JAMIA CONVERSION: कुछ दिन पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत में धर्मांतरण पर गंभीर चिंता जताया था। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि देश में जिस तरह लालच और दबाव देकर धर्मांतरण का खेल चल रहा है, उससे एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी। हाईकोर्ट की ये चिंता इतनी जायज है ये दिल्ली की जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में धर्मांतरण के गंभीर आरोपों से समझ सकते हैं। क्योंकि जामिया के प्रोफेसर्स पर पक्की नौकरी का लालच देकर धर्मांतरण के आरोप लगे हैं।
दलित कर्मचारी पर धर्मांतरण का दबाव
जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के एक दलित हिंदू कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी के 3 प्रोफेसर उसपर जबरदस्त तरीके से धर्म परिवर्तन का दबाव डाल रहे हैं। धर्म ना बदलने पर उसे जाति सूचक अपमानजनक शब्दों से प्रताड़ित करते हैं। इसके साथ ही लालच देते हैं कि जिन लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म क़बूल कर लिया, उनकी temporary नौकरी परमानेंट कर दी गई।
राम निवास सिंह नाम के इस दलित कर्मचारी ने यहां तक आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी में जो लोग पहले धर्म परिवर्तन कर चुके हैं, उनकी temporary नौकरी परमानेंट हो चुकी है। राम निवास का आरोप है कि उन्हें ये कहा जाता है कि वो हिंदू पाखंडवाद के चक्कर में पड़े हैं। और अगर वो इस्लाम धर्म स्वीकार कर लें तो उनकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
रजिस्ट्रार समेत तीन प्रोफेसर पर आरोप
राम निवास सिंह जामिया मिल्लिया इस्लामिया के नेचुरल साइंस डिपार्टमेंट में काम करते हैं। उनका आरोप है कि उनपर धर्म परिवर्तन का दबाव 2022 से ही है। लेकिन पिछले 3-4 महीने से उन्हें ज़्यादा परेशान किया जा रहा है। उनका आरोप है कि जब वो अपनी शिकायत वहां के प्रोफेसर्स के पास जाते हैं तो उन्हें लालच दिया जाता है कि धर्म परिवर्तन करते ही उनकी नौकरी पक्की कर दी जाएगी।
राम निवास ने बताया है कि जामिया में धर्म परिवर्तन के इसी दबाव की वजह से सचिन नाम का कर्मचारी मोहम्मद अली बन चुका है। और मुसलमान बनने के बाद उसकी नौकरी पक्की हो चुकी है। राम निवास ने जामिया के जिन प्रोफेसर्स के खिलाफ़ उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है उनके नाम हैं प्रोफेसर नाजिम हुसैन जाफरी, जो रजिस्ट्रार हैं। नसीम हैदर, डिप्यूटी रजिस्ट्रार हैं और प्रोफेसर शाहिद तस्लीम, फॉरेन लैंग्वेज डिपार्टमेंट के हेड हैं।
पुलिस ने मामला दर्ज किया
राम निवास के इस आरोप के आधार पर दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के तीनों कर्मचारियों के ख़िलाफ़ sc/st एक्ट के तहत केस दर्ज़ कर लिया है। दूसरी ओर जामिया ने राम निवास के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। जामिया का कहना है कि राम निवास यूनिवर्सिटी के सुचारू रूप से चल रहे कामकाज में बाधा डालने की कोशिश कर रहा है।