France Protest: फ़्रांस में अभी भी बवाल पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है। एक नाबालिग़ की हत्या के बाद शुरू हुए फ़साद की आग ने न सिर्फ फ़्रांस बल्कि बगल के मुल्क बेल्जियम में भी बवाल खड़ा कर दिया। हालांकि एक जुलाई को दंगे थोड़े कम हुए हैं, लेकिन फ़्रांस के अलग अलग शहरों में अभी भी युवा बाहर निकल रहे हैं। इस दौरान एक साथ इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसमें कई जगहों पर पुलिस के साथ झड़प हो रही है। वैसे पूरे फ़्रांस में 50 हज़ार से ज़्यादा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। जिसमें दंगा रोकने वाली स्पेशल यूनिट भी शामिल हैं।
France Protest: 50 हज़ार से ज़्यादा पुलिसकर्मी तैनात
फ़्रांस में एक हफ्ते से बवाल जारी है। पूरा फ़्रांस फ़साद की आग में जल रहा है। पुलिसवालों के ख़िलाफ़ लोग सड़कों पर संग्राम करने उतर आए हैं। ऐसा लग रहा है जैसे फ़्रांस (France Protest) के शहरों में किसी तरह की जंग चल रही हो, जैसे फ़्रांस का हर एक शहर युद्ध का मैदान बन गया हो। देश भर में 50 हज़ार से ज़्यादा पुलिस वाले तैनात हैं लेकिन उत्तरी अफ्रीकी मूल के एक नाबालिग़ की मौत के बाद पैदा हुए इस संकट को रोक नहीं पा रहे।
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों एक के बाद एक कई मीटिंग कर चुके हैं। वो अपनी कैबिनेट को कई निर्देश जारी कर चुके हैं। एक हफ्ते में अब तक हज़ारों की संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया है। फ़िर भी लोगों का ग़ुस्सा शांत नहीं हो रहा है। आक्रोश की आग फ़्रांस के अलग अलग शहरों में देखी जा सकती है।
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France Protest: शहरों में दंगारोधी यूनिट तैनात
तीन बड़े शहरों पेरिस, लिओन और नर्सेल में सबसे ज़्यादा उत्पात (France Protest) हो रहा है। 45 हज़ार पुलिसकर्मियों का विशेष दस्ता दंगे रोकने की कोशिश में जुटा है। बख़्तरबंद गाड़ियां फ़्रांस के शहरों पर गश्त कर रही हैं। हेलिकॉप्टर की मदद से उपद्रवियों पर नज़र रखी जा रही है। सबसे ज़्यादा ख़राब हालात मध्य पेरिस में है जहां बहुत ज़्यादा तनाव है।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कार्यकाल का ये सबसे बुरा संकट है। जिससे निपटना फिलहाल उनकी पहली प्राथमिकता है। मैक्रों ने अपनी जर्मनी की राजकीय यात्रा को स्थगित कर दिया है। उन्हें 2018 का वो संकट पता है जब यलो वेस्ट विरोध प्रदर्शन की वजह से फ़्रांस के कई हिस्से पंगु बन गए थे। लिहाज़ा इस विरोध प्रदर्शन, आगज़नी, लूट पाट और फ़साद पर अगर जल्दी लगाम नहीं लगाई गई तो फ़्रांस के कई हिस्सों में हालात बहुत ही ज़्यादा ख़राब हो सकते हैं।
कई इलाक़ों में शांति वापस लौटी
हालांकि 4 दिनों तक भीषण बवाल के बाद पांचवें दिन दंगे (France Protest) थोड़े कम हुए हैं। 1 जुलाई को नाबालिग़ का अंतिम संस्कार किया गया। 17 जून को नाबालिग़ की गोली मारकर हत्या की गई थी। एक पुलिसवाले पर नाबालिग़ की हत्या का आरोप है। उस पुलिस वाले को भी गिरफ़्तार किया गया है। उस पर जान बूझकर हत्या करने का आरोप है।
मध्य पेरिस के साथ ही भूमध्यसागर के पास कुछ शहरों नर्सेल, नीस और स्थासबो में छिटपुट झड़पें हुईं। हालांकि सबसे बड़ा टकराव नर्सेल में देखने को मिला जहां पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े। देर रात तक शहर के केंद्र के आसपास उपद्रवियों के साथ सड़क पर संग्राम चलता रहा।
France Protest: कुछ इलाक़ों में पुलिसवालों से झड़पें
पेरिस में सोशल मीडिया पर शहर के ऐतिहासिक चैंप्स एलिसीज़ एवेन्यू पर इकट्ठा होने की अपील के बाद पुलिस ऐक्टिव हुई। वहां की सुरक्षा बढ़ाने के लिए Brav-M यूनिट को तैनात किया। जो बख़्तरबंद गाड़ियों से लैस होते हैं और शहरों में होने वाले दंगों को रोकने का काम करते हैं। हालांकि यहां भी पुलिस वालों को लोगों का ग़ुस्सा झेलना पड़ा। ये वो जगह है जो आमतौर पर पर्यटकों से खचाखच भरी रहती थी। हालांकि आज उस सड़क पर फ़साद (France Protest) हो रहा है, आगज़नी हो रही है। सड़क पर बड़ी संख्या में पुलिसवाले को तैनात किया गया। पुलिसवाले जगह-जगह जांच कर रहे हैं। पुलिसवाले लोगों को आगे बढ़ने से रोक रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि यहां पर हालात को सामान्य कर सकें।
France Protest: तीन हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी
फ़्रांस के गृह मंत्रालय के मुताबिक़ 30 जून की रात को 1,311 लोगों को गिरफ़्तार किया गया। 29 जून की रात 875 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। वहीं 1 जुलाई को 719 और अब तक क़रीब 3000 लोग पकड़े गए हैं।
वहीं फ़्रांस के लिओन शहर में पुलिस की CRS8 यूनिट को उतारा गया है। जो शहरों में हिंसा को रोकने के लिए ट्रेन्ड है। गुरुवार और शुक्रवार की रात लिओन में लूट और झड़प (France Protest) की कई घटनाएं हुई थीं जिसके बाद शनिवार को CRS8 नाम के विशेष बल को तैनात किया गया है। हालांकि लिओन में भी पिछले दिनों के मुक़ाबले दंगों की घटनाओं में कमी देखी गई है।
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