एक छोटी सी चिंगारी उठी और ब्रिटेन का शहर लीड्स जल उठा। ग़ुस्साई भीड़ ने बसें फूंक दी। पुलिस वैन को पलट दिया। सड़कों पर इतनी आगजनी हुई कि पूरा शहर मिलिटरी छावनी में तब्दील कर दिया गया। लीड्स में अब सन्नाटा है लेकिन लोग पुलिस प्रशासन से सख़्त नाराज़ हैं। सवाल है लीड्स रातभर क्यों जलता रहा। इस स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए लीड्स में ज़लज़ले की हरेक डिटेल।
ब्रिटेन में आधी रात फटा ‘चाइल्ड बम’
लंदन से सिर्फ़ 197 किलोमीटर दूर…इंजीनियरिंग,फ़्लैक्स फ़ैक्टरी और शॉपिंग के लिए विख्यात शहर लीड्स जल रहा है। आलम ये है कि आक्रोशित भीड़ सबकुछ भस्म कर देने पर आमादा है। पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ हाल के वर्षों में इंग्लैंड में ऐसा ग़ुस्सा कभी नहीं भड़का।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में लोग पुलिस की कार पर हमला कर रहे हैं. भीड़ पुलिस वैन को पलटते दिखाई दे रहे हैं लेकिन इससे पहले गाड़ियों के शीशे तोड़े जा रहे हैं।
एक वीडियो में शख्स बस को आग लगाता दिखाई दे रहा है जबकि कुछ लोग कूड़ा फेंक रहे हैं। लीड्स में लोगों ने कचरे की मदद से बस में आग लगा दी। आग तेजी से फैले इसके लिए लोगों ने बस में ज्वलनशील पदार्थ डाला। प्रदर्शनकारियों ने लाइटर की मदद से गाड़ियों में आग लगा दी।
युद्धक्षेत्र बना हेयरहिल्स
लीड्स में दंगों का मुख्य केंद्र वहां का हरेहिल्स इलाका है। पुलिस की वैन पर पत्थरों से लेकर ड्रिंक्स और फेंक रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की वैन को पलट दिया। प्रदर्शन में शामिल बच्चों ने भी पुलिस की गाड़ियों पर पत्थर बरसाए। लोगों ने शहर की मुख्य सड़क में खड़ी गाड़ियों पर भी आग लगा दी, जिससे हाईवे को बंद करना पड़ा।
रातभर लोगों ने शहर की मुख्य सड़क पर आगजनी की। हिंसा के वीडियो वायरल होने के बाद इसमें आस-पास के लोग भी शामिल हो गए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक लीड्स के हेयरहिल्स इलाके की लग्जर स्ट्रीट पर गुरुवार शाम पांच बजे लोगों की भीड़ जुटना शुरू हुई। इसके कुछ ही देर बाद भीड़ उग्र हो गई। इस भीड़ में बच्चे भी शामिल थे। पुलिस पूरे इलाके में हेलिकॉप्टर से निगरानी रख रही है।
पकड़ा गया पाकिस्तानी एजेंट?
ब्रिटेन की गृहमंत्री यवेटे कूपर ने बताया इस हिंसा से स्तब्ध हूं। साथ मामले पर स्थानीय पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। इस तरह की हिंसा के लिए ब्रिटेन में कोई जगह नहीं है। मैं लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं।
- अब वो सवाल कि आख़िर क्यों जल रहा है लीड्स?
- लीड्स में साज़िश की आग और दंगा?
- या आम लोगों का आक्रोश सड़कों पर आग बनकर बरस रहा है?
ब्रिटेन के लीड्स शहर में बीती रात जमकर दंगा हुआ, जिसके बाद आगजनी और हिंसा की तस्वीरें सामन आईं। बड़ी संख्या में लोग शहर के बीचोबीच इकट्ठा हुए और उत्पात मचाया। इन लोगों ने एक बस में आग के हवाले कर दिया। पुलिस की गाड़ियों पर भी हमला किया गया। हेयरहिल्स क्षेत्र में ये दंगाई मास्क पहने घूम रहे थे।
पूरा विवाद एक परिवार से 4 बच्चों को अलग करने से शुरू हुआ। एक चाइल्ड केयर एजेंसी की ओर से बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर चाइल्ड केयर होम में रख दिया गया। इनमें से एक बच्चे को कुछ दिन पहले चोट लगने के कारण इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था. चोट भाई-बहनों में से किसी एक के कारण लगी थी….स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अस्पताल के अधिकारियों ने मामले की सूचना सामाजिक सेवाओं को दी और बच्चों को परिवार से दूर ले जाया गया, जिसके कारण विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इलाके के कुछ लोगों ने एजेंसी के इस कदम का विरोध किया। आनन-फानन में सड़कों पर सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए और फिर पुलिस और एजेंसी की गाड़ी में आग लगा दी और पथराव शुरू कर दिया।
हालांकि, इस हमले में अभी तक किसी के घायल होने की खबर नहीं है। हिंसा रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मी सड़कों पर तैनात किए गए हैं। लोगों को हिंसा वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है। द गार्जियन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, हेयरहिल्स इलाके के लक्सर स्ट्रीट में चाइल्ड केयर सरकारी एजेंसी के कुछ लोगों द्वारा बच्चों को अपने संरक्षण में ले लिए जाने के बाद यह उपद्रव शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी नहीं चाहते कि चाइल्ड केयर एजेंसी बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर चाइल्ड केयर होम में रखे. ये लोग इसी का विरोध कर रहे हैं।
बच्चों वाला क़ानून शहर को मंज़ूर नहीं?
