पाकिस्तान की तरह ही अमेरिका भी कंगाली के रास्ते पर बढ़ने लगा है। जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका पर डिफॉल्ट होने का खतरा मंडराने लगा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि बिलों के भुगतान करने लायक पैसें भी नहीं बचे हैं। ये आशंका अमेरिका की वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने जताई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका पर डिफॉल्ट होने का ख़तरा मंडरा रहा है।
उन्होंने अमेरिकी संसद के स्पीकर केविन मकार्थी को इस मुद्दे पर चेतावनी भरी चिट्ठी भी लिखी। जिसके मुताबिक़ 1 जून तक अमेरिका इस मुश्किल में फंस जाएगा कि उसके पास अपने बिलों का भुगतान करने के लिए भी कैश नहीं बचेगा। ऐसी स्थिति में अमेरिकी सरकार पर डिफ़ॉल्ट का तमग़ा लग सकता है। जिससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था के साथ साथ पूरी दुनिया में भूचाल आ जाएगा।
अमेरिकी वित्त मंत्री जैनेट येलेन के मुताबिक़ अमेरिका को इस समस्या से बचने के लिए Debt limit यानी ऋण सीमा हर हाल में बढ़ानी पड़ेगी। क्योंकि 2021 से लेकर अब तक अमेरिकी सरकार तय रक़म के मुताबिक़ खर्च कर चुकी है। इस दौरान 31 ट्रिलियन डॉलर यानी भारतीय रुपयों में क़रीब 254 लाख करोड़ ख़र्च हो चुके हैं। जिसकी वजह से अब बाइडन सरकार के पास पैसे ही नहीं बचे हैं। असल में अमेरिका में किसी भी सरकार के लिए Debt limit यानी ऋण सीमा का नियम है जिसके तहत वो सरकारी बैंक से उधार ले सकती है।