हिंदू और हिंदू राष्ट्र को लेकर बाबा बागेश्वर अब तक अपने बयानों तक ही सीमित थे। सनातन के समर्थन में बाबा के बोल पर एक के बाद एक विवाद होते रहे हैं। लेकिन इस बार तो बाबा अपने हिंदू राष्ट्र के एजेंडे पर एक कदम आगे बढ़ गए। पहली बार बाबा बागेश्वर ने हिंदू राष्ट्र के रोडमैप का पूरा खाका सार्वजनिक कर दिया। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि हिंदू राष्ट्र की बात कोई जाति वाद की बात नही है। एक संस्कृति की बात है। उन्हें हम जानते नहीं हैं इसलिए ऐसी वाहियात बात पर क्या जवाब दे।
असल में बाबा बागेश्वर जब भी हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं। वो हिंदू एकता पर ज़ोर देते हैं। हिंदू राष्ट्र के लिए बाबा कभी जाति का ज़िक्र नहीं करते हैं। लेकिन बाबा के विरोधी जाति कार्ड के ज़रिए उनके हिंदू राष्ट्र के एजेंडे की काट ढूंढने में लगे हैं। यही वजह है कि बाबा बागेश्वर ने अब जाति कार्ड के ख़िलाफ़ ही अपना सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड चल दिया है।
बाबा बागेश्वर इन दिनों मध्य प्रदेश के बालाघाट में कथावाचन कर रहे हैं। बाबा के विरोधियों को लगता है कि बाबा के इस कथावाचन से इलाके के आदिवासी समुदाय पर असर होगा। इसलिए बाबा के इस कार्यक्रम के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी।याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया कि बालाघाट का भादूकोटा आदिवासियों के देवता बड़ा देव का पूजन स्थल है। और रामकथा से आदिवासियों की भावनाएं आहत होंगी।
हालांकि हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। और बालाघाट में बाबा का मंच शुरू हो गया।इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो अदालत मे गये उनकी ठटरी बंधे। जबलपुर के जज साब धन्य हैं। उसको जवाब देकर चुप करा दिया। वो कह रहा था बागेश्वर धाम आयेंगे तो संस्कार बिगड जायेगे, मिशनरीयो के आने से संस्कार बनते है क्या।
हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले बाबा बागेश्वर अक्सर धर्मांतरण का ज़िक्र करते हैं। उनके निशाने पर ऐसी संस्थाएं भी होती हैं जो आदिवासी इलाकों में काम करती हैं। इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भोले भोले जो बनबासी हैं। उन्हे प्रलोभन दिखाकर सनातन धर्म से दूर ले जाते हैं। हमारे दिल में उदार है, ताकि हमारा हिंदु भटके नहीं। आप लोगों में भगवान राम की छवि दिखाई देती है। आप अपना गौरव मत भूलना, भगवान राम का साथ दिया था। अब तुम्हारी फिर जरूरत है, अब तुम्हें हिंदू राष्ट्र का साथ देना होगा।
बागेश्वर महाराज अपने हिंदू राष्ट्र के एजेंडे पर अडिग हैं। उनके विरोधी अनके विरोध पर डटे हैं। बाबा अच्छी तरह जानते हैं कि अगर हिंदू राष्ट्र के एजेंडे में जातियों की बात हुई। तो बाबा के विरोधी उनपर हावी हो जाएंगे। लिहाजा बाबा अब ऐसे विरोधियों को अपने मंच से ही जवाब दे रहे हैं।
बागेश्वर महाराज अब तक अपनी पर्चियों की वजह से सुर्खियों में रहते आए हैं। लेकिन अब बाबा के विरोधी उनके हिंदू राष्ट्र के एजेडे पर हमला बोल रहे हैं। इस वार पलटवार में बाबा के विरोधी कानूनी दांव पेंच का भी सहारा ले रहे हैं। लेकिन फिलहाल बाबा के विरोधी कामयाब होते दिख नहीं रहे।