तीन दिनों के लिए दुनिया और हिंदुस्तान की जन्नत यानी श्रीनगर में G20 की बैठक हुई। G20 के मेहमानों के स्वागत के लिए श्रीनगर पूरी तरह से तैयार दिखा। जहाँ हर तरफ G20 की तैयारी की झलक साफ़ नज़र आई। श्रीनगर की डल झील पर बने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में G20 की बैठक हुई। इस दौरान G20 देशों के 60 प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में ग्रीन टूरिज्म, डिजिटलाइजेशन, स्किल्स, MSME और डेस्टिनेशन मैनेजमेंट जैसे पांच प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा हुई।
24 मई तक हुई इस G20 की बैठक को लेकर कश्मीर में हाई अलर्ट था। घाटी में हवा, पानी और जमीन पर NSG, मरीन कमांडो की चौकस नजर थी। भारतीय सेना के साथ ही BSF, CRPF, SSB और जम्मू-कश्मीर पुलिस को भी तैनात किया गया था। जम़ीन से लेकर डल लेक तक में हथियारबंद कमांडो की तैनाती थी। ड्रोन से आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए एंटी ड्रोन डिवाइस भी लगाए गए थे। एक वक्त था जब श्रीनगर में आतंक का साया नजर आता था। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। अब अमन शांति की तस्वीर जमीन पर साफ नजर आ रही है। धारा 370 के हटने के बाद से कश्मीर का माहौल बदला है। इसी का नतीजा है कि करीब 3 दशक बाद विदेशी पर्यटकों की तादाद कश्मीर में बढ़ी है।
विदेशी सैलानियों की तादाद ऐसे वक़्त पर बढ़ी है, जब G20 की मीटिंग श्रीनगर में हुई। यानि मीटिंग का असर दिखने लगा है। कश्मीर आए पर्यटक और वहां के कारोबारी G20 बैठक को कारोबार के लिए बेहतर बता रहे हैं। ये पहला मौका है जब धारा 370 के खात्मे के बाद अंतरराष्ट्रीय इवेंट श्रीनगर में हुआ। अब दुनिया कश्मीर को भारत की नजर से देख रही है। और ये बात हिंदुस्तान का एक एक नागरिक भी कह रहा है। दूसरे राज्यों से पहुंच रहे पर्यटक भी श्रीनगर में होने वाली G20 की बैठक से गर्व महसूस कर रहे हैं।
सुरक्षा के महाकवच के बीच महाबैठक हुई। G20 की बैठक को लेकर सुरक्षाकर्मी चप्पे चप्पे पर मौजूद रहे। और आतंकियों को चुनौती दे रहे हैं कि अब ये हिंदुस्तान सहेगा नहीं बल्कि आतंक का मुंह तोड़ जवाब देगा।