गाज़ियाबाद में धर्मपरिवर्तन कराने वाले एक ऐसे गैंग का पर्दाफ़ाश हुआ है। जो हाईटेक तरीके से गैर इस्लामिक धर्मों के नाबालिग़ लड़कों को बरगलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराता था। ये गैंग ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर एक्टिव था। जो गेम खेलने वाले ऐसे बच्चों को शिकार बनाता था। जो गेम हार जाते थे फिर ये गैंग उन्हें गेम जितने के लिए कुरान की आयतें पढ़ने के लिए प्रेरित करता था। जो लड़का आयतें पढ़कर गेम खेलता था वो गेम जीत जाता। इस तरह से उनका ब्रेन वॉश किया जाता था और इस्लाम अपनाने के लिए उकसाया जाता था। धर्म परिवर्तन का ये पूरा खेल तीन स्टेप में चलता था। इस गैंग के पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश तब हुआ जब गाजियाबाद के जैन परिवार का नाबालिग बेटा घर से 5 बार निकलकर मस्जिद जाता था और नमाज पढ़ता था।
गाज़ियाबाद में धर्म परिवर्तन का मॉड्यूल
27 नवंबर, 2020 को उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने धर्मांतरण क़ानून लागू किया। लेकिन धर्मांतरण के मामले फिर भी रुकने का नाम नहीं ले रहे। कहावत है तू डाल डाल मैं पात पात… यानि कि योगी सरकार ने सूबे में धर्म परिवर्तन रोकने के लिए सख्त कानून बनाया तो धर्म परिवर्तन की साज़िश रचने वालों ने नया रास्ता ढूंढ लिया। नए तरीके इजाद कर लिए। इन साजिशकर्ताओं ने दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद में धर्म परिवर्तन का एक ऐसा मॉड्यूल तैयार किया जिससे पुलिस को कानोंकान भनक न लगे। लेकिन साज़िश का पर्दाफ़ाश तो एक दिन होना ही है, लिहाज़ा गाज़ियाबाद में चल रहे धर्म परिवर्तन के बेहद हाइटेक मॉड्यूल का भी पर्दाफ़ाश हो ही गया।
पुलिस ने किया साज़िश का पर्दाफ़ाश
धर्म परिवर्तन के इस हाइटेक मॉड्यूल के बारे में जानेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। आपको अपने बच्चों की फ़िक्र होने लगेगी। क्योंकि अगर आपका बच्चा नाबालिग है तो उस पर इस धर्म परिवर्तन गैंग की पैनी नज़र है। क्योंकि उन्हें पता है कि नाबालिग बच्चों को बरगलाना सबसे आसान होता है। बस ज़रूरत है तो उन्हें अपने जाल में फंसाने के लिए उनके पसंद की चीजों का फ़रेबी जाल बुनने की। जिसके बाद वो धीरे धीरे इस साज़िश का शिकार हो जाते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि गाज़ियाबाद में धर्म परिवर्तन का ये खेल कैसे चल रहा था और कैसे पुलिस ने इस साज़िश का पर्दाफ़ाश किया।
नमाज पढ़ने जा रहा था जैन धर्म का बच्चा
कहानी शुरू होती है गाज़ियाबाद के एक जैन परिवार से जो कवि नगर इलाके में रहता है। पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले जैन परिवार के मुखिया के मुताबिक उनका नाबालिग बेटा जिम जाने के नाम पर दिन भर में कई बार घर से घंटों के लिए बाहर रहता था। उसके व्यवहार में भी काफी बदलाव आने लगे थे। वो घरवालों से कटा कटा सा रहने लगा था। उसकी ये हरकतें घरवालों को परेशान करने लगी थीं। लिहाज़ा उस बच्चे के संजीदा पिता ने बच्चे पर नज़र रखनी शुरू की। फ़िर पिछले महीने 30 मई को वो नाबालिग लड़का जैसे ही घर से बाहर निकला। उसके पिता ने उसका पीछा किया, घर से बाहर निकलने के बाद नाबालिग सीधे संजय नगर के सेक्टर-23 स्थित एक मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए गया। ये देखकर पिता के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। जब बेटा मस्जिद से बाहर निकला को पिता ने बेटे से इस बारे में बात की। जहां नाबालिग बेटे ने इस्लाम को जैन समेत बाक़ी धर्मों से बेहतर बताया। उसने अपने पिता से बेधड़क कहा कि वो मन से इस्लाम धर्म को स्वीकार कर चुका है। घर आकर पिता ने बेटे के सामान खंगाले। उसके मोबाइल-लैपटॉप की जांच की, तो उसमें इस्लाम धर्म से जुड़े ढेरों कंटेंट मिले। जिसे देखकर पूरा जैन परिार सन्न रह गया।
मौलाना ने हिंदू और जैन धर्म के बच्चे को बहकाया
