीधे तौर पर मुक़ाबला है। ऐसे में चीन अपनी रक्षा बजट बढ़ाकर ये साफ तौर पर संदेश देने वाला है कि वो युद्ध के लिए तैयार है। 20 लाख सैनिकों वाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। चीन अपनी सेना, नौसेना और वायु सेना के आधुनिकीकरण पर सबसे अधिक खर्च कर रहा है। और उसे तेज़ी से शक्तिशाली बनाने में जुटा है।
चीन की ताक़त
1.चीन की मिलिट्री के पास 3285 एयरक्राफ्ट हैं
2. चीन के पास 1200 लड़ाकू विमान हैं
3. चीन के पास 912 हेलिकॉप्टर हैं, जिसमें से 91 अटैक हेलिकॉप्टर हैं
4. 5250 टैंक, 35 हजार बख़्तरबंद वाहन, 4120 आर्टिलरी हैं.
ऐसे में चीन अपनी रक्षा बजट बढ़ाकर ये दिखाना चाहता हैं कि वो दुनिया का सबसे बड़ा ताकतवर देश है। हालांकि, कोरोना की वजह से चीन की आर्थिक स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है। उसी वजह से चीन की सरकार ने इस साल के लिए विकास दर के लक्ष्य में कटौती की है।
पिछले साल भी चीन का आर्थिक मोर्चे पर बेहद ही खराब प्रदर्शन रहा था। चीन ने इस साल के लिए मामूली पांच फीसदी का आर्थिक विकास दर का लक्ष्य तय किया है। पिछले साल चीन की आर्थिक विकास दर केवल तीन फीसदी थी। ये 1947 के बाद पिछले 50 सालों में चीन की जीडीपी की दूसरी सबसे कम वृद्धि दर है। ऐसे में चीन भले ही रक्षा बजट बढ़ाकर अपनी ताकत दिखा रहा हो. पर अंदर से उसका देश खोखला होता जा रहा है