Kejriwal Ed Arrest: पिछले 2 महीने में 2 सिटिंग सीएम गिरफ्तार हो चुके हैं। हालांकि हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से ठीक पहले झारखंड के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद भी दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया। तो सवाल है कि क्या कोई सीएम जेल से सरकार चला सकता है? अगर कोई सीएम जेल में बंद हो तो क्या वो सरकारी फाइलों पर दस्तखत कर सकता है? क्या वो कैबिनेट की बैठक ले सकता है, और क्या वो अपने मंत्रियों से जेल में मुलाकात कर सकता है? जेल में बंद एक सीएम क्या क्या कर सकता है, और क्या नहीं, ये सवाल, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद हर किसी के मन में घूम रहा है। तो चलिए देश के संविधान में और क़ानून की किताब में इन सवालों के जवाब ढूंढते हैं।
Kejriwal Ed Arrest: जेल से सरकार चलाने के नियम
सुप्रीम कोर्ट कहता है कि रिप्रजेंटेशन ऑफ़ पीपल्स एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी मंत्री को जेल जाने पर पद से इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर करता हो। लेकिन अगर किसी मंत्री को 2 सा 2 साल से ज्यादा की सजा मिल जाती है तो उसे पद से इस्तीफ़ा देना ही पड़ता है। संविधान में किसी सीएम को जेल से सरकार चलाने पर भी कोई रोक नहीं है, लेकिन एक पेच जरूर है और वो है जेल अथॉरिटी की मंजूरी।
जेल प्रशासन की बड़ी भूमिका
जेल से सरकार चलाना कितना प्रैक्टिकल होगा ये जेल के नियमों से लेकर जेल प्रशासन की इज़ाजत पर निर्भर करता है। क्या सीएम केजरीवाल (Kejriwal Ed Arrest) जेल से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए या सभी मंत्रियों को बुलाकर कैबिनेट मीटिंग कर सकते हैं?, फ़ाइलों पर दस्तख़त कर सकते हैं? ये पूरी तरह से जेल प्रशासन की मंजूरी पर निर्भर करता है। बिना जेल प्रशासन की मंजूरी के सीएम केजरीवाल कैबिनेट मीटिंग नहीं कर पाएंगे। यानी कि अगर अरविंद केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा नहीं देते हैं और जेल से ही सरकार चलाने की मंशा रखते हैं तो इसमें जेल प्रशासन की बहुत बड़ी भूमिका होगी।
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Kejriwal Ed Arrest: केजरीवाल से पहले गिरफ्तार हुए CM
अब ज़रा भारतीय राजनीति में लोकतांत्रिक परंपरा पर भी एक नज़र डाल लीजिए। किसी राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए गिरफ़्तार होने वाले अरविंद केजरीवाल (Kejriwal Ed Arrest) पहले मुख्यमंत्री नहीं हैं। लेकिन गिरफ़्तारी के बाद भी सीएम पद पर बने रहने वाले शायद पहले सीएम हो सकते हैं, जो जेल से अपनी सरकार चलाएंगे। केजरीवाल से पहले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को भी ED ने गिरफ़्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी जगह चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने। इसी तरह तमिलनाडु में जयललिता भी मुख्यमंत्री पद पर रहते गिरफ्तार हुई थीं। तब उनके इस्तीफ़े के बाद पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया गया था। बिहार में लालू प्रसाद यादव ने गिरफ्तार होने के बाद सीएम पद से इस्तीफा दिया था, जिनकी जगह राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
यानी कि क़ानूनी बाध्यता न होने पर भी राजनीतिक नैतिकता और परंपरा की लाज रखते हुए इन नेताओं ने सीएम का पद छोड़ दिया। लेकिन अरविंद केजरीवाल शायद ऐसा न करें और भारतीय राजनीति में जेल से सरकार चलाने की एक नई रवायत शुरू करें