बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने हिन्दू राष्ट्र का जो बयान दिया था। उस पर बवाल थमता नहीं दिख रहा। पहले तो जमीयत उलेमा ए हिन्द के अधिवेशन में मौलाना हसन मदनी ने हिन्दू राष्ट्र वाले बयान के ख़िलाफ़ बोला। तो उसके बाद अक्सर सनातन संस्कृति और साधु संतों पर विवादास्पद बातें कहने वाले समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर बाबा को संविधान विरोधी, राष्ट्र विरोधी और देश को बांटने वाला क़रार दे दिया।
धीरेंद्र शास्त्री लगातार अपना दिव्य दरबार लगा रहे हैं। अपने पांडाल में आने वालों की समस्याओं को हल करने के दावे कर रहे हैं। और साथ में रह रह कर सनातन संस्कृति और हिन्दू धर्म पर अपनी विशेष टिप्पणी भी पेश कर रहे हैं। लेकिन साथ में उनके ख़िलाफ़ एक बाद एक हमले हो रहे हैं। और इसी कड़ी में आल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने बाबा बागेश्वर की तुलना SIMI और PFI से कर दी। और कहा कि जैसे PFI और SIMI पर इस्लामिक स्टेट के लिए मूवमेंट चलाने के लिए बैन लगा है। वैसे ही हिन्दू राष्ट्र की मांग करने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर भी बैन लगना चाहिए।
अपनी हिन्दू राष्ट्र की मांग पर क़ायम धीरेंद्र शास्त्री को अगर संत समाज से समर्थन मिल रहा है। तो वहीं उनके ख़िलाफ़ भी आवाज़ें उठ रही हैं। कोई धीरेंद्र शास्त्री को देश को बांटने वाला बता रहा है। तो कोई उन पर बैन लगाने की मांग कर रहा है। और कोई धीरेंद्र शास्त्री को गद्दार क़रार दे रहा है
ऐसा नहीं है कि इन सब हमलों पर धीरेंद्र शास्त्री ख़ामोश हैं। धीरेंद्र शास्त्री अपनी कथाओं में इन हमलों का जवाब भी दे रहे हैं। और कह रहे हैं कि वे हिन्दू राष्ट्र की बात करते रहेंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि मैंने अर्जी लगाई है। आप लोग भी लगाइए कि भारत हिन्दू राष्ट्र बन जाए। और तो और ये भी कहा कि उन्होंने ये भी अर्ज़ी लगाई है कि विरोधियों की ठठेरी बंध जाए। धीरेंद्र शास्त्री सिर्फ़ हिन्दू राष्ट्र की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे राम जन्मभूमि के बाद कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा भी उठाने लगे हैं।