हालांकि यूरोपियन देशों में माता-पिता को उनके बच्चों से अलग कर देना कोई नई बात नहीं हैं. यहां ऐसी सैकड़ों कहानियां मिल जाएंगी. ताजा मामला इंग्लैंड का है, जिसने इतना तूल पकड़ लिया है. इंग्लैंड में भी बच्चों के पालन पोषण को लेकर कानून है।
यूरोपीय देशों में बच्चों के पालन-पोषण को लेकर सख्त नियम हैं। चाइल्ड वेलफेयर एजेंसी काफी एक्टिव रहती हैं। अगर किसी घर-परिवार में बच्चे की ठीक से देख-रेख नहीं होती है तो चाइल्ड प्रोटेक्शन की टीम पहुंच जाती है। बच्चों की भलाई के लिए तो यह सब आदर्श स्थिति है मगर हकीकत कुछ और है लेकिन इसकी डिटेल आगे।
इंग्लैंड के कानून के मुताबिक प्रशासन बच्चों को विशेष परिस्थितियों में मां-बाप से अलग कर सकता है। अगर प्रशासन को लगता है कि परिजनों की देखरेख में किसी बच्चे की परवरिश सही तरीके से नहीं हो पा रही है. तो उन्हें चाइल्ड केयर होम में रखा जाता है।
यॉर्कशर पुलिस ने आग से वाहनों को हुए नुकसान समेत सभी अपराधों की पूरी जांच करने का वादा किया है। पुलिस ने कहा “हम साफ करना चाहते हैं कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना को मैनेज करने के लिए क्षेत्र में ज्यादा अधिकारियों को तैनात किया गया है। कुछ सड़कें भी बंद की जा रही हैं और लोगों को फिलहाल इस इलाके से दूर रहने की सलाह दी जाती है।”
इसे भी पढ़ें: UP CM YOGI: योगी को हटाने पर अब तक की सबसे बड़ी बैठक, एक साथ सहयोगी दलों ने किया ताबड़तोड़ हमला
ब्रिटेन के कानून में मां-बाप की जिम्मेदारी कानून द्वारा जो तय है उसे बहुत ध्यान से समझने की ज़रूरत है। मां-बाप की जिम्मेदारी का अर्थ है कि उनके पास अपने बच्चों के पालन-पोषण से संबंधित कानूनी अधिकार और कर्तव्य हैं। लेकिन ब्रिटेन में बच्चों के पालन-पोषण को लेकर एक डर्टी गेम भी खेला जाता है।
- यूरोपीय के देशों में चाइल्ड केयर के नाम पर मोटी रकम दी जाती है।
- इसका मतलब है कि जितना ज्यादा केस होंगे उतनी ज्यादा कमाई होगी।
- अप्रवासी ऐसे मामलों का शिकार बनते हैं। दूसरे देशों से काम के लिए आकर रह रहे लोग अपने परिवार-संस्कार के तहत बच्चों का
- लालन-पोषण करते हैं। उनके तौर-तरीके और यूरोपीय देशों के कानूनों में काफी फर्क होता है।
- मसलन बच्चे को मां-बाप के साथ बिस्तर पर सोना हो या बच्चे को हाथ से खाना खिलाना यूरोपीय नियमों के तहत अपराध है।
- प्यार से मां की दी हुई धौल उनके लिए बच्चों की पिटाई का केस बन जाता है।
तो नियम कानून के चक्कर में लीड्स जल रहा है। इन नियमों पर भी इंग्लैंड में सियासत गरमा गई है। लेकिन अब तक सरकार की ओर से कुछ भी ठोस ऐसा नहीं कहा जा रहा है ऐसी आगजनी और दंगा रोकने के लिए किसी तरह के क़दम उठाए जाएंगे या नहीं।