Lok Sabha Intresting Facts: निर्दलीय था पहला निर्विरोध सांसद, सबसे ज्यादा श्रीनगर से निर्विरोध सांसद, 80 फीसदी निर्विरोध कांग्रेसी

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Lok Sabha Intresting Facts: कश्मीर से कन्याकुमारी (kashmir to kanyakumari) तक इन दिनों चुनावी शोर सुनाई दे रहा है। सबसे पहले टिकट पाने की जद्दोज़हद रही, टिकट मिला तो चुनाव जीतने के लिए दांव पेंच शुरू हो गये। लेकिन देश की एक सीट ऐसी है जहां एक उम्मीदवार को बिना लड़े ही संसद में जाने का पास मिल गया। सूरत लोकसभा (surat lok sabha seat) सीट पर BJP उम्मीदवार मुकेश दलाल (mukesh dalal) निर्विरोध चुनाव जीत गये हैं। क्योंकि उनके सामने खड़े कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज हो गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव अधिकारी ने पाया कि नीलेश कुंभाई के जो प्रस्तावक थे उनके हस्ताक्षरों के वेरिफिकेशन में कुछ गलती थी। इसके अलावा बाकी 8 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया। नतीजा ये हुआ कि नियमों के आधार पर मुकेश दलाल को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया।

सूरत में बिना लड़े हारी कांग्रेस

  • कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन खारिज
  • 7 उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया
  • BSP के प्यारेलाल थे आखिरी उम्मीदवार
  • प्यारेलाल ने भी नाम वापस लिया
  • BJP उम्मीदवार की निर्विरोध जीत
  • मतगणना से पहले BJP के खाते में 1 सीट

हालांकि, कांग्रेस पाटी इसे मैच फिक्सिंग बता रही है। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार निलेश कुम्भानी (Nilesh Kumbhani) का नामांकन खारिज होने पर सवाल उठाए हैं। दरअसल, निलेश कुम्भानी ने अपने नामांकन के दौरान जिन 3 लोगों को प्रस्तावक बनाया था, उसमें उनके बहनोई, भांजे और बिजनेस पार्टनर शामिल थे। लेकिन, इन तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने एफिडेविट दाखिल कर कहा, कि निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं है। जिसके बाद, चुनाव अधिकारी ने हस्ताक्षर के सत्यापन के लिए निलेश कुम्भानी को प्रस्तावकों के साथ पेश होने के लिए 1 दिन का समय दिया था। लेकिन वो तय समय पर प्रस्तावकों को चुनाव अधिकारी के सामने पेश नहीं कर पाए।

क्यों रद्द हुआ नामांकन?

  • कांग्रेस उम्मीदवार ने 3 लोगों को प्रस्तावक बनाया
  • उम्मीदवारी फॉर्म में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में गड़बड़ी
  • प्रस्तावकों ने फॉर्म में हस्ताक्षर होने से इनकार किया
  • चुनाव अधिकारी ने सत्यापन के लिए समय दिया था
  • कांग्रेस उम्मीदवार प्रस्तावकों को पेश नहीं कर पाए
  • जिसके बाद उनका नामांकन खारिज कर दिया गया।

हालांकि फैक्ट (Lok Sabha Intresting Facts) ये है कि 1951 से अब तक 35 नेता निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं। खास बात ये है कि इन 35 निर्विरोध विजेताओं में से सबसे ज़्यादा 21 नेता कांग्रेस के हैं। इस लिस्ट में समाजवादी पार्टी नेता डिंपल यादव (Dimpal Yadav, Samajwadi Party) , नैशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्लाह, नागालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री S.C. ज़मीर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री Y.B. चव्हाण, पूर्व केंद्रीय मंत्री P.M. सईद शामिल हैं। यानी किसी का निर्विरोध चुना जाना पहली बार नहीं हुआ।

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अधिकतर उम्मीदवार सामान्य या नियमित चुनावों में निर्विरोध चुनाव जीते हैं। जबकि डिंपल यादव समेत कम से कम नौ नेताओं ने उपचुनावों में निर्विरोध जीत (Lok Sabha Intresting Facts) हासिल की है।1957 के आम चुनाव में अधिकतम सात उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे। उसके बाद 1951 और 1967 के चुनावों में पांच-पांच उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत दर्ज की। 1962 में तीन और 1977 में दो जबकि 1971, 1980 और 1989 में एक-एक उम्मीदवार ने बिना किसी विरोध के जीत हासिल की।

आम चुनाव में जीते निर्विरोध

  • आनंद चंद (निर्दलीय) बिलासपुर 1951
  • टीए रामलिंगम चेट्टियार (कांग्रेस) कोयंबटूर 1951
  • टी सांगना (कांग्रेस) रायगढ़ फूलबनी 1951
  • कृष्णा चार्य जोशी (कांग्रेस) यादगीर 1951
  • मेजर जनरल एचएस हिम्मासिंह जी (कांग्रेस) हलार1951
  • डी सत्यनारायण राजू (कांग्रेस) राजमुंदरी 1957
  • संगम लक्ष्मी बाी (कांग्रेस) विकाराबाद 1957
  • बिजाय चंद्र भगवती (कांग्रेस) दरांग 1957
  • मंगरुबाबू उइके (कांग्रेस) मंडला 1957
  • एचजे सिद्दनानजप्पा (कांग्रेस) हसन 1957
  • मानवेंद शाह (कांग्रेस) टिहरी गढ़वाल 1962
  • टीटी कृष्णामाचारी (कांग्रेस) तिरुचेंजूर 1962
  • हरेकष्ण महताब (कांग्रेस) अंगुल 1962
  • कनुरी लक्ष्मण राव (कांग्रेस) विजयवाड़ा 1967
  • आर ब्रह्मा (कांग्रेस) कोकराझार 1967
  • मोहम्मद शफी कुरैशी (कांग्रेस) अनंतनाग 1967
  • कुशोक बकुला रिनपोछे (कांग्रेस) लद्दाख 1967
  • सेनयांगबा चुबातोशी जमीर (NNO) नागालैंड 1967
  • पीएम सईद (कांग्रेस) लक्षद्वीप 1971
  • रिनचिन खांडू खिमरे (कांग्रेस) अरूणाचल पश्चिम 1977
  • बहाजुक छेत्ती (कांग्रेस) सिक्किम 1977
  • फारूक अब्दुल्ला (JKNC) श्रीनगर 1980
  • मोहम्मद शफू भट्ट (JKNC) श्रीनगर 1989
  • मुकेश चंद्रकांत दलाल (BJP) सूरत 2024

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