तुर्की ने बाइडन को बड़ा झटका दे दिया। पश्चिमी मीडिया के मुताबिक़ यूक्रेन को S 400 एयर डिफ़ेंस सिस्टम देने की अमेरिका की सलाह को तुर्की ने ख़ारिज कर दिया। तुर्की के विदेश मंत्री ने साफ़ कह दिया कि वो यूक्रेन को S-400 देकर तुर्की को ख़तरे में नहीं डाल सकते। पश्चिमी मीडिया के मुताबिक़ अमेरिका ने तुर्की को प्रस्ताव दिया था कि वो रूस से ख़रीदे गए S-400 एयर डिफ़ेंस सिस्टम को यूक्रेन भेज दे। ताकि यूक्रेन की सेना रूस के ख़िलाफ़ लड़ाई में उनका इस्तेमाल कर सके। अब तुर्की ने इससे इनकार करते हुए दावा किया कि उसने S-400 अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए ख़रीदा है। इसीलिए वो उसे किसी भी देश को नहीं देगा।
हालांकि ये वही S-400 डिफ़ेंस सिस्टम है जिसे रूस से ख़रीदने की वजह से अमेरिका तुर्की से नाराज़ हो गया था। उसने तुर्की को F-35 फ़ाइटर जेट देने की डील पर रोक लगा दी थी। जबकि तुर्की ने अमेरिका के साथ 100 से ज़्यादा F-35 ख़रीदने की डील की थी। अमेरिका की तरफ़ से लगातार दबाव बनाया गया कि तुर्की रूस से S-400 ना ख़रीदे। लेकिन अमेरिका के विरोध के बावजूद तुर्की ने रूस के साथ समझौता कर साल 2019 में उससे ताक़तवर S 400 एयर डिफ़ेंस सिस्टम हासिल कर लिया।
रूस का ये मिसाइल डिफेंस सिस्टम 10 सेकेंड में दुनिया के सबसे अच्छे फ़ाइटर जेट को भी तबाह करने की क्षमता रखता है। जंग के मैदान में रूस की सेना S 400 की मदद से यूक्रेन को भारी नुक़सान भी पहुंचा चुकी है। दुनिया इस ख़तरनाक एयर डिफ़ेंस सिस्टम की शक्तियों से पूरी तरह से वाक़िफ़ है। दावा है कि इसीलिए अमेरिका इसे यूक्रेन को मदद के तौर पर देना चाहता था। क्योंकि ज़ेलेंस्की भी पश्चिमी देशों से लगातार ख़तरनाक हथियारों की मांग करते आए हैं। S 400 मिलने पर उनकी ये मुराद पूरी हो सकती थी।
रूस का ये हथियार 400 किलोमीटर दूर और 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद दुश्मन को तबाह कर सकता है। इसमें 12 लॉन्चर होते हैं जिनसे एक साथ तीन मिसाइलें दाग़ीं जा सकती हैं। ये दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और ड्रोन को एक साथ ध्वस्त करने की ताक़त रखता है। लेकिन तुर्की के इनकार ने अमेरिका के साथ साथ यूक्रेन के अरमानों पर पानी फेर दिया।