बाबा बागेश्वर के हिंदू राष्ट्र की मांग पर विवाद छिड़ गया है। कोई इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बता रहा है तो कोई इसे लोकतंत्र के। कांग्रेस नेता और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इसे माहौल खराब करने वाला बयान करते हुए धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ ऐक्शन तक की मांग कर दी है।
बाबा बागेश्वर यानी पंडित धीरेंद्र शास्त्री 10 दिन तक गुजरात के अलग-अलग शहरों में अपना दिव्य दरबार लगा रहे हैं। जिसकी शुरुआत सूरत से की हुई थी। अब दरबार अहमदबाद की ज़मीन पर लग गया है और अंत वडोदरा में होगा। सूरत की सभा के दोनों दिन बाबा बागेश्वर ने हिंदू राष्ट्र की मांग उठाई। हिंदूओं से एक होने का वचन लिया। लव जिहाद से बचने की हिदायद दी। पाकिस्तान में भी भगवा ध्वज फहराने का दावा किया। बाबा बागेश्वर की इन मांग पर तालियां भी बजीं। जयकारे भी लगे और विवाद के सुर भी बुलंद हुए। धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू राष्ट्र की मांग पर देश दो धड़ों में बंटता दिखा। एक वो जो उनके समर्थन में हाथ उठाए थे और दूसरे वो जो इसे हिंदुस्तान की संस्कृति के खिलाफ बता रहे थे। समाजवादी पार्टी से सांसद शफीक उर्ररहमान बर्क ने इस मांग का विरोध किया। इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
शफीकुर्रहमान का दावा है कि ये सोच महज़ सोच ही रह जाएगी। इससे ज़्यादा कुछ भी नहीं। वहीं कांग्रेस नेता प्रणव झा इसे मुद्दों से भटकाने वाला बयान बता रहे हैं। उनकी सोच से हिंदू राष्ट्र की बजाए अगर महंगाई, बेरोज़गारी जैसी परेशानियों को दूर किया जाए तो वो ज्यादा बेहतर होगा। वहीं केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से जब हिंदू राष्ट्र पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे बाबा बागेश्वर के मन की संतुष्टि बता दिया। कहा कि अगर उन्हें ये कहने से संतुष्टि मिलती है तो मिलने दें।
धीरेंद्र शास्त्री के गुजरात के चार शहरों में 7 जून तक कार्यक्रम होने हैं। सूरत के बाद वो अहमदाबाद में दरबार लगाए हैं। उसके बाद राजकोट और वडोदरा में दरबार लगेंगे। अहमदाबाद में 29 और 30 मई को दरबार लगे हैं। 1 और 2 जून को राजकोट में और 3 से 7 जून तक वडोदरा में रहेंगे।