एक जैन परिवार का नाबालिग बेटा धर्म परिवर्तन का शिकार हो चुका था। लिहाजा घबराए पिता ने पुलिस को इत्तेला करने में देर नहीं की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की परत दर परत धर्म परिवर्तन के पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश हो गया। ये सब देखकर पुलिस भी सन्न रह गई। पुलिस ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी उस मस्जिद कमेटी का पूर्व मेंबर की की। जिसका नाम अब्दुल रहमान है। आरोपी अब्दुल रहमान ने बताया वो संजयनगर सेक्टर-23 की मस्जिद कमेटी का सदस्य था। दो महीने पहले ही उसे कमेटी से बाहर निकाल दिया गया था। उसने कुबूल किया कि वो गैर मुस्लिम लड़कों को इस्लाम की जानकारी देता था। इसी सिलसिले में उसकी पहचान एक साल पहले दो नाबालिग लड़कों से हुई। इसमें एक जैन और दूसरा हिन्दू था। उसने दोनों को ये बताया कि इस्लाम ही सबसे बड़ा और सबसे बेहतर धर्म है। उसके मुताबिक दोनों बच्चे उसकी बातों से धीरे धीरे प्रभावित होने लगे। उसने दावा कि दोनों बच्चे मस्जिद में आकर नमाज भी पढ़ने लगे थे। लेकिन जैन फैमिली को इसका पता चल गया। और पकड़े जाने के डर से उसने अपने मोबाइल की सारी हिस्ट्री और चैट डिलीट कर दी।
गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण का खेला
धर्म परिवर्तन का शिकार बने तीनों बच्चों में एक गाज़ियाबाद का दूसरा फ़रीदाबाद का और तीसरा चंडीगढ़ का बताया जा रहा है। पुलिस ने इस केस में तीन पीड़ित बच्चों से पूछताछ की है। जिसमें पीड़ित बच्चों ने धर्मांतरण गैंग के पूरे मॉड्यूल की जानकारी पुलिस को दी। धर्मांतरण गैंग ने गैर इस्लामी बच्चों को फंसाने के लिए 3 स्टेप में पूरा मॉड्यूल तैयार किया था जिसमें पहले स्टेप में एक ऐसा गैंग एक्टिव था जो मुस्लिम या अन्य धर्मों के नाम से ID बनाकर मोबाइल-कम्प्यूटर पर Fort Nite एप पर गेम्स खेलता था। अगर कुछ लड़के गेम हार जाते थे तो उन्हें कुरान की आयत पढ़वाई जाती थी और फिर उन्हें गेम जिताकर कुरान का भरोसा कायम किया जाता था। सेकेंड स्टेप में Discord App के जरिए मुस्लिम लड़के हिन्दू नाम की यूजर आईडी बनाकर हिन्दू लड़कों से चैटिंग करते थे। उन्हें इस्लामिक रीति-रिवाज अपनाने के लिए बहला-फुसलाते थे। तीसरे स्टेज में वे प्रतिबंधित इस्लामिक प्रवक्ता जाकिर नाईक के कुछ वीडियो स्पीच सुनाकर इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करते थे। साथ ही वे इस्लामिक कल्चर और रीति-रिवाज के संबंध में सारी जानकारी उपलब्ध कराते थे।
महाराष्ट्र से जुड़े धर्मांतरण के तार
गिरफ्तार मौलाना और पीड़ित बच्चों से पूछताछ के बाद पुलिस को मुंबई में BADDO नाम के एक व्यक्ति से ऑनलाइन संपर्क किया था। उसकी मूल पहचान खान शहनवाज मकसूद के रूप में हुई है। जो महाराष्ट्र में ठाणे का रहने वाला है। गाजियाबाद पुलिस की एक टीम शहनवाज को पकड़ने के लिए महाराष्ट्र रवाना हो गई है। गाज़ियाबाद पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। पुलिस उस धर्मांतरण गैंग का पूरा नेटवर्क तोड़ने में जुट गई है। और गाजियाबाद से महाराष्ट्र आरोपियों की तलाश जारी है।
यूपी सरकार ने जांच कमिटी बनाई
दिल्ली से सटे यूपी के ग़ाज़ियाबाद में धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद हड़कम्प मच गया। यूपी के अल्पसंख्यक मंत्री ने एक कमिटी बनाकर एक हफ़्ते में रिपोर्ट सौंपने की बात कही है। यूपी में लागू धर्मांतरण क़ानून लागू है। उसके बाद भी कई मामले सामने आ चुके हैं।
यूपी में 2020 से ही धर्मांतरण कानून लागू
यूपी में धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल के साथ ही 15 हजार से 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। इस कानून के तहत एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान है, जबकि जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा तीन से 10 साल और जुर्माना 50 हजार रखा गया है। इतने सख्त कानून के बावजूद धर्मांतरण गैंग यूपी में सक्रिय है और नए नए तरीकों से गैर इस्लामिक लोगों का धर्मांतरण करा रहा है।
यूपी में लागू धर्मांतरण कानून को समझिए
- 27 नवंबर 2020 से धर्मांतरण क़ानून यूपी में लागू
- इस मामले में 1 से 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान
- इसके साथ ही 50 हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगेगा
- वहीं पीड़ित अगर महिला या नाबालिग़ या SC/ST का हो तो
- 2 से 10 साल तक की क़ैद हो सकती है
- वहीं, जुर्माना कम से कम 25 हज़ार रुपये तक का लगाया जाएगा
- अगर अपराध जबरन सामूहिक धर्मांतरण का हो तो
- 3 से 10 साल तक की क़ैद हो सकती है
- वहीं जुर्माना कम से कम 50 हज़ार रुपये तक का लगाया जाएगा
- अगर अपराध जबरन धर्मांतरण का हो तो
- मुआवज़ा 5 लाख रुपये तक का मिलेगा
- और ये मुआवजा दोषी द्वारा पीड़ित को देना होगा
- वहीं, अगर अपराध बार बार जबरन धर्मांतरण का होगा तो
- सज़ा अधिकतम 20 साल क़ैद की हो सकती है