गाजियाबाद में खेल के नाम पर अधर्म फैलाने की वो कोशिश की गई। जिसके बारे में जिस किसी ने सुना वो हैरान रह गया। खेल को धर्म से जोड़कर जिहाद करने की वो तालीम दी गई। जिसे सुनकर आपकी रुह थर्रा जाएगी। एक गेमिंग ऐप कभी धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ये शायद आपके ज़हन में कभी आया भी हो। ये कहानी कुछ महीनों की नहीं बल्कि 2 साल से चली आ रही है।
एक ऑनलाइन ऐप के ज़रिए नाबालिग़ को कैसे शिकार बनाया जाता था? कैसे उसे अपने ही धर्म के खिलाफ किया जाता था और धर्म विशेष के प्रति कैसे रुचि जगाई जाती थी? आपको चार स्टेप में पूरा केस समझाते हैं।
धर्मांतरण के चार स्टेप समझिए
पहला स्टेप
ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर नाबालिग़ बच्चे टारगेट
गेम जीतने का लालच देकर आयत पढ़वाते थे
आयत पढ़ने के बाद जीत मिलने की बात करते थे
गेम का दूसरा खिलाड़ी जान बूझकर हार जाता था
नाबालिग़ बच्चे को लगता आयत पढ़ने से वो जीता
दूसरा स्टेप
टारगेट नाबालिग़ बच्चों की दूसरे ऐप पर चैटिंग होती थी
हिंदू लड़कों के नाम से आईडी बनाकर चैट करते थे
नाबालिग़ को धर्मांतरण के लिए उकसाया जाता था
तीसरा स्टेप
बच्चों को तारिक जमील के विडियो दिखाए जाते थे
ज़ाकिर नाइक की स्पीच के विडियो भेजे जाते थे
इस्लाम धर्म पर नाबालिग़ बच्चों का भरोसा बढ़ाया जाता था
धार्मिक रीति रिवाज़ों के बारे में जानकारी दी जाती थी
चौथा स्टेप
धार्मिक स्थलों पर जाने को कहा जाता था
नाबालिग़ बच्चों को नमाज़ पढ़ना सिखाया जाता था
ब्रेन वॉश करने के बाद धर्मांतरण कराया जाता था