Atiq Ahmad: स्टीमर से भागी अतीक की पत्नी, माया नगरी को बनाया नया ठिकाना, मददगारों पर दबिश जारी

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अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश 80 दिनों से जारी है। शाइस्ता परवीन लगातार पुलिस को चकमा दे रही है। लेकिन अब पुलिस शाइस्ता के मददगारो की तलाश में जुट गई है। यूपी एसटीएफ सतना जाने वाले सड़क का सीसीटीवी खंगाल रहे हैं। शाइस्ता परवीन प्रयागराज के मारियाडीह गांव से स्टीमर से नदी के रास्ते संगम पहुंची। उसके बाद शाइस्ता संगम से कार से सतना पहुंच गई। उसके बाद वह सतना से ट्रक के जरिए मुंबई पहुंच गई।

असद, शाइस्ता और अतीक
असद, शाइस्ता और अतीक

माफिया अपराधी शाइस्ता परवीन के सभी मददगार इस वक्त पुलिस के रडार पर है। 17 अप्रैल को माफिया शाइस्ता परवीन प्रयागराज के मारियाडीह गांव में छिपी हुई थी। उसी दौरान एसटीएफ के डर से शाइस्ता स्टीमर पर सवार होकर नदी के रास्ते प्रयागराज के संगम पहुंची। उसके बाद शाइस्ता परवीन संगम से एक कार के जरिए सतना पहुंच गई। सतना से शाइस्ता परवीन ट्रेक से मुंबई पहुंच गई। जैसे ही यूपी एसटीएफ को इस रोड मैप की जानकारी मिली वैसे ही एसटीएफ की एक टीम मुंबई पहुंच गई है। यूपी एसटीएफ की टीम प्रयागराज से सतना जाने वाले सड़क पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है।

शाइस्ता परवीन जिस स्टीमर पर सवार होकर नदी के रास्ते संगम पहुंची थी। उस स्टीमर का मालिक धूमनगंज थाना क्षेत्र के मुंडेरा गेट नंबर 2 के पास का रहने वाला है। पुलिस ने स्टीमर मालिक को हिराशत में लेकर घंटों पूछताछ की है। इके साथ ही मारियाडीह गांव के निवासी गुड्डू मामा से भी प्रयागराज पुलिस ने घंटों पूछताछ की है। दरअसल, गुड्डू मामा अमरूद का बड़ा व्यापारी है। गुड्डू मामा पहले अतीक अहमद का नौकर भी रह चुका है। ऐसे में फरारी के दौरान शाइस्ता परवीन की गुड्डू मामा ने मदद की और उसे शरण दी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गुड्डू मामा अनेक राज का राजदार हो सकता है।

अतीक और उसकी पत्नी शाइस्ता
अतीक और उसकी पत्नी शाइस्ता

मारियाडीह गांव आने से पहले शाइस्ता परवीन असद के दोस्त अतीन जाफर के यहां छिपी हुई थी। किसी भी तरीके से अतीक अहमद के जनाजे में शामिल होना चाहती थी। लेकिन, पुलिस की मुस्तैदी की वजह से शाइस्ता परवीन डर गई। कसारी मसारी कब्रिस्तान जाने वाले सड़क से वापस लौट आई। बताया जा रहा है कि शाइस्ता परवीन कसारी मसारी कब्रिस्तान जाने वाले सड़क से सीधे मारियाडीह गांव चली गई थी। कुछ दिन गुड्डू मामा के यहां रहने के बाद वह स्टीमर से संगम पहुंची। उसके बाद एक कार के जरिए उसके सहयोगी ने उसे सतना पहुंचा दिया। हालांकि, शाइस्ता वहीं से भी जल्दी ही निकल गई। उसके बाद वह एक ट्रक से माया नगरी मुंबई पहुंच गई है।

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