रूस का एक और पड़ोसी देश NATO में होगा शामिल, पुतिन दे चुके हैं अंजाम भुगतने की धमकी

स्वीडन ने NATO सदस्यता पाने के लिए नया क़ानून बनाया है। जिसके बाद उसे उम्मीद है कि NATO में शामिल कर लिया जाएगा। इससे पहले तुर्की के विरोध की वजह से स्वीडन को NATO में शामिल नहीं किया गया था।

इसे जरूर पढ़ें।

स्वीडन ने NATO की सदस्यता पाने के लिए नया क़ानून बना लिया। इस नए क़ानून की मदद से स्वीडन को आतंकवाद पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। तुर्की ने स्वीडन पर आतंकियों पर सख़्ती ना बरतने का आरोप लगाया था। जिसकी वजह से NATO में उसकी एंट्री नहीं हो पाई थी।

बाइडन, पुतिन और सना मरीन
बाइडन, पुतिन और सना मरीन

अब इस नए क़ानून को लाकर स्वीडन चाहता है कि वो तुर्की की शिकायतें दूर करे। ताकि NATO में शामिल होने का उसका सपना पूरा हो सके। स्वीडन का मानना है कि आतंकवाद विरोधी क़ानून के ज़रिए उसे NATO में एंट्री मिल जाएगी। क्योंकि पिछले साल जब स्वीडन ने NATO का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया था। तो तुर्की के अलावा सभी 28 NATO सदस्यों ने उसे मंजूरी दे दी थी। लेकिन तुर्की और हंगरी ने आतंकवाद के मुद्दे पर अडंगा लगा दिया था।

तुर्की का आरोप था कि स्‍वीडन और फ़िनलैंड दोनों मिलकर तुर्की विरोधी आतंकी संगठनों को खुला समर्थन देते रहे हैं। तुर्की का इशारा कुर्दिस्‍तान वर्कर्स पार्टी की ओर था। जो तुर्की से अलग देश की मांग करने वाला संगठन है। तुर्की की उसी शिकायत के बाद स्वीडन ने बड़ा क़दम उठाते हुए इस आतंकवाद विरोधी क़ानून को बनाने का फ़ैसला किया था। ताकि जब वो NATO में फिर से आवेदन करे तो इस बार सभी सदस्य उसका साथ दें। इस नए क़ानून के तहत आतकंवादी गतिविधियों में शामिल होने पर 4 से 8 साल तक की सज़ा का प्रवाधन रखा गया। जिसे 1 जून से लागू कर दिया जाएगा।

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही स्वीडन NATO में शामिल होना चाहता है। क्योंकि उसे डर है कि कहीं रूस उस पर भी हमला ना कर दे। क्योंकि बाल्टिक सागर के सामने ही स्वीडन है और रूस का कलीनिनग्राथ बाल्टिक सागर से लगा हुआ है। रूस की नौसेना का बाल्टिक सागर मुख्यालय भी कलीनिनग्राथ में ही है। यही वजह है कि स्वीडन NATO में शामिल होना चाहता है। अभी हाल ही में इसका पड़ोसी देश फिनलैंड NATO का सदस्य बना है। जिसके बाद से ही स्वीडन के भी NATO में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article