NIA GANGSTERS LIST: गैंगस्टरों को उत्तर भारत की जेल से निकालकर अंडमान की जेल और अन्य राज्यों की जेल में भेजने का मकसद कोई छोटा नहीं हैं। सू्त्रों के हवाले से खबर है कि ऐसा करने पर गैंग के सदस्यों और गैंगस्टर के बीच एक खाई बन जाएगी। उन लोगों के बीच संपर्क नहीं होने के चलते गैंग का ख़त्म होना भी निश्चित हो जाएगा। ऐसे में एनआईए ने गैंग के मुखिया को दूसरे राज्यों में शिफ्ट करने की सलाह दी है।
अब ना गैंग के साथ गणित बैठ पाएगा… ना गुर्गों से मुलाकात होगी.. ना हिंदी पंजाबी भाषी मिलेगा और ना जेल से कोसों दूर तक कोई नेटवर्क मिल पाएगा। क्योंकि अब देश के कुख्यात गैंगस्टरों को अंडमान निकोबार और असम के डिब्रुगढ़ भेजने की तैयारी की जा रही है। जिनके उत्तर भारत की जेलों से दूर जाते ही उनके जुर्म के साम्राज्य का अंत निश्चित है। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की जेलों में बंद 24 से ज़्यादा गैंगस्टरों के माथे पर इस वक्त चिंता की लकीरें हैं।
NIA GANGSTERS LIST: क्राइम सिंडिकेट को ख़त्म करने की कोशिश
ये टेंशन सिर्फ गैंगस्टर्स से डॉन बने लॉरेंस बिश्नोई (NIA GANGSTERS LIST) की ही नहीं बल्कि उन सभी की है जो लॉरेंस बिश्नोई की कहानी में किरदार हैं। उत्तर भारत से दक्षिण भारत और अंडमान की जेल जाने पर इनके नेटवर्क की चेन पहली बार टूटेगी। इसको लेकर जांच एजेंसियों ने बड़ी प्लैनिंग की है। दावा किया जा रहा है कि अब गैंगस्टरों का काला साम्राज्य खत्म होने वाला है। इनके गैंग की कमर टूटने वाली है क्योंकि जिन जेलों में इन्हे शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है वहां पर उन्हें हर तरह से इन सुविधाओं से महरूम होना होगा। बिना इजाज़त वहां कोई पंख भी नहीं मार पाएगा।
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एनआईए के मुताबिक इस कदम से जेल से चल रहे क्राइम सिंडिकेट पर चोट लगेगी। वहीं बदमाशों के गुर्गों का मनोबल टूटेगा। इसके साथ ही नेटवर्क से जुड़े सदस्यों से संपर्क नहीं हो पाएगा। हिंदी और पंजाबी भाषा को सुनने समझने वाले कम मिलेंगे। जेल में मोबाइल मिल भी जाए तो नेटवर्क नहीं मिल पाएगा। ऐसे में तमाम रुकावटें इनके हौसलों को तोड़ देंगी।
NIA GANGSTERS LIST: मिट्टी में मिलने वाला है काला साम्राज्य
लॉरेंस बिश्नोई, कभी पंजाब तो कभी दिल्ली की जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है। कई खूंखार गैंगस्टर (NIA GANGSTERS LIST) अब तक उत्तर भारत की अलग अलग जेलों में बंद थे। तो कई का इन जेलों से ही नेटवर्क चलाने का दावा है। गैंगस्टर अपने गुर्गों के जरिए जेल से ही नेटवर्क ऑपरेट कर रहे हैं जिन्हें जेलों में आसानी से पैसा, फोन और गुर्गे मुहैया हो जाते थे। उन्हीं के बलबूते ये गैंगस्टर दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में अवैध वसूली, प्रॉपर्टी कब्जाना, धमकी देना और हत्या जैसी संगीन वारदातों को अंजाम देते आए हैं। लेकिन अब वो दौर खत्म होने वाला है। अब जेलों से गैंगस्टरों की बादशाहत खत्म होने वाली है। लॉरेंस जैसे गैंगस्टर का काला साम्राज्य मिट्टी में मिलने वाला है।
रखी जाएगी विशेष नजर
जेलों में राजा की तरह जिंदगी जीने वाला लॉरेंस बिश्नोई और उसके काले कारोबार से जुड़े गैंगस्टर अब ऐसी जेलों में अपनी ज़िंदगी काटेंगे। जहां उन्हें ना जानने वाला कोई होगा और न ही पहचानने वाला। वो अंडर ट्रायल कैदी की तरह वहां रहेंगे लेकिन उन पर खास नज़र रखी जाएगी।
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