KEJRIWAL LOK SABHA: 25 मई को दिल्ली में सभी सात सीटों पर मतदान होने जा रहा है। अरविंद केजरीवाल का सबसे पहला लक्ष्य इन्हीं 7 सीटों पर आम आदमी पार्टी और इंडिया एलायंस की दावेदारी को मजबूत करना है। अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर हैं। अंतिम चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने तक वो देश के सभी हिस्सों में चुनाव प्रचार कर सकेंगे।
इसलिए अब सबसे बड़ा सवाल ये भी उठता है कि क्या सॉफ़्ट हिन्दुत्व और पारिवारिक रिश्तों में भावुकता के एजेंडे को साथ लेकर अरविंद केजरीवाल जनता से सहानुभूति हासिल करने में कामयाब हो पाएंगे।
तिहाड़ से बाहर निकलने के बाद अरविंद केजरीवाल (KEJRIWAL LOK SABHA) की असल चुनौतियां शुरू हो चुकी है। दिल्ली और पंजाब में अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक परीक्षा होने वाली है।
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विधान सभा में AAP का तोड़ नहीं!
दिल्ली बीजेपी का एक ऐसा गढ़ है जो लोकसभा चुनाव में मोदी को अपनी पहली पसंद मानता है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर बहुत आसानी से और बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। विधानसभा की राजनीति में भले ही अरविंद केजरीवाल(KEJRIWAL LOK SABHA) का फिलहाल कोई तोड़ ना हो लेकिन दिल्ली में लोकसभा के मैदान में अरविंद केजरीवाल की अब तक नहीं चल पाई है।
केजरीवाल देश के पहले नेता बन चुके हैं जिनको चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम ज़मानत दी गई थी। और इसका फ़ायदा उठाने में केजरीवाल कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाले हैं। 25 मई को छठे चरण के मतदान में दिल्ली की सभी 7 सीटों पर वोट पड़ने वाले हैं।
केजरीवाल को प्रचार की छूट
अब अरविंद केजरीवाल के पास इन सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए 10 दिन से ज्यादा का वक्त मौजूद है लेकिन वो आम आदमी पार्टी जो अब तक ये कह रही थी कि केजरीवाल को जेल में रखकर चुनाव जीतने की साजिश की जा रही है अब सहानुभूति का कोई लाभ ले पाएगी, इस पर प्रश्नचिन्ह है।
वैसे भी अंतरिम जमानत में ये शर्त जुड़ी हुई है कि अरविंद केजरीवाल (KEJRIWAL LOK SABHA) शराब घोटाले में अपनी भूमिका पर अपनी चुनावी सभा में कुछ नहीं बोलेंगे। फिर भी अरविंद केजरीवाल के तरकश में सबसे बड़ा तीर मोदी का धुर विरोध है। तिहाड़ जेल से बाहर आते ही केजरीवाल ने अपने पहले ही भाषण में देश से अपील की है कि 140 करोड लोगों को तानाशाही से लड़ना है।
वहीं बीजेपी के नेता केजरीवाल की ईमानदारी पर बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की राजनीति पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने करारा प्रहार किया है।
पंजाब-दिल्ली में दांव पर साख
बड़ी बात ये भी है कि अरविंद केजरीवाल (KEJRIWAL LOK SABHA) को 1 जून तक जमानत दी गई है। दरअसल 1 जून को देश में सातवें और आखिरी चरण का मतदान है। इस आखिरी चरण के मतदान में पंजाब की सभी 13 सीटों पर वोट पड़ने जा रहे हैं।
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार चल रही है और अब अरविंद केजरीवाल, पंजाब के अंदर बड़ा चुनावी अभियान शुरू कर देंगे।लेकिन बीजेपी केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा मुद्दा बनाने में जुट गई है।
आम आदमी पार्टी सशर्त जमानत को एक बड़ी जीत मान रही है और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह तानाशाही के आरोपों को बड़ा मुद्दा बनाने में जुट गए हैं। वहीं बीजेपी के नेताओं के बयानों में ज़ोर इस बात पर है कि ईमानदारी का ढिंढोरा पीटकर सत्ता में आए केजरीवाल अब जमानत पर बाहर हैं।
बेल से AAP कार्यकर्ता में उत्साह
नोट करने वाली बात ये है कि अरविंद केजरीवाल (KEJRIWAL LOK SABHA) ने अदालत में याचिका गिरफ्तारी को गैर कानूनी साबित करने के लिए लगाई थी। यानी अरविंद केजरीवाल चाहते थे कि उनके ऊपर आरोप पूरी तरह से खारिज हो जाएं और वो इस केस में बरी हो जाएं लेकिन ऐसा नहीं हो सका। केजरीवाल जमानत पर रिहा हैं और अब अरविंद केजरीवाल के लिए एक और बड़ी चुनौती ये भी है कि उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।उन्हें इस मामले में जनता की अदालत में खरा उतरना है। और इसके लिए अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने एक पॉलिटिकल सोंग लॉन्च किया है जिसमें अरविंद केजरीवाल को एक ईमानदार नेता के तौर पर पेश किया गया है।
अरविंद केजरीवाल की रिहाई आम आदमी पार्टी के लिए उत्साह की लहर जरूर बनकर आई है। लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए बीजेपी की पहाड़ जैसी चुनौती है। और पंजाब में आम आदमी पार्टी की राह में BJP के साथ कांग्रेस भी खड़ी है।