अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के बाद से ही गुड्डू मुस्लिम चर्चाओं में है। कयास लगाए जा रहे हैं कि शूटर गुड्डू मुस्लिम ने ही अपने आका अतीक अहमद (ATIQ AHMAD) के साथ दगाबाज़ी की। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि गुड्डू मुस्लिम ने ही UP STF को अतीक के बेटे असद के लोकेशन के बारे में जानकारी दी थी, जिसेक बाद पुलिस के साथ एनकाउंटर में असद और शूटर गुलाम मारा गया था। हालांकि, इन कयासों के जवाब तो फिलहाल किसी के पास नहीं हैं, लेकिन गुड्डू मुस्लिम (GUDDU MUSLIM) का अतीत जरूर दगाबाजी वाला रहा है।
गुड्डू मुस्लिम के उतरते ही गाड़ी पर फायरिंग
गुड्डू मुस्लिम सिर्फ 18 साल की उम्र में हिस्ट्रीशीटर सत्येंद्र सिंह (SHATIENDRA SINGH) के साथ जुड़ा और उसका और भरोसेमंद बन गया। साल 1997 में सत्येंद्र सिंह अपने साथी गुड्डू मुस्लिम के साथ घर से निकलता है। गुड्डू मुस्लिम गाड़ी की अगली सीट पर बैठा था। कुछ दूर चलने के बाद गाड़ी रुक जाती है और गुड्डू उतरकर आगे खड़ी दूसरी गाड़ी में बैठ जाता है। जैसे ही गुड्डू की गाड़ी 100 मीटर आगे बढ़ती है तभी सत्येंद्र की गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग होती है। AK-47 से हुई इस गोलीबारी में सत्येंद्र सिंह मारा जाता है। इस घटना में गुड्डू बाल-बाल बच जाता है। कई मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया है कि गुड्डू मुस्लिम ने ही सत्येंद्र सिंह की मुखबिरी की थी।
अपने दोस्त की हत्या का आरोप
कहा जाता है कि हिस्ट्रीशीटर सत्येंद्र सिंह की जिस दिन हत्या हुई थी, उस रोज भी गुड्डू मुस्लिम सत्येंद्र की गाड़ी से उतरकर अपने साथी संतोष सिंह (SANTOSH SINGH) की गाड़ी में ही बैठा था। मतलब ये कि किसी अपराध को अंजाम देने में अब संतोष और गुड्डू साथ होते थे। वैसे ही एक दिन गुड्डू मुस्लिम के साथ संतोष सिंह लखनऊ के लिए निकला, लेकिन वापस घर नहीं लौटा। अगले दिन उसका शव रायबरेली में सड़क किनारे मिला था। ऐसा माना जाता है कि संतोष सिंह की हत्या में भी गुड्डू मुस्लिम का ही हाथ था।
श्रीप्रकाश शुक्ला के एनकाउंटर में भी गुड्डू का हाथ!
सत्येंद्र सिंह की हत्या के बाद से ही गुड्डू मुस्लिम बाहुबली श्रीप्रकाश शुक्ला (SHRI PRAKASH SHUKLA) के करीब आ गया। हर बड़ी वारदात में उसे श्रीप्रकाश शुक्ला का साथ मिलने लगा था। गुड्डू मुस्लिम भी श्रीप्रकाश शुक्ला को अपना गुरु मानने लगा था। 23 अक्टूबर 1998 को इनपुट मिलते ही STF ने दिल्ली में इंदिरापुरम के सुनसान इलाके में एक नीली कार को घेर लिया। इस कार में अपने दो साथियों के साथ श्रीप्रकाश शुक्ला बैठा था। उसे सरेंडर करने को कहा गया, लेकिन वह नहीं माना और फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में श्रीप्रकाश मारा गया। हालांकि इस बार भी गुड्डू मुस्लिम बच गया। ऐसा माना जाता है कि STF को गुड्डू मुस्लिम से ही श्रीप्रकाश शुक्ला का इनपुट मिला था।
STF को असद का लोकेशन देने का आरोप
2001 में खुफिया सूचना पर गोरखपुर पुलिस (GORAKHPUR POLICE) गुड्डू मुस्लिम को पटना के बेऊर जेल के पास से गिरफ्तार कर लेती है। इसके बाद माफिया अतीक अहमद की एंट्री होती है। अतीक ने तब गुड्डू को जमानत पर जेल से बाहर निकलवाया। अब गुड्डू अतीक का खासमखास बन गया। 13 अप्रैल को UP STF असद और गुलाम के झांसी में ही चिरगांव के पास होने का पता चला। यहां STF के पहुंचते ही दोनों ओर से क्रॉस फायरिंग हुई, जिसमें असद और गुलाम मारे गए। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि गुड्डू मुस्लिम ने खुद को बचाने के लिए ही STF तक असद और गुलाम के लोकेशन की जानकारी भेजी थी।