कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है ना तो वहां के हुक्मरान को कुछ समझ आ रही है और ना ही जनता को ही राहत मिलती दिख रही है, नतीजा पाकिस्तान की शहबाज़ सरकार महंगाई कम करने का जो भी जतन कर रही है वो उल्टा पड़ रहा है, और महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है, और जनता का गुस्सा भी लगातार भड़क रहा है,
डॉलर के आगे पाकिस्तान का रुपया पस्त, सोने ने भी दिखाए तेवर
महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। डॉलर के मुक़ाबले पाकिस्तानी रुपये में एक ही दिन में क़रीब 25 रुपए की गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद डॉलर के मुक़ाबले पाकिस्तानी रुपया 255 तक पहुँच गया। इतना ही नहीं इसका असर सोने के दाम पर भी पड़ा, वहाँ एक दिन में ही एक तोले सोने की क़ीमत में क़रीब 5 हज़ार की बढ़ोतरी हुई, जिसके बाद 10 ग्राम सोने की क़ीमत 1 लाख 95 हज़ार 500 तक पहुँच गई,
IMF की शर्तों ने बढ़ाई परेशानी, उधारी रुकते ही दिक़्क़तें बढ़ी
पाकिस्तान में महंगाई अब तक के अपने सबसे ऊँचे स्तर पर है। अनाज और सब्ज़ियों में तो जैसे आग लगी हुई हो। जबकि बिजली संकट की मार तो पाकिस्तान झेल ही रहा है, ऐसे में पाकिस्तान ने IMF से कर्ज़ मांगा लेकिन IMF ने पाकिस्तान को कह दिया था कि उधार केवल एक सहारे के तौर पर मिल सकता है, लेकिन कमाई का विकल्प नहीं बन सकता, जैसे ही पाकिस्तान ने IMF की शर्त मानी और अपने रुपये को खुले बाज़ार की क़ीमत के हिसाब से खुला छोड़ा, वो औंधे मुंह गिर गया। पाकिस्तान को ये फ़ैसला इसीलिए भी लेने पड़ा क्योंकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली है। जिसकी वजह से वो कुछ भी इम्पोर्ट नहीं कर पा रहा। यही नहीं जो देश पाकिस्तान के साथ दोस्ती की कसमें खाते थे वो भी अब उससे किनारा कर रहे हैं। चीन तो उसे क़र्ज़ के जाल में फंसा ही चुका है, अमेरिका ने भी उस पर मेहरबानियां बंद कर दी।
ना सिर्फ चीन और अमेरिका बल्कि मुस्लिम देशों के साथ हमेशा खड़ा रहने वाला सऊदी अरब भी पाकिस्तान को बीच मझधार में छोड़ चुका है। इसीलिए IMF के आगे झुकने के अलावा पाकिस्तान के सामने दूसरा कोई रास्ता नहीं था।