पश्चिमी मीडिया के मुताबिक़ फ़िलिपींस के मुद्दे पर अमेरिका और चीन में तनाव बढ़ गया। अमेरिका ने चीन को चेतावनी देते हुए साफ कह दिया कि दक्षिण चीन सागर में वो अपनी उकसाने वाली हरकतों को बंद कर दे। अमेरिका का ये बयान ऐसे वक़्त में आया, जब दक्षिण चीन सागर में चीन और फ़िलिपींस के बीच तकरार युद्ध के मुहाने तक पहुंच चुकी है।
पश्चिमी मीडिया के मुताबिक़ दो दिन पहले अमेरिका और फ़िलिपींस ने सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए 6 पन्नों की नई गाइडलाइन्स पर सहमति जताई। जिसके तहत दक्षिण चीन सागर में फ़िलिपींस के साथ अमेरिका सैन्य सहयोग और ज़्यादा बढ़ाएगा। जिससे चीन की विस्तारवादी नीति पर नकेल सकी जा सके।
दरअसल चीन, फ़िलिपींस और अमेरिका के बीच हुई मिलिट्री ड्रिल के बाद बेहद गुस्से में है। पिछले हफ़्ते समंदर में उसने फ़िलिपींस के एक जहाज़ का रास्ता तक रोक दिया। क्योंकि वो लंबे वक़्त से दक्षिण चीन सागर को अपनी जागीर समझता है। उसे इस इलाक़े में किसी की दखल बर्दाश्त नहीं। इसी वजह से उसने एक साथ कई देशों को अपना दुश्मन बना लिया। जिसमें फ़िलिपींस, वियतनाम, मलेशिया, जापान और ब्रुनेई जैसे देश शामिल हैं।
चीन पर आरोप है कि वो इस इलाक़े में अपना दबदबा बनाने के लिए यहाँ मौजूद छोटे छोटे द्वीपों को हड़पने की फ़िराक में है। यहां तक आरोप लग चुके हैं कि चीन ने दक्षिण चीन सागर के कई विवादित टापुओं पर मिलिट्री बेस तक बना लिए। जिसके बाद आने वाले ख़तरे को देखते हुए फ़िलिपींस ने अमेरिका से दोस्ती बढ़ा ली। उसकी सेना को अपने सैन्य अड्डों का इस्तेमाल करने की छूट दे दी। मतलब ये कि अगर चीन ने फ़िलिपींस की तरफ आंख उठाकर देखा तो जवाब सीधे अमेरिका से मिलेगा।