अमित शाह ने मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाक़ों का दौरा किया। उन्होंने वहां के चुराचांदपुर में अलग अलग संगठनों से मुलाक़ात की। इस महीने की शुरुआत से ही मणिपुर में ज़बरदस्त हिंसा हो रही है। और वहां के कई ज़िलों में हालात तनावपूर्ण है। इसी तनावपूर्ण हालात में अमित शाह ने मोर्चा संभाला। वो मणिपुर के चुराचांदपुर जिले पहुंचे। और वहां रहने वाले अलग अलग समुदायों के लोगो और संगठनों से मिले।
मणिपुर का चुराचांदपुर वो इलाक़ा है जहां सबसे ज़्यादा हिंसा हुई। इस ज़िले में कुकी और मैतेई समुदाय के लोगों की अच्छी ख़ासी आबादी है। जिनसे मिलकर अमित शाह ने मणिपुर में शांति कायम करने की कोशिश की। यही नहीं अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह की मौजूदगी में इंफ़ाल में भी बैठक की। उन्होंने अलग अलग सामाजिक संगठनों से चर्चा की। और मणिपुर में जल्द से जल्द शांति बहाली की कोशिश में जुट गए।
उधर हिंसा के बीच ममता बनर्जी ने एक दिन के लिए मणिपुर जाने की इजाज़त मांगी। उन्होंने इस बारे में गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी। ममता ऐसे वक़्त में मणिपुर जाना चाहती हैं, जब अमित शाह खुद वहां मौजूद हैं। इस बारे में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और इशारों में केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए मणिपुर जाने की इजाज़त मांगी। ममता एक दिन के लिए मणिपुर जाना चाहती हैं।
मणिपुर में हिंसा की वजह से बिगड़े हालात में कई तरह की पाबंदियां लागू हैं। और बिना केंद्र की अनुमति के कोई वहां नहीं जा सकता। ममता ने इसीलिए केन्द्र को चिट्ठी लिखकर इजाज़त मांगी। इस बीच मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिला।
भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियों के सूत्रों ने दावा किया कि चीन, मणिपुर में सोशल मीडिया के ज़रिए भारत विरोधी माहौल बना रहा है। भारत के बारे में चीन भ्रामक जानकारियों को फैला रहा है। इसके लिए उसने अपनी सेना की स्पेशल साइबर यूनिट को लगा रखा है। मतलब ये कि मणिपुर हिंसा की आग में चीन घी डालने का काम कर रहा है। भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियों के सूत्रों ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालकर चीन ने भारत के ख़िलाफ़ साइबर साज़िश रची है। अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चीन की तरफ़ से मणिपुर हिंसा को लेकर भड़काऊ बातें लिखी गई और कुछ भड़काऊ विडियो भी पोस्ट किए गए। उनमें से तो कई विडियो ऐसे भी थे जिनका मणिपुर हिंसा से कोई लेना देना तक नहीं।
चीन की तरफ़ से सोशल मीडिया पर भारतीय सुरक्षा बल और सेना पर मानवाधिकार हनन के आरोप लगाए गए। हालांकि भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने चीन की इस साइबर साज़िश का पर्दाफ़ाश कर दिया। मणिपुर में प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने और ऐसे भड़काऊ पोस्ट से दूर रहने की अपील की।